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अफगानिस्तान में फंसे भारतीय कामगारों को निकालने को प्राथमिकता देगी सरकार


नई दिल्ली। सरकार (Government) ने प्राथमिकता के आधार पर (Priority basis) अफगानिस्तान (Afghanistan) में फंसे भारतीय कामगारों (Trapped Indian workers) को बचाने (Evacuation) का फैसला किया है और उनसे जल्द से जल्द संपर्क करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।


ये भारतीय कामगार अफगानिस्तान में विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहे हैं और 15 अगस्त, 2021 को तालिबान द्वारा देश पर पूर्ण नियंत्रण करने के बाद उत्सुकता से भारत लौटने का इंतजार कर रहे हैं।
सूत्रों ने आगे कहा कि जलालाबाद और खोस्त जैसे कुछ स्थानों पर तालिबान मिलिशिया और अफगान सेना के बीच झड़पों की खबरों के बीच, भारतीय अधिकारियों के लिए भारतीय श्रमिकों से संपर्क करना और उन्हें सुरक्षित रूप से काबुल वापस लाना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारी उन लोगों के लिए आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र जैसे अन्य सरकारी दस्तावेजों का इंतजाम करने पर भी विचार कर रहे हैं, जिनके पासपोर्ट स्थानीय नियोक्ताओं द्वारा छीन लिए गए थे, जो तालिबान के डर से शहरों से भाग गए थे।
कई भारतीय कामगारों ने भारतीय अधिकारियों से शिकायत की है कि उनके पासपोर्ट उनके नियोक्ताओं के पास जमा कर दिए गए हैं और उनके पास भारत वापस जाने के लिए कोई पासपोर्ट ही नहीं है।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पहले ही दोहरा चुके हैं कि अफगानिस्तान से भारतीयों को वापस लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की पिछली बैठक में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों से अफगानिस्तान से भारतीयों को जल्द से जल्द वापस लाने को कहा है।
विदेश मंत्रालय ने प्रत्यावर्तन और संबंधित मामलों के समन्वय के लिए एक ‘अफगानिस्तान सेल’ की स्थापना की है और वह अफगान सिख और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में है।
काबुल में भारतीय दूतावास के बंद होने से इन कामगारों को भारतीय अधिकारियों से संपर्क करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है; हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
इन घटनाक्रमों से अवगत एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सरकार इन कामगारों की सुरक्षित वापसी के लिए काबुल में अमेरिकी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है और काबुल हवाई अड्डे को फिर से खोलने की प्रतीक्षा कर रही है।

भारतीय कामगारों की समस्याओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिम एशिया के विशेषज्ञ और वरिष्ठ पत्रकार कमर आगा ने कहा कि भारत सरकार इस स्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम है और अफगानिस्तान से सभी भारतीयों को निकाल लेगी। आगा ने कहा, “भारत के पास अतीत में इराक, कुवैत और अन्य संघर्ष क्षेत्रों से अपने हजारों नागरिकों को निकालने का एक बड़ा अनुभव है। हाल ही में, हम न केवल यमन से अपने लोगों को लाए हैं, बल्कि वहां फंसे विदेशी नागरिकों को भी सुरक्षित रूप से लाए हैं।”
अधिकारी ने आगे कहा, “बड़ी समस्या यह है कि अफगानिस्तान एक लैंड-लॉक्ड (जहां सभी ओर से बंद) देश है और पाकिस्तान ने उनके भूमि मार्गों को अवरुद्ध कर दिया है, इसलिए उन्हें केवल हवाई मार्ग से ही निकाला जाएगा और हमारे पास सैन्य परिवहन विमान, एयर इंडिया के विमान हैं जिनका अतीत में आपातकालीन निकासी में सफलतापूर्वक उपयोग किया गया था और इस बार भी सरकार सभी भारतीयों को सफलतापूर्वक सुरक्षित निकाल लेगी।”

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