ब्‍लॉगर

नवरात्रि में होता है ऊर्जा का संचार

– रमेश सर्राफ धमोरा

शारदीय नवरात्रि धर्म की अधर्म और सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन्हीं नौ दिनों में मां दुर्गा धरती पर आती हैं। इन दिनों को दुर्गा उत्सव के तौर पर देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि में आदिशक्ति जगदम्बा के नौ विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है। यह नौ दिन वर्ष के सर्वाधिक पवित्र दिवस माने गए हैं। इन नौ दिनों का भारतीय धर्म एवं दर्शन में ऐतिहासिक महत्व है। इन्हीं दिनों में बहुत सी दिव्य घटनाओं के घटने की जानकारी हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में मिलती है। माता के इन नौ स्वरूपों को नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है जो इस प्रकार हैं -शैलपुत्री, ब्रह्माचारिणी, चन्द्रघन्टा, कूष्माण्डा, स्कन्द माता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी और सिध्दिदात्री।

नवरात्रि से हमें अधर्म पर धर्म और बुराई पर अच्छाई की जीत की सीख मिलती हैं। भारतीय जनजीवन में धर्म की महत्ता अपरम्पार है। यह भारत की गंगा-जमुना तहजीब का ही नतीजा है कि सब धर्मों को मानने वाले लोग अपने-अपने धर्म को मानते हुए इस देश में भाईचारे की भावना के साथ सदियों से एक साथ रहते चले आ रहे हैं। विभिन्न धर्मों के साथ जुड़े कई पर्व भी हैं। इन्हीं में से एक नवरात्रि है।

वसन्त की शुरुआत और शरद ऋतु की शुरुआत, जलवायु और सूरज के प्रभावों का महत्वपूर्ण संगम है। यही दो समय मां दुर्गा की पूजा के लिए पवित्र अवसर माने जाते हैं। त्योहार की तिथियां चन्द्र कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होती हैं। यह पूजा वैदिक युग से पहले प्रागैतिहासिक काल से है। नवरात्रि के पहले तीन दिन देवी दुर्गा की पूजा करने के लिए समर्पित किए गए हैं। यह पूजा उनकी ऊर्जा और शक्ति की जाती है। प्रत्येक दिन दुर्गा के एक अलग रूप को समर्पित है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है नौ रातें। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान शक्ति- देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवां दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। चैत्र, आषाढ़, अश्विन, पौष प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। दुर्गा का मतलब जीवन के दुख को हरने वाली होता है।

त्योहार के पहले दिन बालिकाओं की पूजा की जाती है। दूसरे दिन युवती की पूजा की जाती है। तीसरे दिन जो महिला परिपक्वता के चरण में पहुंच गई है, उसकी पूजा की जाती है। चौथे, पांचवें और छठे दिन लक्ष्मी- समृद्धि और शांति की देवी की पूजा करने के लिए समर्पित है। आठवें दिन यज्ञ किया जाता है। नौवां दिन नवरात्रि समारोह का अंतिम दिन है। यह महानवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन नौ कन्याओं की पूजा का विधान है। इन नौ लड़कियों को देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक माना जाता है।

इस पर्व से जुड़ी एक कथा के अनुसार देवी दुर्गा ने एक भैंस रूपी असुर अर्थात महिषासुर का वध किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार महिषासुर के एकाग्र ध्यान से बाध्य होकर देवताओं ने उसे अजय होने का वरदान दे दिया। उसको वरदान देने के बाद देवताओं को चिंता हुई कि वह अब अपनी शक्ति का गलत प्रयोग करेगा। महिषासुर ने अपने साम्राज्य का विस्तार स्वर्ग के द्वार तक कर दिया और उसके इस कृत्य को देख देवता विस्मय की स्थिति में आ गए। महिषासुर ने सूर्य, इन्द्र, अग्नि, वायु, चन्द्रमा, यम, वरुण और अन्य देवताओं के सभी अधिकार छीन लिए और स्वयं स्वर्गलोक का मालिक बन बैठा। देवताओं को महिषासुर के प्रकोप से पृथ्वी पर विचरण करना पड़ रहा था तब महिषासुर के इस दुस्साहस से क्रोधित होकर देवताओं ने देवी दुर्गा की रचना की।

ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा के निर्माण में सारे देवताओं का एक समान बल लगाया गया था। महिषासुर का नाश करने के लिए सभी देवताओं ने अपने-अपने अस्त्र देवी दुर्गा को दिए थे और कहा जाता है कि इन देवताओं के सम्मिलित प्रयास से देवी दुर्गा और बलवान हो गईं थी। इन नौ दिन देवी-महिषासुर संग्राम हुआ और अन्ततरू महिषासुर-वध कर महिषासुर मर्दिनी कहलाईं। नवदुर्गा और दस महाविद्याओं में काली ही प्रथम प्रमुख हैं। भगवान शिव की शक्तियों में उग्र और सौम्य, दो रूपों में अनेक रूप धारण करने वाली दशमहाविद्या अनंत सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ हैं। दसवें स्थान पर कमला वैष्णवी शक्ति हैं, जो प्राकृतिक संपत्तियों की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी हैं। देवता, मानव, दानव सभी इनकी कृपा के बिना पंगु हैं। इसलिए आगम-निगम दोनों में इनकी उपासना समान रूप से वर्णित है। सभी देवता, राक्षस, मनुष्य, गंधर्व इनके कृपा-प्रसाद के लिए लालायित रहते हैं।

(लेखक, हिन्दुस्थान समाचार से संबद्ध हैं।)

Share:

Next Post

Bank holiday: अक्टूबर में 21 दिन बैंक बंद रहेंगे, देखें छुट्टियों की पूरी लिस्ट

Mon Sep 26 , 2022
नई दिल्ली। डिजिटल बैंकिंग (digital banking) के दौर में बैंक से जुड़े कामकाज (bank related business) के लिए अगर आपको बैंक जाना जरूरी है, तो यह आपके काम की खबर है। त्योहारी महीने अक्टूबर (festive month october) में 21 दिनों तक बैंकों में अवकाश (Bank holiday for 21 days) की वजह से काम-काज बंद रहेगा। […]