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मप्र के नरसिंहपुर में दलित महिला से गैंगरेप, पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी तो महिला ने कर ली आत्महत्या

  • 3 पर सामूहिक दुष्कर्म और 2 पर आत्महत्या के लिये प्रेरित करने का मामला दर्ज
  •  2 आरोपी गिरफ्तार 3 फरार

नरसिंहपुर। (समीर खान) हाथरस से बलरामपुर सहित मध्यप्रदेश के सतना-खरगोन व जबलपुर के बाद नरसिंहपुर जिले में एक दलित महिला के साथ सामुहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है, पीड़िता और उसका परिवार अपनी फरियाद सुनाने पुलिस के चक्कर लगाते रहे पर किसी ने उनकी फरियाद नहीं सुनी। शिकायत दर्ज न होने और पुलिस पर अपना विश्वास खो देने के बाद पीड़िता ने खुद ही आत्महत्या कर ली। मामला नरसिंहपुर के चीचली थाना अंतर्गत एक गांव का है। पीड़िता की आत्महत्या के बाद पुलिस हरकत में आयी और 3 दुष्कर्मियों सहित 2 अन्य पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी पंजीबद्ध कर लिया है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में 2 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है तो वहीं लापरवाह एएसआई पर भी कार्रवाई की गई है।

नरसिंहपुर जिले में भी दलित महिला ने सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत दर्ज न होने से आहत होकर मौत का रास्ता चुन लिया। घटनाक्रम चीचली थानातंर्गत एक गांव का है। जहां दलित महिला ने शुक्रवार सुबह घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका के पति का आरोप है कि उसकी पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इसकी रिपोर्ट लिखाने वे तीन दिन से चौकी-थाने के चक्कर लगा रहे थे। आरोपियों के गिरफ्तार करने के बजाय पीड़िता के परिजनों को ही पुलिसवालों ने सलाखों के पीछे कर दिया।

शुक्रवार को महिला द्वारा आत्महत्या किए जाने की जानकारी जैसे ही सार्वजनिक हुई, पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। आनन-फानन में गाडरवारा के एसडीओपी सीताराम यादव घटनास्थल पर पहुंचे। यहां उन्होंने शव का पंचनामा बनवाकर पोस्टमार्टम के लिए गाडरवारा सिविल अस्पताल भेजा। पीड़िता के पति, जेठ, सास व ननद के बयान दर्ज किए। मृतका के पति ने एसडीओपी गाडरवारा सीताराम यादव को बताया कि उसकी पत्नी 28 सितंबर को गांव स्थित खेत में चारा काटने गई थी। जहां पर परसू, गुड्डा व अनिल नाम के तीन लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया। शाम को घर आने पर पीड़िता ने ये बात परिजनों को बताई। इसके बाद सभी रात को ही गोटिटोरिया पुलिस चौकी पहुंचे, जहां उनसे आवेदन लेकर सुबह मेडिकल कराने की बात कही गई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि जब दूसरे दिन 29 सितंबर को वे चौकी पहुंचे तो उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। 30 सितंबर को वे चीचली थाना पहुंचे, जहां उनकी फरियाद सुनने के बजाय पुलिसकर्मियों ने महिला के पति, जेठ को ही लॉकअप में बंद कर दिया। पीड़िता के साथ गालीगलौच की गई। आरोप है कि महिला के परिजन को छोड़ने के एवज में पुलिस ने उनसे धन उगाही भी की। इससे व्यथित महिला ने 2 अक्टूबर की सुबह घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पीड़ितों का कहना था कि यदि समय पर रिपोर्ट लिख जाती तो उनकी बहू-पत्नी की जान न जाती। वहीं इस मामले में एसडीओपी सीताराम यादव का कहना था कि पीड़ितों ने उनके घर की महिला के साथ तीन लोगों द्वारा दुष्कर्म की शिकायत की है। मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है। जांच जारी है, पीड़ितों के बयान ले लिए गए हैं, जो दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

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