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Punjab Election: पंजाब में बीजेपी 60 से 62 सीट पर लड़ेगी चुनाव, सहयोगी दलों के साथ सीटों का फॉर्मूला तय

डेस्क: पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) में सीट बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कैप्टन अमरिंदर (Captain Amrinder Singh) के बीच फंसा पेंच सुलझ गया है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी और कैप्टन के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है. इस चुनाव में बीजेपी 60 से 62 सीट और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की लोक कांग्रेस पार्टी 38 से 40 सीट पर चुनाव लड़ सकती है. गठबंधन में शामिल शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) को 10 से 12 सीटें और लोक इंसाफ पार्टी को 2 से 5 सीटें मिल सकती हैं.

पंजाब में विधानसभा की 117 सीटों के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा. इस चुनाव के लिए बीजेपी ने लोक कांग्रेस पार्टी सहित अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन किया है. सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर बैठक भी हुई थी. इस बैठक के बारे में केंद्रीय मंत्री मिनाक्षी लेखी ने कहा, ‘गठबंधन को लेकर पहले चर्चा हो चुकी है. आज पार्टी के अंदरूनी मामलों पर चर्चा हुई.


21 जनवरी तक आ सकती है बीजेपी की सूची
पंजाब के भाजपा उम्मीदवारों के बारे में पूछे जाने पर लेखी ने कहा कि संसदीय समिति के साथ चर्चा के बाद उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि 21 जनवरी तक भाजपा उम्मीदवारों की सूची बाहर आ सकती है. बीजेपी नेता दुष्यंत गौतम ने बताया कि सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘अब हम उम्मीदवारों के बारे में ब्यौरा जुटा रहे हैं और चुनाव से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं.

अरविंद केजरीवाल ने भगवंत मान के नाम का किया है ऐलान
पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) ने CM चेहरे का औपचारिक ऐलान कर दिया है. पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल मंगलवार को मोहाली पहुंचे और उन्होंने भगवंत मान के नाम का ऐलान किया. आप ने CM कैंडिडेट चुनने के लिए मोबाइल नंबर जारी करके जनता की राय मांगी थी. 3 दिन में 21.59 लाख लोगों ने राय दी. करीब 15 लाख लोगों ने भगवंत मान का नाम लिया है.

अरविंद केजरीवाल ने इस रिजल्ट के साथ ही भगवंत मान के नाम का ऐलान करते हुए कहा कि मान को 93.3% वोट मिले हैं. अरविंद केजरीवाल ने पहले ही कहा था कि वह पंजाब में CM की दौड़ में नहीं हैं. पंजाब का CM चेहरा सिख समाज से होगा. 2017 में आप को इसी वजह से बड़ा झटका लगा था कि CM फेस सिख समाज से नहीं था. विरोधियों ने कहा था कि बाहर से आकर कोई मुख्यमंत्री बन सकता है, जिससे पंजाबी आप से दूर होते चले गए.

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