नई दिल्ली । भारतीय पासपोर्ट धारकों (Indian passport holders)को कितने देश वीजा-फ्री एंट्री, (Countries Visa-Free Entry)वीजा ऑन अराइवल (Visa on Arrival)और ई-वीजा की सुविधा (E-Visa facility)प्रदान करते हैं, इस बारे में जानकारी सामने आई है। भारत सरकार ने संसद में इस बारे में बताया है। मीडिया के मुताबिक, शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि भारतीय पासपोर्ट धारकों को 26 देश वीजा-फ्री एंट्री, 40 देश वीजा ऑन अराइवल और 58 देश ई-वीजा की सुविधा प्रदान करते है।
उन्होंने हाल ही में जारी हेनले पासपोर्ट सूचकांक 2025 में भारतीय पासपोर्ट की स्थिति पांच पायदान गिरकर 85वें स्थान पर आने पर टिप्पणी करने से परहेज किया। वैश्विक पासपोर्ट सूचकांक पर एक प्रश्न में टीडीपी सदस्य वेमिरेड्डी प्रभाकर रेड्डी ने पूछा था कि क्या सरकार ने इस बात पर ध्यान दिया है कि भारतीय पासपोर्ट सूचकांक में वर्ष 2024 में 80वें स्थान से और वर्ष 2006 में 71वें स्थान से नीचे आ गया है।
वीजा-फ्री एंट्री वाले देशों की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रही सरकार
राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, “कुछ निजी संस्थान हैं, जो अपने द्वारा तय किए गए मापदंडों के आधार पर ऐसी रेटिंग प्रकाशित करते हैं। हालांकि, पासपोर्ट के लिए वैश्विक स्तर पर कोई व्यापक रूप से स्वीकृत रैंकिंग प्रणाली नहीं है जिसे पासपोर्ट को रैंक करने के लिए स्वीकार्य मानदंडों के अभाव में मानक के रूप में लिया जा सके।”
उन्होंने कहा कि सरकार लगातार ऐसे देशों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है जो भारतीयों को विश्व भर में यात्रा करने में आसानी के लिए वीजा मुक्त यात्रा, आगमन पर वीजा और ई-वीजा सुविधाएं प्रदान कर सकें।
उन्होंने कहा, ”आज की तारीख में, 26 देश वीजा-मुक्त प्रवेश प्रदान करते हैं, 40 देश वीजा-ऑन-अराइवल सुविधा प्रदान करते हैं और 58 देश भारतीय पासपोर्ट धारकों को ई-वीजा सुविधा प्रदान करते हैं, इनका विवरण इस मंत्रालय द्वारा समय-समय पर अपनी वेबसाइट पर अपडेट किया जाता है, जिसे Fm लिंक- https://www.mea.gov.in/VFFIN.htm पर देखा जा सकता है।
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह और क्या बोले?
रेड्डी ने यह भी जानना चाहा कि क्या सरकार द्वारा भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग को ऊपर उठाने के लिए कोई सुधारात्मक उपाय किए जाने की संभावना है। राज्य मंत्री ने कहा, “वीजा जारी करने के संबंध में नीतियों का निर्माण संबंधित देश का संप्रभु मामला है और वीजा-मुक्त प्रवेश/आगमन पर वीजा सुविधा प्रदान करने का मामला द्विपक्षीय संबंधों और पारस्परिकता के सिद्धांत सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है।”
रेड्डी ने अपने प्रश्न में हेनले पासपोर्ट सूचकांक 2025 का हवाला दिया और दावा किया कि भारतीय पासपोर्ट की निचली रैंकिंग के परिणामस्वरूप भारतीय यात्री केवल 57 देशों में ही वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं, जबकि सिंगापुर वीजा धारक 227 देशों में से 195 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं।
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