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हेमंत सोरेन की रिमांड कॉपी में ED का बड़ा खुलासा, ऐसे किया सरकारी जमीनों पर कब्जा

नई दिल्ली: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की रिमांड कॉपी को लेकर ईडी ने बड़ा खुलासा किया है. प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, हेमंत सोरेन ने अपने करीबी अधिकारियों की मदद से ना सिर्फ सरकारी जमीनों पर कब्जा किया बल्कि रिश्वत लेकर अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग भी की. हेमंत सोरेन पर ये नया आरोप जांच के दौरान ईडी के हाथ लगी व्हाट्सएप चैट के जरिये सामने आया है.

व्हाट्सएप चैट झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके खासमखास दोस्त बिनोद सिंह के बीच की है. बिनोद सिंह पेशे से अर्टिटेक्ट हैं. बोकारो और चाईबासा जेलसुपरिटेंडेंट के ट्रांसफर से जुड़ा कागज भी मोबाइल से बरामद हुआ है. कागज में ट्रांसफर पोस्टिंग का रेट लिखा है. बिनोद ने 07-06-2020 को हेमंत सोरेन को व्हाट्सएप किया था, जिसमें लिखा था ‘कहीं का DC बना देना…नो रिलेशन प्योर कमर्शियल’


व्हाट्सएप चैट में क्या लिखा है?
इस व्हाट्सएप चैट में लिखा है, ‘भाई अभी तक जितना भी सिफारिश किया है किसी से भी एक रुपया नहीं लिया है, काम होने के बाद जैसा आदेश होगा आपका, लेकिन रिक्वेस्ट है प्लीज कुछ केस कंसीडर कर लेना..I wish हम भी छोटे से सिस्टम का पॉर्ट होते’ इस व्हाट्सएप चैट में कई अधिकारियों के नाम और करंट पोस्टिंग के साथ वो कहां पोस्टिंग चाहते हैं. इसकी डिटेल भी बिनोद सिंह ने हेमंत सोरेन को व्हाट्सएप की हुई है.

हेमंत सोरेन पर पैसे लेकर ट्रांसफर पोस्टिंग करने का आरोप
ईडी ने आरोप लगाया कि इससे साफ जाहिर होता है कि हेमंत सोरेन ने ना सिर्फ फर्जी कागजातों और सरकारी कागजो में हेरफेर कर सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे थे बल्कि अपने पद का दुरुप्रयोग कर पैसे लेकर ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल में भी शामिल थे. ED का दावा है कि उनके पास बिनोद सिंह और हेमंत सोरेन के बीच व्हाट्सएप चैट के 539 पेज हैं.

ईडी का दावा है कि 5 फरवरी को उनको वोट डालने के लिए विधानसभा ले जाया गया, जिसके बाद उन्हें वापस ईडी ऑफिस लाया गया. ईडी ने हेमंत सोरेन से उनके फ़ोन के बारे में पूछा जिससे उन्होंने बिनोद सिंह से व्हाट्सएप चैट की थी लेकिन सोरेन ने फोन के बारे में सीधा जवाब नहीं दिया.

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