देश राजनीति

आपस में ही उलझा INDIA गठबंधन, अब बंगाल में ममता बनर्जी को कांग्रेस ने दिया झटका

नई दिल्ली (New Delhi)। 2024 के आम चुनावों में भाजपा (BJP) को टक्कर देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बने गठबंधन INDIA के घटक दल आपस में ही एक-दूसरे की टांग खींच रहे हैं। पश्चिम बंगाल इस मामले में अव्वल है क्योंकि वहां एक तरफ वाम दलों और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) के बीच टकराव है तो दूसरी तरफ कांग्रेस और ममता की तणमूल कांग्रेस के बीच भी नूराकुश्ती जारी है। कुछ दिनों पहले ही सीपीएम ने लोकसभा चुनावों में टीएमसी के खिलाफ सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कही थी।

बता दें कि शनिवार को एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता और ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम के दामाद यासिर हैदर ने बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की मौजूदगी में उनकी पार्टी का हाथ थाम लिया। हैदर को टीएमसी की युवा शाखा-तृणमूल युवा कांग्रेस के महासचिव पद से हटा दिया गया था।

अधीर रंजन चौधरी की उपस्थिति में कोलकाता में पार्टी के राज्य मुख्यालय में कांग्रेस में शामिल होते हुए हैदर ने टीएमसी को “जबरन वसूली करने वालों की पार्टी” करार दिया। यासिर हैदर, ममता बनर्जी के साथ अपने करीबी संबंधों के लिए भी जाने जाते रहे हैं और कभी पार्टी की युवा शाखा के राज्य सचिव थे। हैदर 2019 तक टीएमसी की युवा शाखा के राज्य सचिव थे, जिसके बाद उन्हें कुर्सी से हटा दिया गया था। तब उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना या वैध कारण के पद से हटा दिया गया है।



टीएमसी छोड़ने और कांग्रेस में शामिल होने के कारणों को लेकर हैदर ने तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई के राज्य सचिव के रूप में उनका नाम ‘रहस्यमय तरीके से’ हटाए जाने पर अपनी नाखुशी व्यक्त की। हैदर ने कहा, “मेरी पहचान एक राजनीतिक नेता के रूप में नहीं बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में है। मेरा जमीनी स्तर पर लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध है। मैंने पार्टी के लिए दिन-रात काम किया लेकिन मुझे उसका कोई इनाम नहीं मिला।”

वह कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए। राज्य सरकार में मंत्री हकीम ने इस घटनाक्रम को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। हकीम ने कहा, “मुझे इसे घटनाक्रम से कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरा मानना है कि वह दिन दूर नहीं, जब कांग्रेस का नाम केवल इतिहास की किताबों में ही मिलेगा। यह ऐसे लोगों को शामिल कर रही है जिनकी अपनी कोई पहचान नहीं है लेकिन वे फिरहाद हकीम के करीबी लोगों के रूप में जाने जाते हैं।”

जब हैदर से पूछा गया कि क्या कांग्रेस में शामिल होने से पहले उनकी हकीम के साथ कोई चर्चा हुई थी, तो उन्होंने कहा, “मैं उनका सम्मान करता हूं और मैं उन्हें एक नेता के रूप में देखकर बड़ा हुआ हूं। लेकिन हमारी विचारधाराएं अब बदल गई हैं।” इस सवाल पर कि उन्होंने भाजपा के बजाय कांग्रेस को क्यों चुना, हैदर ने कहा, “मैं राम मंदिर या मस्जिद पर राजनीति नहीं करता। मुझे लोगों के लिए काम करना पसंद है और कांग्रेस इसके लिए सबसे अच्छा मंच है।”

Share:

Next Post

दुनिया में प्‍याज का सबसे बड़ा उत्पादक भारत, फिर भी बढ़ रहे दाम, आखिर क्‍या है वजह ?

Sun Aug 20 , 2023
नई दिल्‍ली (New Delhi) । टमाटर (Tomato) के बाद अब लोगों को प्याज की कीमतें (Onion Price) रुलाने वाली हैं. प्याज की बढ़ती कीमतों के संकेतों के बीच सरकार (Government) ने इसके निर्यात (export) पर 40 फीसदी शुल्क लगा दिया है. सरकार ने ये कदम प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए उठाया है. सरकारी […]