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सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है हीटर का ज्‍यादा इस्‍तेमाल, आप भी जान लें ये नुकसान

नई दिल्‍ली। सर्दियों (winter) में अक्‍सर ठंड से बचने के लिए लोग ढेर से कपड़े पहन लेते हैं लेकिन फिर भी ठिठुरते रहते हैं। अलाव या हीटर ही इस मौसम में ज्यादातर लोगों का सहारा होता है। हीटर (heater) ठंड से राहत तो देता है लेकिन ये सेहत को कई तरीके से नुकसान भी पहुंचाता है। अगर आप भी शरीर में गर्माहट लाने के लिए हर समय हीटर से चिपके रहते हैं तो इसके बारे में कुछ खास बातें जरूर जान लें।

हीटर कैसे काम करता है-
ज्यादातर हीटर्स के अंदर लाल-गर्म धातु की छड़ें या सिरेमिक कोर (ceramic core) होते हैं। ये कमरे के तापमान को बढ़ाने के लिए गर्म हवा बाहर निकालती हैं। ये गर्माहट हवा की नमी को सोख लेती है। हीटर से मिलने वाली हवा बहुत ज्यादा शुष्क होती है। इसके अलावा, ये रूम हीटर हवा से ऑक्सीजन को भी जलाने का काम करते हैं।

हीटर से होने वाले नुकसान-
हीटर से निकलने वाली हवा स्किन को बहुत रूखी कर देती है। हीटर की वजह से लोगों को नींद ना आने, मितली, सिर दर्द जैसी दिक्कतें भी देखने को मिल सकती है। कन्वेंशन हीटर, हैलोजन हीटर और ब्लोअर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल आपको बीमार कर सकता है। इन हीटर से निकलने वाले केमिकल सांस के जरिए शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं और अंदरूनी हिस्सों को नुकसान पहुंचाते हैं, खासकर अगर आपको अस्थमा या एलर्जी की समस्या है तो।


इन लोगों को हीटर के पास बैठने का खतरा ज्यादा-
अस्थमा के मरीजों को रूम हीटर से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है। अगर आपको सांस संबंधी कोई समस्या है तो हीटर से एक निश्चित दूरी पर ही बैठें। इसके अलावा ब्रोंकाइटिस और साइनस के मरीजों को भी इससे एलर्जी हो सकती है। इन मरीजों के फेफड़ों में हीटर की हवा से कफ बनने लगता है और इसकी वजह से इन्हें खांसी और छींक आने लगती है। अंदर ही अंदर कफ सूख जाने की स्थिति में एंटीबायोटिक्स लेने की जरूरत पड़ती है।

एलर्जी वाले लोगों के लिए खास हीटर-
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आप अस्थमा के मरीज (asthma patients) हैं या फिर आपको एलर्जी की समस्या है तो आम हीटर की जगह ऑयल वाले हीटर का इस्तेमाल करें। इस हीटर में तेल से भरी पाइप होती हैं जिसकी वजह से हवा शुष्क नहीं होती है। अगर आप रेगुलर हीटर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे कुछ मिनट के बाद ही बंद कर दें। अगर आपको साइनस या ब्रोंकाइटिस (bronchitis) की समस्या है तो ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करना आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा। ये हवा में नमी को बनाए रखता है जिससे सांस संबंधी कोई दिक्कत नहीं होती है।

गैस हीटर्स से रहें सावधान-
स्टडीज के मुताबिक, जिन घरों में गैस हीटर या LPG हीटर का इस्तेमाल ज्यादा होता है उन घरों के बच्चों में अस्थमा की समस्या ज्यादा पाई जाती है। इसके अलावा, खांसी, छींकने, सीने में घरघराहट और फेफड़ों को नुकसान के लक्षण भी ज्यादा दिखाई देते हैं। इन हीटरों से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड विशेष रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर बुरा असर डालते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, हीटर को कभी भी रजाई या कंबल के अंदर नहीं रखना चाहिए वरना इसकी वजह से आग भी लग सकती है।

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