प्रयागराज। महाकुंभ (Mahakumbh) की धमक पूरी दुनिया में गूंज रही है। यही कारण है कि पाकिस्तान (Pakistan) के सनातन धर्मावलंबी (Follower of Sanatan religion) भी अपने आपको यहां आने से नहीं रोक सके। गुरुवार को पाकिस्तान (Pakistan) से 68 श्रद्धालुओं का जत्था (A group of 68 devotees) महाकुंभ पहुंचा। ये सभी पाकिस्तान (Pakistan) के सिंध और पंजाब प्रांत (Sindh and Punjab provinces) के रहने वाले हैं। इन लोगों ने यहां आकर गंगा स्नान के साथ दर्शन-पूजन किया। इसके बाद भ्रमण कर अलौकिक मेले का आनंद लिया।
यह सभी शदाणी दरबार रायपुर के अनुयायी हैं और हर साल भारत आकर अपने गुरु के आश्रम में रहते हैं। इस बार महाकुंभ का आयोजन हुआ तो उनके गुरु ने सभी को प्रयागराज लाने की बात कही, जिसके बाद 68 सदस्यीय दल गुरुवार को प्रयागराज आया। पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आईं माखीजा को यहां बहुत आनंद आया। उन्होंने कहा कि यहां के अनुभव को बयां करने के लिए उनके पास शब्द ही नहीं हैं। गोटकी से आए मुकेश ने कहा कि पहली बार यहां आए और यहां आकर देखा कि ऐसा भी मेला हो सकता है। करिश्मा ने बताया कि वो एक गृहिणी हैं और हमेशा कुंभ के बारे में सुना था, पहली बार देखा, बहुत ही नया अनुभव है। कराची के जिन्ना हॉस्पिटल में नौकर कर रहीं डॉ. सोनिया ने बताया कि उनके माता-पिता, भाई-बहन सभी इस कुंभ में आए हैं। वह पहली बार आई हैं, यहां आकर बहुत अच्छा लगा। दीया ने बताया कि वो मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यहां एकदम नया माहौल है। सभी लोग एक साथ गंगा की ओर बढ़े चले जा रहे हैं। ऐसा नजारा शायद ही कभी दोबारा देखने को मिले।
महाकुंभ की धमक पूरी दुनिया में गूंज रही है। यही कारण है कि पाकिस्तान के सनातन धर्मावलंबी भी अपने आपको यहां आने से नहीं रोक सके। गुरुवार को पाकिस्तान से 68 श्रद्धालुओं का जत्था महाकुंभ पहुंचा। ये सभी पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांत के रहने वाले हैं। इन लोगों ने यहां आकर गंगा स्नान के साथ दर्शन-पूजन किया। इसके बाद भ्रमण कर अलौकिक मेले का आनंद लिया।
यह सभी शदाणी दरबार रायपुर के अनुयायी हैं और हर साल भारत आकर अपने गुरु के आश्रम में रहते हैं। इस बार महाकुंभ का आयोजन हुआ तो उनके गुरु ने सभी को प्रयागराज लाने की बात कही, जिसके बाद 68 सदस्यीय दल गुरुवार को प्रयागराज आया। पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आईं माखीजा को यहां बहुत आनंद आया। उन्होंने कहा कि यहां के अनुभव को बयां करने के लिए उनके पास शब्द ही नहीं हैं। गोटकी से आए मुकेश ने कहा कि पहली बार यहां आए और यहां आकर देखा कि ऐसा भी मेला हो सकता है। करिश्मा ने बताया कि वो एक गृहिणी हैं और हमेशा कुंभ के बारे में सुना था, पहली बार देखा, बहुत ही नया अनुभव है। कराची के जिन्ना हॉस्पिटल में नौकर कर रहीं डॉ. सोनिया ने बताया कि उनके माता-पिता, भाई-बहन सभी इस कुम्भ में आए हैं। वह पहली बार आई हैं, यहां आकर बहुत अच्छा लगा। दीया ने बताया कि वो मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यहां एकदम नया माहौल है। सभी लोग एक साथ गंगा की ओर बढ़े चले जा रहे हैं। ऐसा नजारा शायद ही कभी दोबारा देखने को मिले।
कल तक कुम्भ में रहेंगे
पाकिस्तानियों का यह दस्ता चार फरवरी को भारत आया। इन्हें आठ फरवरी तक प्रयागराज में रहना है। नौ से 23 तक ये लोग रायपुर में रहेंगे। 24 से 27 फरवरी के बीच हरिद्वार जाएंगे और 28 फरवरी को पाकिस्तान लौट जाएंगे।
सिंध के लोग नागरिकता संशोधन कानून के पक्षधर
पाकिस्तान के सक्कर जिले से आए निरंजन चावला से जब नागरिकता संशोधन कानून पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि सिंध प्रांत के लोग इसके पक्षधर हैं। ऐसा कानून बने तो हमें बहुत फायदा होगा।
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