भोपाल न्यूज़ (Bhopal News) मध्‍यप्रदेश

प्यारे मियां के यौन शोषण की शिकार नाबालिग का इलाज के दौरान अस्पताल में मौत

भोपाल। भोपाल के बहुचर्चित प्यारे मियां मामले में बालिका गृह में रह रही एक पीड़ित नाबालिग लड़की के नींद की गोलियां खाकर खुदकुशी करने की कोशिश अब हकीकत में बदल चुकी है। बुधवार शाम चिकित्‍सकों द्वारा लाख कोशिश करने के बाद भी बालिका को बचाया नहीं जा सका। शाम तक बच्‍ची की नाजुक हालत को देखते हुए उसे शासकीय हमीदिया अस्‍पताल से निजि बंसल हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की पूरी तैयारी कर ली गई थी, लेकिन जब तक इस काम को अंजाद दिया जाता, उससे पहले बालिका की मौत हो गई। लड़की पिछले दो दिन से हमीदिया अस्पताल में वेंटिलेटर पर थी। भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। वहीं तत्‍काल इस पूरे मामले में बालिका गृह की अधीक्षिका की लापरवाही खुलकर सामने आने के बाद उसे तत्‍काल वहां से हटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि जांच के बाद उस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी ।



उल्‍लेखनीय है कि उक्‍त लड़की ने बड़ी संख्या में नींद की गोलियां खा ली थीं, उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसके बाद पुलिस अब ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसके पास ये गोलियां आईं कहां से, क्‍योंकि बालिका गृह में बाहर की चीजे बच्‍चों के लिए निषेध हैं, सभी सामग्री जो रोजमर्रा के उपयोग के लिए भी बालिका गृह पहुंचती हैं, उन पर अधीक्षि‍का का पूरा नियंत्रण रहता है, जिसमें कि इस बच्‍ची ने कई गोलियां नींद की एक साथ खा ली थीं। लड़की के परिवार में मां का सीधा आरोप है कि जब अधीक्षिका इक्का एंथोनिया हर चीज पर नजर रखती हैं तो नींद की गोलियां मेरी बच्‍ची के पास पहुंची कैसे? उन्‍होंने यह भी आरोप लगाया है कि बेटी के केस में न्‍यायालयीन प्रक्रिया में भी बहुत देरी होने से मेरी बेटी प‍रेशान थी। यदि सही कार्यवाही बालिका गृह का प्रशासन करता तो आज मेरी बेटी सही सलामत होती ।

वहीं, बालिका गृह में रह रही अन्‍य लड़कियों ने भी अपने घर जाने की जिद पकड़ ली है, जबकि हकीकत यह है कि यदि उन्‍हें प्रशासन घर भेज देता है तो उनकी सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा, जबकि अंदर रहकर भी उनमें से एक लड़की तमाम सुरक्षा साधनों के बीच इस तरह से नींद की गोलियां खा लेती है।ऐसे में प्रशासन व्‍यस्‍था पर तमाम प्रश्‍न खड़े हो रहे हैं।

गौरतलब है कि राजधानी के प्यारे मिया मामले में लगभग 6 महीने से 5 बच्चियों को बाल संरक्षण में रखा गया है,‍जिसमें कि एक की मौत बुधवार रात को हो गई। भोपाल पुलिस ने एक अखबार मालिक प्यारे मियां के खिलाफ नाबालिग बच्चियों से यौन शोषण के मामले में एफ आई आर दर्ज की थी। उसके खिलाफ इंदौर में भी एफ आई आर दर्ज है। नाबालिग लड़कियों से दुष्‍कर्म में आरोपित अख़बार के मालिक प्यारे मियां को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था। इसके ऊपर 30,000 रुपये का इनाम था। फिलहाल पुलिस एवं बालिका गृह का प्रशासन कुछ भी नहीं बोल रहा है। एजेंसी/हिस

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