दिल्ली में महिला कांग्रेस का हल्ला बोल
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप की शिकार पीड़ित युवती की जान चली गई है। इस घटना को लेकर देशभर में आक्रोश है। घटना के विरोध में और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से मंगलवार को प्रदर्शन किया गया। दिल्ली महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को विजय चौक के पास प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की।
इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कई महिला प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया, साथ ही दिल्ली महिला प्रदेश अध्यक्ष की अध्यक्ष अमृता धवन को भी गाड़ी में बैठाकर ले गए। साथ ही कई अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
हाथरस के दलित बेटी पर हुए जघन्य अत्याचार के खिलाफ दिल्ली विजय चौक पर रोष -प्रदर्शन कर रहे @DelhiPMC अध्यक्ष @AmritaDhawan1 सहित कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन गिरफ्तार !
महिला सुरक्षा को लेकर अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है ! #Hathras pic.twitter.com/q1kxBvbKc6
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) September 29, 2020
आपको बता दें कि सुबह ही हाथरस घटना की पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिसके बाद से ही इस घटना पर राजनीतिक बवाल हो गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से योगी सरकार पर तीखा वार किया गया है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर लिखा कि हाथरस में हैवानियत झेलने वाली दलित बच्ची ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। दो हफ्ते तक वह अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझती रही। हाथरस, शाहजहांपुर और गोरखपुर में एक के बाद एक रेप की घटनाओं ने राज्य को हिला दिया है। हाथरस की दलित बेटी के लिये न्याय की हुंकार ।
हाथरस की दलित बेटी के लिये न्याय की हुंकार ।
विजय चौक पर @DelhiPMC अध्यक्ष @AmritaDhawan1 व महिला कार्यकर्ताओं द्वारा रोष प्रदर्शन। #Hathras pic.twitter.com/p6zLxT6iYQ
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) September 29, 2020
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ चुकी है। महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है। अपराधी खुले आम अपराध कर रहे हैं। इस बच्ची के कातिलों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। सीएम योगी आदित्यनाथ, यूपी की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति आप जवाबदेह हैं। आपको बता दें कि सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि अन्य कई विपक्षी दलों और सोशल मीडिया पर लोगों ने भी योगी सरकार की आलोचना की और इस मामले को दबाने का आरोप लगाया।
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