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शरीर में दिखें ये बदलाव तो हो जाएं सावधान एड्स के हो सकते हैं लक्षण, जानें बचाव के तरीके

World Aids Day 2021: एड्स एक लाइलाज बीमारी है. इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता ही एकमात्र उपाय है. इसलिए एड्स के लक्षण, कारक और बचाव के तरीके पता होना बहुत जरूरी है. डॉक्टर्स कहते हैं कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति अगर हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट फॉलो करे तो उसका जीवन सामान्य हो सकता है. एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को ‘वर्ल्ड एड्स डे’ मनाया जाता है.

कैसे फैलता है एड्स?
एचआईवी पॉजिटिव असुरक्षित शारीरिक संबंध(Physical relationship) बनाने से होता है. मरीज के शरीर में इस्तेमाल किए हुए इंजेक्शन को दूसरे व्यक्ति के लिए इस्तेमाल करने से भी यह बीमारी हो सकती है. पीड़ित व्यक्ति का ब्लड किसी दूसरे व्यक्ति को चढ़ाने से एचआईवी वायरस फैलता है. एचआईवी संक्रमित (HIV infected) गर्भवती महिला के शरीर से गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर में भी वायरस ट्रांसमिट हो सकता है.

एड्स के लक्षण
एड्स के शुरुआती दिनों में किसी तरह के लक्षण सामने नहीं आते हैं. व्यक्ति बिल्कुल साधारण दिनों की तरह सेहतमंद रहता है. कुछ साल बाद ही इसके लक्षण सामने आते हैं. बुखार, थकावट, सूखी खांसी, वजन घटना, स्किन, मुंह, आंख या नाक के पास धब्बे पड़ना, समय के साथ कमजोर याददाश्त और शरीर में दर्द की शिकायत इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं. गले में खराश या ग्रंथियों (glands) में सूजन को इग्नोर करना भी आपको मुश्किल में डाल सकता है. स्किन पर रैशेज और मांसपेशियों में दर्द एचआईवी संक्रमित होने के लक्षण हो सकते हैं. गले की नली, मुंह या गुप्तांग में घाव एचआईवी संक्रमण की निशानी है. डॉक्टर्स कहते हैं कि एड्स के मरीजों को रात में पसीना आने की शिकायत हो सकती है. पेट खराब या डायरिया (diarrhea) जैसी दिक्कतों को नजरअंदाज करना भी गलत है.

ये चीजें देंगी एड्स से लड़ने की ताकत



फल और सब्जियां-
फल और सब्जियों(fruits and vegetables) में पाया जाने वाला न्यूट्रिशन जिसे एंटी-ऑक्सीडेंट कहते हैं, इम्यूनिटी को दुरुस्त करता है. ऐसी कंडीशन में हेल्दी डाइट के लिए रोजाना 5 से 9 सर्विंग का लक्ष्य बना लें. अलग-अलग तरह की फल-सब्जियां खाएं, जिससे शरीर को अलग तरह के विटामिन और मिनरल मिल सकें.

लीन प्रोटीन-
मजबूत मांसपेशियों और अच्छे इम्यून सिस्टम के लिए शरीर को लीन प्रोटीन की भी जरूरत होती है. इसके लिए अपनी डाइट में फ्रेश चिकन, मछली, अंडे, फलीदार सब्जियां और बादाम को शामिल करें.

साबुत अनाज-
कार्ब्स से आपकी बॉडी को एनर्जी मिलती है. इसके लिए आपको ब्राउन राइस या गेहूं की रोटी खानी चाहिए. साबुत अनाज में विटामिन-बी (Vitamin B) के अलावा फाइबर भी होता है, जो शरीर में फैट बढ़ने की समस्या (लिपोडिस्ट्रॉफी) को रोकता है. एचआईवी में इसके बड़े साइड इफेक्ट हो सकते हैं.

हेल्दी फैट-
फैट से शरीर को ऊर्जा मिलती है, लेकिन इसमें बहुत ज्यादा कैलोरी होती है. डाइट में सिर्फ हेल्दी फैट को शामिल करें. बादाम, वेजिटेबल ऑयल और एवोकाडो (avocado) में मौजूद हेल्दी फैट आपके लिए बिल्कुल सही रहेगा.

कैलोरी का पर्याप्त अमाउंट-
अगर आपका वजन असामान्य रूप से घट रहा है तो डॉक्टर आपको न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट की सलाह दे सकते हैं. लेकिन कई बार वजन बढ़ने से दिल की बीमारियों, डायबिटीज और कैंसर (diabetes and cancer) का खतरा भी बढ़ सकता है. इसलिए सिर्फ हेल्दी खाएं और पर्याप्त अमाउंट में ही कैलोरी लें.

खूब पानी पिएं-
बीमारी होने पर अक्सर लोगों को प्यास नहीं लगती है. लेकिन एचआईवी जैसी घातक बीमारी में शरीर को रोजाना 8-10 कप पानी या किसी दूसरे लिक्विड की जरूर होती है. ये पानी शरीर से पोषक तत्वों को अपना काम करने और दवाओं को फ्लश करने का काम करता है. साथ ही बॉडी को डीहाइड्रेट होने से बचाता है और एनर्जी लेवल भी बढ़ाता है.

शुगर और नमक-
एचआईवी में दिल से जुड़ीं बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है. बहुत ज्यादा शुगर या नमक से आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है. आपको अपनी डेली डाइट में शुगर (Sugar) की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए. इसके अलावा, आपको रोजाना 2300 मिलीग्राम से ज्यादा नमक भी नहीं खाना चाहिए.

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