img-fluid

पाकिस्तान को कर्ज देना कितना खतरनाक, भारत ने दुनिया के सामने ऐसे खोली पोल

  • May 10, 2025

    डेस्क: भले ही आतंक के गढ़ पाकिस्तान को आईएमएफ से भीख मिल गई हो. लेकिन दुनिया के इस ‘आतंकिस्तान’ को कर्ज देना कितना खतरनाक है, उसकी एक तस्वीर भारत ने दुनिया के सामने रख दी है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन अपने चरम पर है. दुनिया को पता है कि पाकिस्तान आतंकवाद का एक बड़ा पनाहगाह रहा है. इंटरनेशनल कंयूनिटी से जिस तरह की आर्थिक मदद पाकिस्तान को मिलती रही है, उसका उपयोग उसने पाकिस्तान की आवाम की भलाई के लिए नहीं बल्कि आकंतवाद को फलने फूलने में खर्च किया है. ऐसे में भारत ने आईएमएफ के सामने पाकिस्तान के कर्ज को अप्रूव करने पहले पाकिस्तान की सच्ची तस्वीर पेश करने की कोशिश की थी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत ने आईएमएफ के मातहत पूरी दुनिया को कैसे समझाने का प्रयास किया कि पाकिस्तान को कर्ज देना कितना खतरनाक है?

    भारत ने शुक्रवार को आईएमएफ की कार्यकारी बोर्ड की बैठक में पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज और प्रोग्राम पर चिंता जाहिर की थी. भारत ने इस दौरान वोटिंग से भी परहेज किया. साथ ही कहा कि पाकिस्तान IMF से लंबे समय से कर्जदार रहा है. पाकिस्तान ने कभी भी आईएमएफ की शर्तों का पालन नहीं किया. जिसकी वजह से उसका ट्रैक रिकॉर्ड काफी खराब रहा है. भारत ने कहा कि लगातार वित्तीय सहायता के कारण पाकिस्तान पर बहुत अधिक कर्ज हो गया है, विडंबना यह है कि IMF के लिए यह ‘बहुत बड़ा कर्जदार’ है.


    भारत ने पाकिस्तान के ऐतिहासिक रिकॉर्ड को देखते हुए IMF की पहलों की प्रभावशीलता को लेकर संदेह व्यक्त किया. इसके अलावा, भारत ने संभावना जताई कि आईएमएफ से मिलने वाला पैकेज आतंकवाद को सपोर्ट करने में खर्च हो सकता है. 1989 से 35 वर्षों में, पाकिस्तान को 28 वर्षों में आईएमएफ से काफी कर्ज मिला है. बीते पांच साल की बात करें तो 4 आईएमएफ प्रोग्राम के तहत पैसे मिले हैं. भारत ने कहा कि यदि पिछले प्रोग्राम एक ठोस मैक्रो-इकोनॉमिक पॉलिसी वातावरण बनाने में सफल रहे होते, तो पाकिस्तान को एक और बेल-आउट प्रोग्राम की लिए फंड से संपर्क नहीं करना पड़ता. वित्त मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत ने कहा कि इस तरह का ट्रैक रिकॉर्ड पाकिस्तान के मामले में आईएमएफ कार्यक्रम डिजाइनों की प्रभावशीलता या उनकी निगरानी या पाकिस्तान द्वारा उनके कार्यान्वयन पर सवाल उठाता है.

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की घोषणा के अनुसार, आईएमएफ ने चल रही विस्तारित निधि सुविधा के हिस्से के रूप में पाकिस्तान को तत्काल 1 बिलियन डॉलर के वितरण को मंजूरी दी. उनके कार्यालय से एक आधिकारिक संचार में कहा गया है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान के लिए 1 बिलियन डॉलर की किस्त की मंजूरी और उसके खिलाफ भारत की मनमानी रणनीति की विफलता पर संतोष व्यक्त किया. इस बीच, भारत ने बताया कि आर्थिक मामलों में पाकिस्तान की सेना की पॉलिसी सुधार स्थिरता को काफी हद तक खतरे में डालती है. भारत ने कहा कि आम लोगों की चुनी हुई सरकार होने के बाद भी सेना राजनीतिक परिदृश्य और आर्थिक निर्णयों दोनों पर पर्याप्त प्रभाव रखती है. 2021 की एक संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में सेना सबसे बड़े कारोबारी समूह में से भी एक है.

    भारत ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले को लगातार पुरस्कृत करने से वैश्विक समुदाय को एक खतरनाक संदेश जाता है. इससे वित्तपोषण करने वाली एजेंसियों और दाताओं की प्रतिष्ठा भी जोखिम में पड़ती है तथा वैश्विक मूल्यों का मजाक उड़ता हैसार्वभौमिक सिद्धांतों को कमजोर करता है. हालांकि कई सदस्य देशों ने आईएमएफ जैसी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से सैन्य गतिविधियों और राज्य समर्थित आतंकवाद के लिए संसाधनों के संभावित गलत आवंटन के बारे में आशंकाएं साझा कीं, लेकिन आईएमएफ की कार्रवाई संस्थागत प्रोटोकॉल और तकनीकी आवश्यकताओं से बाधित है.

    Share:

    भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच जाह्नवी को हुई ‘एंग्जाइटी’, पीएम मोदी को कहा धन्यवाद

    Sat May 10 , 2025
    मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर (Jhanvi Kapoor) ने शुक्रवार को अपने इंस्टाग्राम पर एक लंबा पोस्ट लिखा। भारत और पाकिस्तान तनाव (India-Pakistan tension) के बीच जाह्नवी का ये पोस्ट आया है। उन्होंने इस पोस्ट में लिखा कि कल रात न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर जो दृश्य सामने आए, वे किसी फिल्म की तरह लग […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved