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अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान अगले साल चीन को पछाड़ देगा भारत


नई दिल्ली।  अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है। इस वर्ष भारत की जीडीपी 9.6 प्रतिशत घटेगी, लेकिन 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.8 प्रतिशत की जोरदार बढ़त दर्ज कर चीन को पीछे छोड़ते हुए तेजी से बढऩे वाली उभरती अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लेगी। मुद्रा कोष की यह रिपोर्ट भारत को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ी सहायक होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के अलावा चीन में ही आर्थिक वृद्धि होगी, लेकिन वह केवल 1.9 प्रतिशत रहेगी।

कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में इस वर्ष के दौरान 10.3 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आने का अनुमान है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को यह कहा। वहीं, इस दौरान विश्व अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत की गिरावट और 2021 में 5.2 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि के साथ आगे बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया गया है। हालांकि, इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा है कि 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में संभवत: 8.8 प्रतिशत की जोरदार बढ़त दर्ज की जायेगी और वह चीन को पीछे छोड़ते हुये तेजी से बढ़ने वाली उभरती अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर से हासिल कर लेगी। चीन के 2021 में 8.2 प्रतिशत वृद्धि हासिल करने का अनुमान है।

आईएमएफ ने अपनी ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य’ पर जारी ताजा रिपोर्ट में ये अनुमान व्यक्त किये हैं। ये रिपोर्ट आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना वार्षिक बैठक से पहले जारी की गई हैं। इसमें कहा गया है कि 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत की गिरावट आयेगी और 2021 में यह 5.2 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हासिल करेगी। आईएमएफ की इस रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 5.8 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है जबकि अगले वर्ष इसमें 3.9 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

रिटायर्ड भारतीय डिप्लोमैट सैयद अकबरुद्दीन ने भी आईएमएफ के इस अनुमान को लेकर एक ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि भारत के लिए अगला साल काफी बेहतर होगा।

2020 में सिर्फ चीन की अर्थव्यवस्था बढ़ी
वर्ष 2020 के दौरान दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में केवल चीन ही एकमात्र देश होगा जिसमें 1.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जायेगी। आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आर्थिक गतिविधियों के मामले में अनुमान में संशोधन भारत के मामले में बड़ा है जहां सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दूसरी तिमाही (अप्रैल- जून, भारत के वित्त वर्ष के मुताबिक पहली तिमाही) के दौरान अनुमान से कहीं बड़ी गिरावट रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवसथा के 2020 में 10.3 प्रतिशत घटने का अनुमान है जबकि 2021 में इसमें 8.8 प्रतिशत वृद्धि के साथ बड़ा उछाल आयेगा।’’ इससे पहले 2019 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रही। आईएमएफ के मुताबिक जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों में भारत शामिल है। यह इसके शुरुआती उच्च तापमान को परिलक्षित करता है। पिछले सप्ताह विश्व बैंक ने कहा कि भारत की जीडीपी इस वित्त वर्ष में 9.6 प्रतिशत घटेगी। विश्व बैंक ने दक्षिण एशिया आर्थिक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया।

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