व्‍यापार

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना अब बेहद आसान, सरकार ने बदले नियम, नहीं लगाने होंगे RTO के चक्कर

नई दिल्‍ली । अगर आप भी अपना ड्राइव‍िंग लाइसेंस (Driving License) बनवाने या र‍िन्‍यू कराने का प्‍लान कर रहे हैं तो यह खबर आपके ल‍िए है. केंद्र सरकार की तरफ से ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) बनवाने के न‍ियमों (Rules) में बदलाव क‍िया गया है. नए न‍ियमों का फायदा आम आदमी को म‍िलना तय है. इन न‍ियमों के लागू होने के बाद आपको ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बनवाने के लिए रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) के चक्कर नहीं काटने होंगे. केंद्र सरकार की तरफ से बनाए गए ड्राइविंग लाइसेंस के नए न‍ियम पहले के मुकाबले बेहद आसान हैं.


1 जुलाई 2022 से लागू होंगे नए न‍ियम
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के संशोध‍ित न‍ियम के अनुसार अब आपको क‍िसी तरह का ड्राइविंग टेस्ट RTO जाकर नहीं देना होगा. केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय की तरफ से नए न‍ियमों को 1 जुलाई 2022 से लागू क‍िया जाएगा. नए न‍ियम लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के ल‍िए वेट‍िंग ल‍िस्‍ट का इंतजार कर रहे करोड़ों लोगों को राहत म‍िलेगी.

सर्टिफिकेट के बेस पर बनेगा डीएल
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब आरटीओ (RTO) में टेस्ट देने का इंतजार नहीं करना होगा. आप डीएल के ल‍िए किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल (Driving Training School) में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. यहां से ट्रेनिंग लेने के बाद आपको वहीं से टेस्ट पास करना होगा. टेस्ट पास करने वालों को स्‍कूल एक सर्टिफिकेट जारी करेगा. इस सर्टिफिकेट के बेस पर आपका डीएल बनाया जाएगा.

थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों होगा जरूरी
ड्राइविंग लाइसेंस (DL) के लिए मंत्रालय की तरफ से शिक्षण पाठ्यक्रम तैयार क‍िया गया है. इसे थ्योरी और प्रैक्टिकल दो ह‍िस्‍सों में बांटा गया है. लाइट मोटर व्‍हीकल (LMV) के लिए कोर्स की अवधि चार हफ्ते की है, जो 29 घंटे चलेगी. प्रैक्टिकल के लिए आपको सड़कों, हाइवे, शहर की सड़क, गांव के रास्‍ते, रिवर्सिंग और पार्किंग आद‍ि प्रैक्टिकल के ल‍िए 21 घंटे का समय देना होगा. बाकी के 8 घंटे आपको थ्योरी पढ़ाई जाएगी.

ट्रेनिंग सेंटर के ल‍िए गाइडलाइंस
सड़क और परिवहन मंत्रालय की तरफ से ट्रेनिंग सेंटर्स के ल‍िए भी कुछ गाइडलाइंस और शर्तें तय की गई हैं. इन गाइडलाइंस के बारे में जानकारी होना भी आपके ल‍िए जरूरी है.

1. दोपहिया, तिपहिया और हल्के मोटर वाहनों के ट्रेनिंग सेंटर्स के ल‍िए कम से कम एक एकड़ जमीन हो. भारी यात्री / माल वाहन या ट्रेलरों के लिए ट्रेन‍िंग सेंटर के पास दो एकड़ जमीन होना जरूरी है.
2. ट्रेनर का कम से कम 12वीं कक्षा पास होना जरूरी है. साथ ही उसके पास कम से कम 5 साल ड्राइविंग का अनुभव होना चाहिए.
3. ड्राइविंग सेंटर्स के पाठ्यक्रम को 2 हिस्सों थ्योरी और प्रैक्टिकल में बांटा गया है.
4. ट्रेन‍िंग सेंटर पर बायोमेट्र‍िक स‍िस्‍टम होना जरूरी है.
5. मीड‍ियम और हेवी व्‍हीकल मोटर व्‍हीकल के ल‍िए 6 हफ्ते में 38 घंटे कोर्स की अवध‍ि है. इसमें 8 घंटे थ्‍योरी क्‍लास और बाकी 31 घंटे का प्रैक्‍ट‍िकल होगा.

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