डेस्क: उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर रूस को हथियार पहुंचाने की मनगढ़ंत कहानी बनाने का मंगलवार को आरोप लगाते हुए कहा कि उसने रूस को कभी भी गोला बारूद नहीं दिए. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने उत्तर कोरिया पर गुप्त रूप से रूस को गोला-बारूद की आपूर्ति करने का पिछले सप्ताह आरोप लगाया था. किर्बी ने कहा था कि अमेरिका का मानना है कि उत्तर कोरिया यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि उन्हें पश्चिम एशिया या उत्तरी अफ्रीका के देशों में भेजा जा रहा है.
किर्बी ने कहा था कि उत्तर कोरिया रूस को गुप्त रूप से गोला-बारूद की आपूर्ति कर रहा है, लेकिन हम अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि शिपमेंट (खेप) वास्तव में प्राप्त हुई है या नहीं. सरकारी मीडिया ने मंत्रालय के सैन्य संबंधी विदेश मामलों के कार्यालय के एक उप निदेशक के हवाले से कहा, हम अमेरिका के इस तरह के कदमों को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र पर (उत्तर कोरिया) की छवि खराब करने के उसके शत्रुतापूर्ण प्रयास के हिस्से के रूप में देखते हैं.
अमेरिका को नॉर्थ कोरिया की धमकी
उप निदेशक ने कहा, हम एक बार फिर स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमने रूस को कोई गोला बारूद नहीं भेजे और भविष्य में भी ऐसा करने की कोई योजना नहीं है. अमेरिकी अधिकारियों ने सितंबर में एक अमेरिकी खुफिया जानकारी के आधार पर पुष्टि की थी कि रूस, उत्तर कोरिया से लाखों रॉकेट और गोला बारूद खरीदने की तैयारी कर रहा है. हालांकि उत्तर कोरिया ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा था कि अमेरिका को ऐसे लापरवाही भरे बयान देने से बचना चाहिए और अपना मुंह बंद रखना चाहिए.
लगातार मिसाइल टेस्ट कर रहा नॉर्थ कोरिया
उत्तर कोरिया की सेना ने कहा कि उसने हाल में मिसाइल परीक्षण अपने प्रतिद्वंद्वियों दक्षिण कोरिया और अमेरिका के हवाई अड्डों जैसे ठिकानों को निशाना बनाने और उनके ऑपरेशन कमांड सिस्टम को पंगु बनाने की तैयारी के तौर पर किए थे.उत्तर कोरिया ने पिछले हफ्ते दर्जनों मिसाइलें दागीं और युद्धक विमानों का अभ्यास किया, जिस कारण दक्षिण कोरिया और जापान के कुछ क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए अलर्ट जारी किया गया था.
अमेरिका, नॉर्थ कोरिया में पुरानी बैर
उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास के विरोध में यह प्रक्षेपण किए थे. उत्तर कोरिया इस तरह के अभ्यास को युद्ध का पूर्वाभ्यास बताता है. अमेरिका और दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने इस कार्रवाई पर कहा था कि वे अपने संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और अधिक बढ़ाएंगे. उन्होंने उत्तर कोरिया को आगाह किया कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से किम के शासन का अंत होगा.