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महाराष्ट्र के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, अभिषेक मनु सिंघवी और हरीश साल्वे होंगे आमने-सामने

नई दिल्ली/मुंबई । महाराष्ट्र का राजनीतिक संग्राम (Maharashtra Political Crisis) अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की दहलीज तक पहुंच गया है. शिवसेना (Shiv Sena) के बागी शिंदे (Shinde) गुट की अर्जी पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. शिंदे गुट की तरफ से 15 विधायकों ने सर्वोच्च अदालत का रुख किया है. याचिका में खासतौर पर दो बातों का जिक्र है. पहला तो यह की विधायकों ने उन्हें अयोग्य ठहराने के डिप्टी स्पीकर के नोटिस को अवैध बताते हुए चुनौती दी है और दूसरा उन्होंने खुद के और परिवार के लिए कोर्ट से सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है.

आज सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट की तरफ से दिग्गज वकील हरीश साल्वे केस की पैरवी करेंगे. वहीं, शिवसेना की ओर से भी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें देंगे. महाराष्ट्र सरकार की तराफ से देवदत्त कामत तो वहीं डिप्टी स्पीकर की तरफ से एडवोकेट रवि शंकर जंध्याला केस लड़ेंगे. विधायकों की तरफ से 2 याचिकाएं लगाई गई हैं.


2 सदस्यीय बेंच करेगी सुनवाई
सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी परदीवाला की पीठ दोनों याचिका की सुनवाई करेगी. सुनवाई में 7 पक्ष शामिल रहेंगे. इनमें डिप्टी स्पीकर, राज्य विधान सभा सचिव, महाराष्ट्र सरकार, अजय चौधरी (उद्धव की तरफ से विधायक दल के नए नेता), सुनील प्रभु (उद्धव सरकार के नए चीफ व्हिप), भारत संघ, डीजीपी महाराष्ट्र शामिल हैं.

विधायकों ने याचिका में क्या कहा?
बागी विधायकों ने याचिका में कहा है कि शिवसेना विधायक दल के 2 तिहाई से ज्यादा सदस्य हमारा समर्थन करते हैं. ये पता होने के बाद भी डिप्टी स्पीकर ने 21 जून को पार्टी के विधायक दल का नया नेता नियुक्त कर दिया. नोटिस के बाद उन्हें और उनके अन्य सहयोगियों को रोज धमकियां मिल रही हैं. उनके जीवन पर खतरा है. दूसरे पक्ष (शिवसेना) ने न केवल उनके घर-परिवार से सुरक्षा वापस ले ली है, बल्कि बार-बार पार्टी कार्यकर्ताओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है. याचिका में यह भी कहा गया है कि याचिकाकर्ता के कुछ सहयोगियों की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है. विधायकों की याचिका में कहा गया है कि उन्होंने शिवसेना की सदस्यता नहीं छोड़ी है.

सुप्रीम कोर्ट क्या ले सकता है एक्शन?
इस तरह के सरकार या विपक्ष में दो फाड़ होने के दर्जनों मामले अब तक सुप्रीम कोर्ट में आ चुके हैं. उन मामलों में सुप्रीम कोर्ट के रुख के आधार पर उम्मीद यही है कि कोर्ट डिप्टी स्पीकर की भूमिका, नियुक्तियों और अयोग्यता के विषय पर शायद ही कोई एक्शन लेगा या नोटिस जारी करेगा. पूर्व की सुनवाइयों को देखें तो कोर्ट सदन में शक्ति परीक्षण कराकर दूध का दूध और पानी का पानी करवाने के लिए ही कदम बढ़ा सकता है. कर्नाटक, गोवा जैसे राज्यों में कई बार फैसला कोर्ट से नहीं, बल्कि विधायिका के सदन से ही आया.

याचिका दाखिल करने वाले बागी विधायक
भारत गोगावले, प्रकाश राजाराम सुर्वे, तन्हाजी जयवंत सावंत, महेश संभाजीराजे शिंदे, अब्दुल सत्तार, संदीपन आसाराम भुमरे, संजय पांडुरंग सिरशसती, यामिनी यशवंत जाधव, अनिल कलजेराव बाबर, लतबाई चंद्रकांत सोनवणे, रमेश नानासाहेब बोर्नारे, संजय भास्कर रायमुलकरी, चिमनराव रूपचंद पाटिल, बालाजी देवीदासराव कल्याणकर, बालाजी प्रहलाद किनिलकर. भारत गोगावले को बागी गुट अपना मुख्य सचेतक नियुक्त कर चुका है.

संजय राउत का शिंदे गुट पर निशाना
शिवसेना नेता और राज्य सभा सांसद संजय राउत ने शिंदे गुट पर रविवार को हमला बोला. राउत ने कहा कि जो 40 लोग (बागी विधायक) वहां हैं, वे जिंदा लाशें हैं. यहां सिर्फ उनके शरीर वापस आएंगे, उनकी आत्मा वहीं मर चुकी होगी. जब ये 40 लोग यहां से बाहर निकलेंगे, तो उनका दिल जिंदा नहीं होगा. उन्हें पता है कि यहां जो आग लगी है उसका क्या अंजाम हो सकता है. राउत के

शिंदे का पलटवार, किया दाऊद का जिक्र
संजय राउत के वार पर एकनाथ शिंदे ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, ‘हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व के विचारों के लिए और बालासाहेब की शिवसेना को बचाने के लिए, हम मर भी जाएं तो बेहतर है. उन्होंने आगे कहा कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उस आदमी का समर्थन कैसे कर सकती है, जिनके रिश्ते दाऊद इब्राहिम से हैं. उस दाऊद से जिसने मुंबई के मासूम नागरिकों को बम ब्लास्ट कर मारा था? इस फैसले का विरोध करने के लिए हमें मौत भी आ जाए तो इसकी परवाह नहीं है.

एकनाथ शिंदे ने राज ठाकरे से बात की
महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच एकनाथ शिंदे ने मनसे चीफ राज ठाकरे से बात की. उन्होंने बातचीत के दौरान राज ठाकरे से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. बता दें कि राज ठाकरे अपने कूल्हे की सर्जरी के बाद रिकवरी कर रहे हैं. हाल ही में वे ऑपरेशन के बाद घर लौटे हैं.

आखिरी दम तक देंगे उद्धव का साथ- शरद पवार
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने आखिरी दम तक उद्धव ठाकरे का साथ देने की बात कही है. पवार ने कहा कि हमें लगता है कि जब ये लोग (बागी विधायक) वापस आएंगे तो हमारे साथ होंगे. शरद पवार ने कहा कि विधायक जो कह रहे हैं कि उन्हें एनसीपी से दिक्कत है. वे सिर्फ बहाना कर रहे हैं. अगर ऐसी बात है तो पिछले 2.5 साल से वे कहां थे? उन्होंने आगे कहा कि गुवाहाटी जाने वाले विधायक पर कार्रवाई का फैसला उद्धव करेंगे.

राज्यपाल ने सुरक्षा के लिए पत्र लिखे
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 2 पत्र लिखकर बागी विधायकों को सुरक्षा देने की मांग की. उन्होंने पहला पत्र महाराष्ट्र के डीजीपी को लिखा. इसके बाद दूसरा पत्र केंद्रीय गृह सचिव को लिखा. दूसरे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि महाराष्ट्र के बागी 47 विधायकों और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों का प्रावधान किया जाए. बता दें कि सभी विधायकों को पहले ही सीआरपीएफ सुरक्षा मुहैया कराई जा चुकी है.

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