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ब्याज दरें बढ़ने से सोना ढाई साल के निचले स्तर पर पहुंचा, आगे कीमतों में और आ सकती है कमी

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें बुधवार को अप्रैल, 2020 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गईं। इसका भाव 1,663.68 औंस प्रति डॉलर रहा जो ढाई साल पहले भी इसी स्तर पर था। बढ़ती ब्याज दरों से निवेशक अभी से सावधानी बरत रहे हैं। वे अब जरूरी चीजों पर खर्च करने की योजना बना रहे हैं।

कॉरपोरेट एडवाइजरी फर्म एयरगाइड के निदेशक माइकल लैंगफोर्ड ने कहा, सोने के लिए वर्तमान में बाजार फेडरल नीति के फैसले पर कारोबार कर रहा है। संभावित रूप से इसमें आगे और अस्थिरता रह सकती है। बुधवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में इजाफा कर दिया जिसका असर सोने की कीमतों पर दिखेगा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक तपन पटेल कहते हैं कि हमारा अनुमान है कि सोने का भाव आगे चलकर और नीचे जा सकता है और इसे 1,640 डॉलर औंस पर सपोर्ट मिल सकता है।


रुपये में पांच महीने के निचले स्तर पर
भारतीय बाजार में सोना बुधवार को अप्रैल, 2022 के बाद निचले स्तर पर पहुंच गया। एमसीएक्स पर गोल्ड फ्यूचर मंगलवार की तुलना में बिना किसी बदलाव के 49,871 रुपये प्रति दस ग्राम पर रहा। सोने की कीमतें गिरने और साथ ही त्योहारी सीजन शुरू होने से सोने की मांग में तेजी देखी जा रही है। गोल्ड स्पॉट की कीमतें एक हफ्ते में 1,300 रुपये प्रति दस ग्राम गिरी हैं।

  • सोना मुख्य रूप से महंगाई से लड़ने में मदद करता है। हालांकि भारतीयों का सोने से खासा लगाव है और वे इसे आपातकाल में काम आने के लिए खरीदते हैं।

डॉलर की तुलना में रुपया टूटकर 80 के करीब
घरेलू बाजार में गिरावट व विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने से डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को 22 पैसे टूटकर 80 के करीब 79.96 पर बंद हुआ। सूत्रों ने कहा, निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले के इंतजार में हैं। इसके अलावा, जोखिम उठाने से बचने के रवैये और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण भी रुपया प्रभावित हुआ।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.81 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 79.79 से 80 रुपये के दायरे में रहा। छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.31 फीसदी बढ़कर 110.55 पर पहुंच गया।

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