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इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमानः विश्व बैंक

नई दिल्ली (New Delhi)। वर्ल्ड बैंक (World Bank prediction) ने इस साल ग्लोबल इकोनॉमी (global economy) की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट (Big drop in growth rate) आने की आशंका जताते हुए कहा है कि ऊंची ब्याज दरों (high interest rates), रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के दुष्प्रभावों और कोविड-19 महामारी (covid-19 pandemic) के लंबित प्रभावों का असर बना हुआ है। दुनिया के 189 देशों में गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयासरत वर्ल्ड बैंक ने अपने नवीनतम वैश्विक परिदृश्य में कहा है कि वर्ष 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2.1 प्रतिशत (growth rate global economy 2.1 percent.) रहेगी जबकि 2022 में यह 3.1 प्रतिशत रही है।

6.3 प्रतिशत रहेगी इंडियन इकोनॉमी की स्पीड
विश्व बैंक की मंगलवार को जारी ‘वैश्विक आर्थिक संभावना’ रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2023 के लिए नया वृद्धि अनुमान जनवरी के पिछले अनुमान से थोड़ा बेहतर है। विश्व बैंक ने जनवरी में कहा था कि वैश्विक वृद्धि दर इस साल सिर्फ 1.7 प्रतिशत रहेगी। विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के इस साल 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है जो प्रमुख देशों में सबसे अधिक है। वर्ष 2022 में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी।


दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंक पिछले साल से ही नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी का रुख अपनाए हुए हैं। बढ़ती मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरें काफी बढ़ा दी हैं। इसने महामारी की चोट से उबरने में लगी वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने चुनौती बढ़ा दी है। इसके अलावा यूक्रेन पर रूस के हमले की वजह से ऊर्जा एवं खाद्य आपूर्ति का संकट भी बना हुआ है। कोविड-19 महामारी के लंबित प्रभाव भी अभी तक मौजूद हैं।

इसके बावजूद विश्व बैंक को लगता है कि वर्ष 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने में सफल रहेगी। विश्व बैंक ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के लिए वर्ष 2023 में वृद्धि दर 1.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, यह निचले स्तर पर है लेकिन जनवरी के पिछले अनुमान से करीब दोगुना है।

वहीं यूरोपीय संघ की वृद्धि दर इस साल 0.4 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से ऊर्जा संकट झेल रहे यूरोपीय संघ के लिए गत जनवरी में शून्य वृद्धि का अनुमान जताया गया था।विश्व बैंक ने चीन के लिए वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया है जबकि वर्ष 2022 में इसकी वृद्धि दर तीन प्रतिशत रही थी। वहीं जापान में वृद्धि दर के एक प्रतिशत से घटकर 0.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।

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