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कोई विमान हादसा नहीं हुआ तो नेताजी गए कहां? कैसे हुई थी सुभाष चंद्र बोस की मौत, जानिए रहस्य

नई दिल्ली: भारत के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुभाष चंद्र बोस का पूरा जीवन किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। जिसमें एक्शन, रोमांस और रहस्य तीनों ही हैं। सुभाष चंद्र बोस देश की आजादी के लिए लड़ने वाले असल जिंदगी के हीरो थे। जिन्होंने अंग्रेजों की गुलामी न स्वीकारते हुए आजाद हिंद फौज का गठन किया। उनकी लव लाइफ भी काफी दिलचस्प थी। सुभाष चंद्र बोस ने अपनी सेक्रेटरी एमिली से प्रेम विवाह किया था, जो कि ऑस्ट्रिया की रहने वाली थीं। उनकी प्रेम कहानी के भी कई किस्से हैं। ये तो रही एक्शन और रोमांस की बात अब सुभाष चंद्र बोस के जीवन से जुड़े रहस्य पर नजर डालते हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु हर किसी के लिए एक रहस्य हैं। उनके निधन के इतने सालों बाद भी आज तक ये पता न चल सका कि आखिर उनकी मौत असल में कैसे हुई थी। उनकी मृत्यु पर जो जांच हुई वह भी कुछ सही निष्कर्ष न दे सकी।


सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, सुभाष चंद्र बोस की मौत 18 अगस्त 1945 को एक विमान हादसे में हुई। कहा जाता है कि सुभाष चंद्र बोस जिस विमान से मंचुरिया जा रहे थे, वह रास्ते में लापता हो गया। उनके विमान के लापता होने से ही कई सवाल खड़े हो गए कि क्या विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था? क्या सुभाष चंद्र बोस की मौत एक हादसा थी या हत्या?

उसी साल 23 अगस्त को जापान की एक संस्था ने एक खबर जारी कि जिसमें कहा गया कि सुभाष चंद्र बोस का विमान ताइवान में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। किसी देश की संस्था से ऐसा बयान आने पर इस हादसे को सच माना जा सकता था लेकिन कुछ ही दिन बार जापान सरकार ने पुष्टि की कि ताइवान में उस दिन कोई विमान हादसा हुआ ही नहीं। इस बयान से संशय और बढ़ गया कि जब कोई विमान हादसा हुआ ही नहीं तो नेताजी गए कहां?

सुभाष चंद्र बोस की मौत इसलिए भी रहस्य बनी हुई है क्योंकि आरोप लगा कि उस समय जवाहर लाल नेहरू ने बोस के परिवार की जासूसी कराई। अप्रैल 2015 में इस मुद्दे पर आईबी की दो फाइलें सार्वजनिक हुई, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। इन फाइलों के मुताबिक, आजाद भारत में करीब दो दशक तक आईबी ने नेताजी के परिवार की जासूसी की। कई लेखकों को मानना है कि नेहरू को भी सुभाष चंद्र बोस की मौत पर शक था, इसलिए वह बोस परिवार के पत्र की जांच करवाते थे ताकि अगर नेताजी परिवार से संपर्क करें तो पता चल सके।

बाद में सुभाष चंद्र की मौत से जुड़ी 37 फाइलें सरकार ने सार्वजनिक कर दी लेकिन इस फाइलों से ऐसे पुखता सबूत नहीं मिले, जो दावा कर सकें कि सुभाष चंद्र बोस की मौत विमान हादसे में ही हुई थी। नेताजी के समर्थकों का मानना है कि वह देश की आजादी के वक्त जीवित थे लेकिन इस बात का भी कोई सबूत नहीं। आज भी सवाल बरकरार है कि क्या 1945 में विमान हादसे में ही सुभाष चंद्र बोस की मौत हुई थी? अगर हां, तो यह हादसा था या हत्या? अगर नहीं तो नेताजी कहां गए और क्यों दुनिया से छुपकर रहें?

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