नई दिल्ली। शनिदेव का नाम सुनते ही अधिकतर लोग डर जाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है शनि हमेशा बुरा और अशुभ फल ही देते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है शनि जिस पर मेहरबान हो जाएं उसका भाग्य चमक जाता है। लेकिन जब शनि खुद वक्री हो जाते हैं यानी उल्टी चाल चलने लगते हैं तो वे खुद पीड़ित हो जाते हैं जिस कारण शनिदेव शुभ फल नहीं दे पाते। आज से ठीक 1 महीने बाद 23 मई को शनि वक्री होने जा रहे हैं। इसका आप पर होगा कैसा असर जानें।
23 मई 2021 रविवार की दोपहर 02।50 मिनट पर शनि वक्री हो जाएंगे और उल्टी चाल चलने लगेंगे। करीब 5 महीने तक शनि इसी वक्री पोजिशन में रहेंगे और फिर कहीं जाकर 11 अक्टूबर 2021को शनि फिर से मार्गी होंगे या साधी चाल चलेंगे। इस साल 2021 में शनि कोई राशि परिवर्तन नहीं करने वाले हैं क्योंकि शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक गतिशील रहते हैं।
धनु, मकर और कुंभ इन तीन राशि वालों पर शनि की इस उल्टी चाल का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इन तीनों ही राशियों पर शनि की साढ़साती चल रही है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो जिन राशि वालों पर शनि दी साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है उन्हें शनि की वक्री यानी उल्टी चाल के दौरान सबसे ज्यादा सावधान रहना चाहिए।
शनि की साढ़ेसाती की बात करें तो इसके 3 चरण होते हैं। धनु राशि वालों पर इसका अंतिम चरण चल रहा है, मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा तो कुंभ राशि वालों पर पहला चरण चल रहा है। ऐसे में शनि की उल्टी चाल चलने के दौरान इन तीनों राशि के जातकों को इस दौरान कोई नया काम नहीं शुरू करना चाहिए और साथ ही धन निवेश से भी बचना चाहिए।
मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। ऐसे में शनि के वक्री होकर उल्टी चाल चलने के दौरान इन 2 राशि के लोगों को भी उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। मानसिक तनाव हो सकता है और बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी सफलता मुश्किल से मिलने की संभावना है।
शनिदेव को खुश करके उनके प्रकोप से बचना है तो सबसे पहले अपने कर्मों में सुधार करें। कोई भी गलत काम न करें। हनुमान जी की पूजा करें, हनुमान चालीसा का पाठ करें। भगवान शिव की पूजा से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनि मंत्रों का जाप करें, शनि से जुड़ी चीजों का दान करें, बुजुर्गों का सम्मान करें, पीपल के पेड़ के पास दीया जलाएं।
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