नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर उल्लंघन (Ceasefire Violation) को लेकर बुधवार को चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच तय किया गया है कि दोनों पक्षों को लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) और दूसरे सेक्टर्स में सीजफायर करनी होगी। यह फैसला 24-25 फरवरी की मध्यरात्री से अमल में लाया जाएगा।
बुधवार को दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) की बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि आज यानी 24-45 फरवरी की रात से ही उन सभी पुराने समझौतों को फिर से अमल में लाया जाएगा, जो समय-समय पर दोनों देशों के बीच हुए हैं। खास बात है कि दो मुल्कों के बीच चर्चा ऐसे समय पर हुई है, जब एलओसी पर सीजफायर उल्लंघन के मामलों में इजाफा देखा जा रहा था। रक्षा मंत्रालय ने इसके संबंध में एक साझा बयान जारी किया है।
रक्षा मंत्रालय की तरफ से साझा बयान में कहा गया है ‘दोनों देश सभी समझौतों और LOC के साथ दूसरे सेक्टर्स में भी सीजफायर का सख्ती से पालन करने के लिए तैयार हो गए हैं। यह 24 से 25 फरवरी की मध्यरात्री से प्रभावी हो जाएगा।’ बातचीत के दौरान दोनों सेनाओं ने एलओसी के साथ दूसरे सेक्टर्स पर हालात की समीक्षा की। दोनों देशों के बीच हॉटलाइन पर बात हुई है।
जारी स्टेटमेंट के अनुसार, दोनों DGMO एक-दूसरे के ऐसे जरूरी मुद्दों और चिंताओं को मानने के लिए तैयार हुए हैं, जो शांति भंग और हिंसा भड़का सकते हैं। दोनों पक्षों ने आपसी हित और सीमा पर शांति बनाए रखने के इरादे से यह फैसला लिया है। बातीचत के दौरान दोनों देशों ने इस बात को दोहराया कि किसी भी गलतफहमी और अनदेखे हालातों के निपटारे के लिए हॉटलाइन का इस्तेमाल किया जाएगा। इस दौरान भारतीय सेना ने यह साफ कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। इसमें कोई छूट नहीं होगी। इसके अलावा भारतीय सेना LOC पर घुसपैठ को रोकने के लिए भी ऑपरेशन जारी रखेगी।
पाक ने तीन साल में तोड़ा था समझौता
साल 2003 में भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर सीजफायर समझौता हुआ था। इसके तहत तय किया गया था कि दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर एक-दूसरे पर गोलीबारी नहीं करेंगी। यह समझौता करीब 3 साल तक ठीक चला, लेकिन पाक ने साल 2006 में फिर गोलीबारी शुरू कर दी। वहीं, बीते साल 2020 में सीमा पर पाकिस्तान ने रिकॉर्ड सीजफायर उल्लंघन किया है।