भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सुनी सुनाई: जज का अहसान उतारते मंत्रीजी

मप्र भाजपा के एक नेताजी फिलहाल शिवराज सरकार में केबिनेट मंत्री हैं। मंत्री बनने से पहले एक आपराधिक मामले में जेल गये थे। खबर आ रही है कि एक महिला जज ने नेताजी को जमानत दी थी। नेताजी जज का अहसान उतारना चाहते थे। मंत्री बनते ही जज के पति को प्रतिनियुक्ति पर अपने विभाग में ले आए हैं। ऊंची कुर्सी के साथ साथ तमाम अहम जिम्मेदारी भी इस अधिकारी को दे दी गई है। चर्चा है कि कुछ दिलजलों ने इसकी शिकायत ऊपर तक पहुंचा दी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन मंत्रीजी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कतई पसंद नहीं करते हैं। मंत्रीजी इंदौर के एक भाजपा नेता के काफी नजदीक हैं।

ईडी ने लोकायुक्त से मांगा अफसरों का काला चिठ्ठा
मप्र में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अफसर अचानक सक्रिय हो गये हैं। खबर आ रही है कि ईडी ने बकायदा लोकायुक्त संगठन को पत्र लिखकर मप्र के उन अधिकारियों की सम्पत्ति की जानकारी मांगी है जिनके खिलाफ लोकायुक्त संगठन जांच कर रहा है। बताया जाता है कि लोकायुक्त संगठन ने एक चर्चित भ्रष्ट आबकारी अधिकारी की सम्पत्ति का काला चिठ्ठा ईडी को सौंप दिया है। कुछ अन्य अफसरों की जानकारी भी ईडी को सौंपने की तैयारी है। यानि आने वाला समय मप्र के भ्रष्ट अफसरों के लिए घातक हो सकता है।

विधायक सचिन बिरला का भाजपा से मोहभंग!
कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा के पाले में पहुंचे बडवाह विधायक सचिन बिरला के बारे में खबर आ रही है कि उनका अब भाजपा से मोहभंग हो गया है। कांग्रेस खेमे में चर्चा है कि बिरला ने कमलनाथ के पास कांग्रेस में वापसी का प्रस्ताव भेजा है। अक्टूबर 2021 को खंडवा संसदीय उपचुनाव के दौरान सचिन बिरला ने अचानक कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। दलबदल कानून से बचने उन्होंने अभी तक विधान स्पीकर को कांग्रेस में जाने की अधिकारिक सूचना नहीं दी है। कांग्रेस पार्टी ने स्पीकर को पत्र सौंपकर बिरला की सदस्यता समाप्त करने की गुहार लगाई थी, लेकिन स्पीकर ने तकनीकी आधार पर कांग्रेस के आवेदन को खारिज कर दिया है। इधर बिरला को आशंका है कि अगले चुनाव में भाजपा से टिकट मिलना मुश्किल है। खबर आ रही है कि बिरला कांग्रेस में वापस आना चाहते हैं। बताया जाता है कि कमलनाथ ने फिलहाल उनके कथित आग्रह पर कोई निर्णय नहीं लिया है।

कमलनाथ के बंगले का हरीराम नाई!
मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बंगले पर लंबे समय से चल रही हरीराम नाई की तलाश पूरी हो गई है। दरअसल बंगले का पूरा स्टॉफ इस बात से परेशान था कि बंगले का ही कोई व्यक्ति फिल्म शोले के हरीराम नाई की तरह बंगले के स्टॉफ की कार्यशैली को लेकर कमलनाथ से चुगली करता है। पूरा स्टॉफ इस चुगलखोर की तलाश में लगा था। खबर आ रही है कि इस चुगलखोर की तलाश पूरी हो गई है। भोपाल का ही रहने वाला कमलनाथ का एक पुराना कार्यकर्ता जो कमलनाथ के मुंह लगा है, वह ही लंबे समय से हरीराम नाई बना हुआ था। अब पूरा स्टॉफ इस कार्यकर्ता से चौकन्ना हो गया है। इस कार्यकर्ता को देखते ही अब लोग चुप्पी साध लेते हैं।

प्रशासनिक अराजकता का सबसे बड़ा उदाहरण
मप्र मंत्रालय में प्रशासनिक अराजकता का इससे बड़ा उदाहरण देखने नहीं मिल सकता कि मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव, अतिरिक्त मुख्यसचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठकों की कार्यवाई लिखने निज सचिव, निज सहायक, शीघ्र लेखक और टाइपिस्ट गंभीर लापरवाही कर रहे हैं। ड्यूटी लगाते समय वे फोन नहीं उठाते, ड्यूटी आदेश की प्रति रिसीव नहीं करते और बिना बताये मुख्यालय छोड़कर चले जाते हैं। सामान्य प्रशासन विभाग की उपसचिव माधवी नागेन्द्र को इस संबंध में चेतावनी आदेश जारी करना पड़ा है। उपसचिव के आदेश को पढ़कर लगता है कि मंत्रालय में कितनी प्रशासनिक अराजकता है।


इस भाजपाई ठेकेदार का भाग्य खराब है!
मप्र में एक भाजपाई ठेकेदार अलग अलग कारणों से लगातार चर्चा में है। पहले कारम बांध फूटने के कारण चर्चा में था, अब बागेश्वर महाराज की कथा में धक्का मुक्की के बीच एक महिला की मौत के कारण भी यही ठेकेदार चर्चा में है। सारथी कंस्ट्रक्शन के मालिक अशोक भारद्वाज मप्र जल संसाधन एवं नर्मदाघाटी विभाग के बड़े ठेकेदार हैं। धार जिले का कारम डैम उन्होंने ही बनाया था। इस डैम के फूटने पर एक ओर राज्य सरकार ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। दूसरी ओर मप्र के एक पावरफुल मंत्री ने सरेआम बयान देकर ठेकेदार को अपना मित्र बताया था। इसी ठेकेदार ने इस सप्ताह भिण्ड जिले के ददरूआ हनुमान धाम पर बागेश्वर महाराज की कथा का विशाल आयोजन किया था। चर्चा है कि ठेकेदार की नजर मेहगांव विधानसभा सीट पर लगी हुई है। कथा में भाजपा के सभी बड़े नेता बुलाए गये। इस आयोजन में एक महिला की मौत ने आयोजक ठेकेदार पर सवाल खड़े कर दिये। यह भी चर्चा है मेहगांव के दावेदारों ने भी अब इस ठेकेदार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यानि फिलहाल ठेकेदार का भाग्य साथ नहीं दे रहा है।

और अंत में…!
खुफिया एजेंसी, पत्रकार और कांग्रेस के नेता इंदौर के उस उद्योगपति की तलाश कर रहे हैं जिसने राहुल गांधी की यात्रा के दौरान कांग्रेस के विधायकों को तोड़कर भाजपा में लाने का काम लिया है। दरअसल यह खुलासा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किया है। इंदौर में उन्होंने खुलासा किया कि कांग्रेस विधायकों की तोडऩे भाजपा के नये ऑपरेशन लोटस के लिए इंदौर के एक उद्योगपति ने अमित शाह के बेटे जय शाह से मुलाकात की है। दिग्विजय सिंह के इस बयान को इसलिए भी गंभीरता से लिया जा रहा है, क्योंकि फरवरी 2020 में भी दिग्विजय सिंह ने ही सबसे पहले कांग्रेस विधायकों की खरीद फरोख्त कर कमलनाथ सरकार गिराने का खुलासा किया था।

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