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Gauri Khan ने शाहरुख खान संग शादी के लिए बदला था नाम, जानिए कैसी थी दोनों कि लव लाइफ

मुंबई। बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान (shahrukh Khan) और उनकी पत्नी गौरी खान (Gauri Khan) की लव स्टोरी से वैसे तो सभी वाकिफ है। 8 अक्टूबर यानि आज गौरी खान अपना जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही हैं। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर हम आपको बताएंगे उनसे जुडी कुछ ऐसी बाते जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे। गौरी खान का असली नाम गौरी छिब्बर (Gauri Chibbar) है। उनका जन्म एक पंजाबी ब्राह्मण परिवार में दिल्ली के पास होशियारपुर (Hoshiyarpur) में हुआ था। उनका बचपन दिल्ली के पंचशील पार्क (Panchshil Park) में बीता तो वही उनकी शुरुआती पढ़ाई लोरेटो कन्वेंट स्कूल (Loreto Convent School) से हुई थी। बाद में उन्होंने मॉडर्न स्कूल (Mordern School) में दाखिला ले लिया था । दिल्ली के ही लेडी श्रीराम कॉलेज (Lady Shree Ram College) से गौरी ने बीए की डिग्री हासिल की है। कॉलेज के दिनों ही में उनकी मुलाकात शाहरुख खान से हो गयी थी। दोनों दिल्ली के पंचशील क्लब में मिले। हालांकि, जब पहली बार शाहरुख ने गौरी को क्लब में देखा तो वह उनसे बात तक करने की हिम्मत नहीं कर पाए थे। बस देखते ही रह गए थे।

फिर कुछ यु हुआ कि गौरी जिस भी क्लब में जातीं, शाहरुख भी वहीं पहुंचने की कोशिश करते। शाहरुख ने गौरी से तीसरी मुलाकात में बातचीत की और उनसे उनके घर का फोन नंबर ले लिया, लेकिन फोन पर गौरी से बातचीत करना इतना आसान नहीं था। क्योकि गौरी एक जॉइंट फॅमिली में रहती थी। तब शाहरुख अपनी किसी महिला दोस्त से गौरी के घर पर फोन करवाते और गौरी से बात करने की इच्छा जाहिर करते थे। हर बार गौरी के सामने अपना परिचय न देना पड़े, इसलिए शाहरुख जिस भी दोस्त से फोन करवाते उसे अपना नाम ‘शाहीन’ बताने के लिए कहते थे। यह नाम एक कोड वर्ड कि तरह था, जिससे गौरी हमेशा पहचान लेती थीं और वह दौड़ कर फोन पर आ जाती थीं। गौरी अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने लगीं थी।
वह शाहरुख से प्यार तो करती थीं, लेकिन वह अपने परिवारवालों को अलग धर्म के प्रेमी के लिए कैसे मनाती। इसी बारे में सोच कर वह थोड़ी परेशान रहने लगीं थी। इसी बीच शाहरुख भी अपने अभिनय करियर की ओर बढ़ चले थे।

उन दिनों वह अपने धारावाहिकों ‘दिल दरिया’, ‘फौजी’ और ‘दूसरा केवल’ में काम करने लगे थे। तभी एक इंटरव्यू में शाहरुख ने गौरी का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब गौरी अपने बाल खुले छोड़तीं तो बहुत खूबसूरत लगती थीं। वह ये तक नहीं चाहते थे कि दूसरे लड़के गौरी को देखें। शाहरुख़ के अंदर गौरी को लेकर असुरक्षा की भावना पैदा हो चुकी थी, वे किसी के साथ गौरी को बैठे देखना भी पसंद नहीं करते थे। इन सभी चीजों से गौरी को घुटन होने लगी थी, लेकिन शाहरुख, गौरी से बहुत प्यार करते थे। अपने 19वें जन्मदिन पर गौरी ने दिल्ली छोड़ दी थी। गौरी जब दिल्ली छोड़ कर चली गईं तो शाहरुख बहुत परेशान रहने लगे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर गौरी अचानक कहा चली गई।


एक दिन शाहरुख ने लड़की की आवाज में गौरी के घर फोन लगा लिया और उनसे गौरी का पता पूछा। घर से उन्हें यह तो पता चल गया कि गौरी मुंबई में हैं, लेकिन कहां हैं यह पता नहीं चल पाया। शाहरुख के लिए मुंबई पहुंच पाना उस समय संभव नहीं था। जब वह लगातार गौरी को लेकर परेशान रहने लगे तो उनकी मां से रहा नही गया। एक दिन उन्होंने शाहरुख को 10 हजार रुपये दिए और कहा कि जाओ और गौरी को ढूंढो। वह अपने घर से अपने एक दोस्त को साथ लेकर गौरी की खोज में दिल्ली से मुंबई रवाना हो गए। शाहरुख अपने दोस्त बेनी को लेकर मुंबई आ गए थे। दो दिन उन्होंने अपने एक दोस्त के यहां गुजारे और फिर उसके बाद कई दिनों तक वह सड़कों खाना पर खाकर और फुटपाथ पर लगी बेंच पर सोकर दिन गुजारने लगे थे। कई दिन इस तरह गुजारने के बाद भी उन्हें गौरी के बारे में कुछ पता नहीं चला था। हालांकि उन्हें गौरी की एक आदत पता थी कि उन्हें समुद्र के किनारे समय बिताना बहुत पसंद है। शाहरुख बिना हार माने गौरी को खोजते रहे। एक दिन जब वह गोराई बीच से वापस लौट रहे थे तो उनकी नजर गौरी पर पड़ी। गौरी ने जब शाहरुख को देखा तो वह दौड़ कर उनके पास आईं और गले लगा कर खूब रोईं। मुंबई से वापस दिल्ली लौटने के बाद शाहरुख अपने टीवी धारावाहिकों में काफी में काफी व्यस्त हो गए थे।

सीरियल ‘फौजी’ में अभिमन्यु का निभाया उनका किरदार काफी लोकप्रिय हुआ और दिल्ली में उन्हें लोग चेहरे से पहचानने लगे थे। एक दिन जब गौरी के पिता रमेश चंद्र को पता चला कि गौरी एक मुस्लिम लड़के के साथ क्लब में है तो वह फौरन क्लब के निकल पड़े, लेकिन गौरी की बहन प्रियंका ने वक्त रहते गौरी को इसकी खबर दे दी। जिसके बाद शाहरुख़ और गौरी दोनों वहा से गायब निकल गए। गौरी के परिवार में इस बात का पता चल चुका था कि गौरी किसी मुस्लिम लड़के को पसंद करती हैं, और यह बात उन्हें पसंद नहीं आई। उस वक्त शाहरुख को सीरियल ‘सर्कस’ में काम करने का मौका मिला था। जिसके लिए उन्हें मुंबई जाना था।


जानकारी के मुताबिक गौरी को शाहरुख़ के अभिनय करियर से आपत्ति थी , वह चाहती थी कि शाहरुख़ कोई नौकरी करे अभिनय नहीं। बावजूद इसके शाहरुख़ खान अपना सपना पूरा करने मुंबई चले गए। हालांकि जब भी समय मिलता वह बिच बिच में गौरी से मिलने दिल्ली अजय करते थे।

इसी बीच शाहरुख ने गौरी के चाचा तेजिंदर से बात की. उन्होंने ही शाहरुख को गौरी के माता-पिता से मिलने का रास्ता बताया. गौरी के चाचा तेजिंदर ने शाहरुख को बताया कि कुछ दिन बाद उनके घर पर एक छोटी सी पार्टी है, जिसमें वह हंसी-खुशी गौरी के माता-पिता से मिल सकते हैं। शाहरुख उस पार्टी में पहुंचे। जहा गौरी के पिता ने शाहरुख़ से उनका असली नाम पूछा। जब शाहरुख़ ने अपना असली नाम बताया तो गौरी के पिता ने शाहरुख़ को तुरंत वहा से चले जाने को कहा। शाहरुख़ बिना कोई सवाल जवाब किए गौरी के पिता की बात का मान रखते हुए वह से निकल गए। गौरी और शाहरुख के रिश्ते से गौरी की मां बहुत तनाव में थीं। 26 अगस्त 1991 को शाहरुख और गौरी ने कोर्ट मैरिज की, इसके बाद इन दोनों का निकाह भी पढ़वाया गया। जिसमे उनका नाम बदल कर आयशा (Ayesha) रखा गया। 25 अक्टूबर 1991 को हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से शाहरुख और गौरी की शादी हुई। जिसमे शाहरुख का नाम राजेंद्र कुमार तुली (Rajendra Kumar Tuli) रखा गया।


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