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फिक्की ने देश की विकास दर के अनुमान को 7.40 से घटाकर 7 फीसदी किया

– आरबीआई का जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान

नई दिल्ली। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry (FICCI)) ने देश की आर्थिक विकास दर (economic growth forecast) का अनुमान घटाकर 7 फीसदी कर दिया है। फिक्की ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए गुरुवार को जारी अपने इकोनॉमिक आउटलुक सर्वे में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ रेट में 0.40 फीसदी की कटौती की है। उद्योग महासंघ ने इससे पहले चालू वित्त वर्ष में 7.4 फीसदी की ग्रोथ रेट का अनुमान जताया था।


देश के व्यापारिक संगठनों का संघ ने जारी बयान में कहा कि भूराजनैतिक अस्थिरता और दुनिया की कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का मंदी की ओर बढ़ने की आशंका के बीच जीडीपी ग्रोथ रेट में ये कटौती की गई है। फिक्की ने कहा कि जीडीपी ग्रोथ रेट में पूर्व के 7.4 फीसदी की वृद्धि दर को भूराजनैतिक अस्थिरता और उसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव की वजह से घटाया गया है।

फिक्की के आर्थिक आउटलुक सर्वेक्षण का नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के लिए सालाना जीडीपी ग्रोथ 7.0 फीसदी की दर से वृद्धि का अनुमान है। आंकड़ों के मुताबिक इसमें न्यूनतम और अधिकतम वृद्धि का अनुमान क्रमशः 6.5 फीसदी और 7.3 फीसदी रखा गया है। इकोनॉमिक आउटलुक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए औसत विकास पूर्वानुमान 3.0 फीसदी, जबकि उद्योग और सेवा क्षेत्र में क्रमशः 6.2 फीसदी तथा 7.8 फीसदी की वृद्धि का अनुमान जताया गया है।

इसी हफ्ते मॉर्गन स्टेनली ने देश के विकास दर के अनुमान को घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया है, जबकि नोमुरा ने साल 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट घटाकर 4.7 फीसदी कर दिया था। इससे पहले फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 7.8 फीसदी कर दिया था, जबकि एसएंडपी ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, आरबीआाई ने मौजूदा परिदृश्य में जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। (एजेंसी, हि.स.)

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