जबलपुर न्यूज़ (Jabalpur News)

डॉक्टर का भरने लगा पाप का घड़ा

  • बड़ा अनोखा डॉक्टर है अंकित अग्रवाल, एक बार में सीने में डालता है चार स्टंट!!!!
  • अग्निबाण में खबर प्रकाशित होने के बाद पीडि़त आने लगे सामने
  • परिजन पर नागपुर ले जाने का दबाव बनाने लगा था डॉक्टर अंकित अग्रवाल

जबलपुर। अग्निबाण द्वारा पिछले अंक में इंफिनिटी हार्ट सेंटर के डायरेक्टर डॉ अंकित अग्रवाल के कारनामे का खुलासा किया था कि कैसे मनचली ट्रेवल्स के मालिक विजय सोनकर का गलत इलाज करने के उपरांत विजय सोनकर की कुछ दिन में ही मौत हो गई थी। अग्निबाण द्वारा प्रकाशित यह खबर आग की तरह सभी जगह फैल गई, जिसके बाद ऐसे और भी पीडि़त अग्निबाण कार्यालय में संपर्क बनाने में लगे हुए हैं और अपनी दास्तां बता रहे हैं कि कैसे डॉ अंकित अग्रवाल द्वारा उनके साथ भी गलत प्रकार से ऑपरेशन करके के मौत के मुंह में धकेलने की कोशिश की गई। जब विरोध किया गया तो मामले से पल्ला झाड़ लिया। अग्निबाण कार्यालय पहुंचे पीडि़त ने बताया है कि डॉ अंकित अग्रवाल द्वारा बाकायदा उसको एक साथ चार स्टंट डाले गए (डॉक्टर द्वारा मरीज को कहा गया है)। अर्थात डॉक्टर ने मेडिकल साइंस को भी पीछे छोड़ दिया और कार्ड से इलाज करने की बात की आड़ में स्टंट के नाम पर जमकर पैसे वसूले थे।
विजय सोनकर के भतीजे सिद्धार्थ सोनकर ने बताया कि 17 को एंजियोप्लास्टि होने के बाद विजय सोनकर को 19 फरवरी को डिस्चार्ज कर दिया गया था। 19 फरवरी की रात को अचानक फिर से उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद परिजन फिर उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे थे। परिजनों ने बताया कि 20 फरवरी की सुबह डॉ अंकित अग्रवाल ने जांच के बाद अचानक डॉप्लर की जांच के लिए रानीताल स्थित जैन पैथोलॉजी भेजा। जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉ अंकित अग्रवाल अचानक घबराते हुए अंदाज में परिजनों पर विजय सोनकर को नागपुर ले जाने का दबाव बनाने लगा। परिजनों द्वारा बार-बार पूछने पर भी डॉ अंकित अग्रवाल ने कोई जानकारी नहीं देते हुए तत्काल नागपुर ले जाने की बात करता रहा। और अस्पताल में विजय सोनकर को भर्ती नहीं किया। इससे परिजनों के मन में शंका तो जाहिर हुई कि एंजियोप्लास्टी के दौरान डॉक्टर से ऑपरेशन में कुछ गलती हो गई है। लेकिन डॉ के दबाव बनाने के बाद परिजन विजय सोनकर को उपचार के लिए नागपुर ले गए। परिजनों ने बताया कि इस दौरान डॉक्टर अग्रवाल उन्हें लगातार दर्जनों फोन कर विजय सोनकर के स्वास्थ्य की जानकारी लेते रहे। दो दिन बाद नागपुर से लौटने के बाद सुबह 4 बजे विजय सोनकर की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर अंकित अग्रवाल द्वारा ऑपरेशन के दौरान हुई गलती के कारण ही वह भयवष नागपुर ले जाने का दबाव बनाता रहा और अपनी गल्ती पर पर्दा डालने का प्रयास करता रहा।


गुनाहों पर पर्दा डालने प्रयास करता रहा डॉक्टर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मनचली ट्रेवल्स के संचालक विजय सोनकर की मृत्यु के उपरांत डॉ अंकित अग्रवाल अपनी गलती को छुपाने शहर भर के चिकित्सकों से फोन पर संपर्क करता रहा। डॉ अग्रवाल चिकित्सकों से ऑपरेशन को सही बताते हुए अपने आप को बेगुना बताने में लगा रहा। वहीं बताया जा रहा है कि विजय सोनकर के परिजनों द्वारा मामले को लेकर अब कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अध्ािकारी से भी मामले की शिकायत की जाएगी। और दोषी डॉक्टर अङ्क्षकत अग्रवाल पर कार्यवाही की मांग की जाएगी। बताया यह भी जा रहा है कि वियज सोनकर के परिजनों के पास कुछ ऐसी रिपोर्ट भी है जिससे डॉक्टर अंकित अग्रवाल द्वारा किए गए गलत ऑपरेशन का साफ पता चलता है।

  • क्या है मामला?
    पीडि़त द्वारा नाम की गोपनीयता की शर्त पर बताया गया कि सीने में दर्द की शिकायत के उपरांत वह इंफिनिटी हार्ट सेंटर पहुंचा जहां पर डॉक्टर अंकित अग्रवाल ने एंजियोग्राफी करने के बाद सीडी चलाकर उसे ब्लॉकेज होने की बात कही। घबराते हुए पीडि़त बोला कि आप इलाज कर दीजिए । 4 जगह ब्लॉकेज का होना बताकर डॉ अंकित अग्रवाल ने स्टंट डालने की बात कही। अर्थात कम से कम 4 लाख तक खर्चा निजी तौर पर आने की संभावना जताई। बात सुनकर पीडि़त ने आयुष्मान कार्ड दिखाया और बोला कि इसके द्वारा इलाज हो सकता है क्या! आयुष्मान कार्ड देखकर डॉ अंकित अग्रवाल ने सरकारी स्टंट की क्वालिटी को खराब बता कर प्राइवेट स्टंट डालने का दबाव बनाया। इस दौरान एक स्टंट की कीमत 32351 बताकर चार स्टंट डालने की बात कही। अर्थात आयुष्मान कार्ड की आड़ में डॉक्टर द्वारा मरीज से पैसे भी लूटे जा रहे थे दूसरी तरफ मरीज के परिजनों से बाकायदा स्वेच्छा पूर्वक स्टंट डालने की बात को लेटर में लिखवा कर साइन भी करवाया गया और चार स्टंट के नाम पर पैसे ऐंठ लिए गए।

शिकायत में हुआ दूध का दूध-पानी का पानी
परिजनों द्वारा मामले पर जब अपने कुछ बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों से बात की गई तो मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए मरीजों के परिजनों ने डॉक्टर की कार्यप्रणाली का विरोध किया। और इसकी शिकायत विक्टोरिया स्थित आयुष्मान विभाग मे की। आयुष्मान विभाग के अधिकारियों ने अस्पताल की मामले में खोज खबर ली तो डॉक्टर साहब पुन: सकते में आ गए और फटाफट तीन स्टंट का पैसा वापस कर दिया। डॉक्टर द्वारा पैसा वापिस करना इस बात को सिद्ध करता है कि डॉक्टर द्वारा आयुष्मान कार्ड की आड़ में लगातार कई मरीजों से इस प्रकार से पैसे ऐंठे जा रहे हैं।

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