भोपाल। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसे देखने वालों को मुंह से बरबस ही निकल जाएगा कि क्या हम सच में इंसानी बस्ती में रहते हैं? सिंगरौधी जिले के एक पिता को अपने बेटी का शव खाट पर लेकर 35 किलोमीटर तक पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ा। सुशासन की सरकार में विकास के दावे के बीच सिस्टम की अनदेखी की इस शर्मनाक तस्वीर को देखकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या सिस्टम इतना लचर है कि जिसके चलते एक लाचार बाप खाट पर अपनी बेटी के शव को लेकर पैदल चलने को मजबूर है।
यह मामला सिंगरौली के निवास पुलिस चौकी क्षेत्र के गड़ई गांव का है। जहां एक 16 साल की नाबालिग ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसकी सूचना परिजनों ने निवास पुलिस चौकी में दी, लेकिन पुलिस प्रशासन व अन्य किसी जगह से सहयोग नहीं मिलने पर मृतका के लाचार पिता को बेटी का शव खाट पर लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए 35 किलोमीटर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
सिंगरौली में खाट पर सुशासन! पीड़ित पिता बिटिया के शव को पोस्टमॉर्टम के लिये 35 किमी. खाट पर ले जाने को मजबूर परिवार का आरोप ना पुलिस ने किया सहयोग, ना मिला शववाहन @GargiRawat @manishndtv @ndtv @ndtvindia @ManMundra @sushant_says pic.twitter.com/IJ9LiXDfpB
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) May 9, 2021
जानकारी के मुताबिक, परिवार वालों के सूचना देने और करुण गुहार लगाने के बावजूद सिस्टम हरकत में नहीं आया। पीड़ित को न ही शव वाहन मिला न ही निवास पुलिस ने कोई संजीदगी दिखाई। आखिरकार सिस्टम से हारे बेबस पिता को कलेजे के टुकड़े के शव को खाट पर लेकर 35 किलोमीटर तक पैदल जाना पड़ा।
मृतका के पिता ने कहा, “करें तो क्या करें पुलिस ने सहयोग नहीं किया। शव वाहन बुलाने पर भी नहीं आया। अब इस सिस्टम से कितनी देर तक गुहार लगाते इसलिए मजबूरी में पोस्टमार्टम जैसे औपचारिकता पूरी करने के लिए शव को किसी तरह लेकर आ गए।”
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