इंदौर न्यूज़ (Indore News)

जिसको टिकट देना तय है, उसको इशारा कर दिया, बाकी पर जल्द मंथन: कमलनाथ

इन्दौर (Indore)। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सत्ता (Power to Congress) में वापस लाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रख रहे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) की बात पर भरोसा किया जाए तो इस बार कांग्रेस का टिकट उसी नेता को मिलेगा, जो पार्टी के तीन सर्वे में सबसे मजबूत दावेदार के रूप में सामने आएगा। बकौल कमलनाथ मैं गुटबाजी, हवाबाजी नहीं होने दूंगा। विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण के मुद्दे पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे चार सर्वे करा रहे हैं। जिस दावेदार का नाम तीन सर्वे में मजबूती से होगा, उसका उम्मीदवार बनना तय होगा। उस नेता को मैं चुनाव के तीन-चार माह पहले ही इशारा कर दूंगा। टिकट चयन को लेकर कोई दबाव प्रभाव नहीं झेलूंगा। हालांकि इस बार जनता भाजपा से खफा है। उम्मीदवारों के बजाए इस बार मतदाता संगठन को महत्व देंगे। टिकट को लेकर कोई दबाव-प्रभाव इस बार नहीं झेला जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कल इंदौर में चुनिंदा समाचार पत्रों के संपादकों से चर्चा करते हुए अपने चंद महीनों की सरकार में किए गए कार्यों की व्याख्या के साथ ही भविष्य की योजनाओं को भी साझा किया। कमलनाथ ने अपने 15 महीने के मुख्यमंत्रित्व काल व नौकरशाहों की भूमिका पर खुलकर बात की। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की रणनीति, कमजोरी और टिकट के फार्मूले पर कमलनाथ ने बेबाकी से जवाब दिए। सेक्टर और मंडलम के मामले में उन्होंने अपेक्षा के मुताबिक काम ना होने की बात भी स्वीकारी। उन्होंने अपने अल्प कार्यकाल में ही मध्यप्रदेश में ठोस कार्यों की शुरुआत की, जिसमें इंदौर को पूरे देश में पहचान दिलाना सर्वोपरि था। इसके लिए आईफा अवार्ड इंदौर में किए जाने की मुकम्मल तैयारी कर ली गई थी। उन्होंने कहा कि अनुदान बांटते समय हमने उदारता दिखाते हुए सबको समान अधिकार के तहत सहायता पहुंचाई। ठोस निर्णय लिए और मध्यप्रदेश को आगे बढ़ाने का प्रयास किया।

अधिकारियों से कहा- आप शिवराज को समझाते हो, मैं आपको समझाऊंगा…
उन्होंने कहा कि हर मुख्यमंत्री का काम करने की तरीका अलग होता है। जब मैं मुख्यमंत्री था तो मैंने अधिकारियों को बुलाया और कहा कि अब तक आप शिवराजजी को समझाते रहे, अब मैं आपको जो समझाऊंगा, वह करना पड़ेगा। आप मुझे कानून मत सिखाइए। मेरी सीधी सी शर्त है, मुझे परिणाम चाहिए। हमने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया, बिजली में राहत दिलाई। उन्होंने एक वाकया सुनाते हुए कहा कि हमने किसानों की कर्जमाफी के लिए ग्रामीण बैंकों को बुलाया और कहा कि वे कर्ज माफ करें,े अन्यथा मैं पूर प्रदेश में ग्रामीण बैंक बंद करा दूंगा और आपका जितना कर्ज है, वह सरकार चुकाएगी। उसका असर यह हुआ कि बैंकों ने किसानों का 16 हजार करोड़ का कर्ज माफ कर दिया।


कांग्रेस में स्ट्रक्चरल डिफेक्ट… इसलिए मंडलम सेक्टर फार्मूला जरूरी
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस में टिकट को लेकर काफी जद्दोजहद रहती है। उम्मीदवार भी देरी से घोषित होते है। मंडलम सेक्टर का फार्मूला प्रदेश में कितना लागू हो पाया? इस पर उन्होंने स्वीकार किया कि हमारी कांग्रेस में स्ट्रक्चरल डिफेक्ट है। मंडलम सेक्टर का यह फार्मूला ठीक से लागू नहीं हो पाया, क्योकि यह नई चीज थी। मैंने सोनिया गांधीजी को कहा था कि हमें ब्लॉक छोटे करना चाहिए। वे सहमत नजर आर्इं और वरिष्ठ पदाधिकारियों से बात करने को कहा। तब आस्कर फर्नांडीस ने संगठन के संविधान में बदलाव करने की बात कही। मैंने उनसे कहा कि हमारी पार्टी का संविधान कौन सा गीता-बाइबिल है। उन्होंने कहा कि दूसरे प्रदेशों से बात करेंगे। मैैंने तब सोचा कि ये उनके बस की बात नहीं है। मैने छिंदवाड़ा में यह फार्मूला लागू किया। पूरे जिले मेें कांग्रेस के विधायक है। जिला पंचायत हमारी है, जनपद पंचायतों में हमारा कब्जा है और कैटरिंग में प्लेट साफ करने वाला छोटा सा कार्यकर्ता आज छिंदवाड़ा का मेयर है।

मुझे फीडबैक मिल गया था… सिंधिया चुनाव हार रहे हैं
उन्होंने यह खुलासा भी किया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव हारने वाले हैं, यह फीडबैक भी उनकी टीम ने दे दिया था। उन्होंने सिंधिया को फोन कर चुनाव को गंभीरता से लेने के लिए भी कहा था। उन्होंने कहा कि जब मैं चुनाव के दौरान मैं सिंधिया समर्थकों को फोन लगाकर स्थिति पूछता था तो वह कहते थे कि 4 लाख वोट से चुनाव जीतेंगे।

कांग्रेस से भाजपा में गए लोगों की वापसी स्थानीय नेताओं की रजामंदी के बगैर नहीं- कमलनाथ
यह पूछे जाने पर कि पुराने कांग्रेसी, जो भाजपा में चले गए हैं, वे वापस कांग्रेस में आ गए तो उनका क्या होगा? इस पर उन्होंने कहा कि जो भी वापस आएगा, उसके बारे में पहले वहां के स्थानीय नेताओं की रजामंदी ली जाएगी।

जमीन आवंटन का अधिकार उद्योग समिति को दिया
उन्होंने कहा कि उद्योगों को लेकर मैं हमेशा संजीदा रहा हूं। इंदौर में कन्फेक्शनरी वालों ने जब जमीन की मांग की तो मैंने तुरंत प्रोजेक्ट बनाकर जमीन आवंटन के लिए कहा। अधिकारियों ने कहा कि आवंटन हम करेंगे तो मैंने कहा कि उद्योगों की सोसायटी को यह अधिकार दो।

मैं शिवराज नहीं… जो बताए कितनी सीट जीतूंगा
यह पूछे जाने पर कि म.प्र. में कितनी सीटें जीतेंगे तो उन्होंने कहा कि मैं शिवराज नहीं, जो घोषणा करेगा कि अब की बार 200 पार… हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे और सभी सीटों को जीतने का पूरा प्रयास करेंगे। इस दिशा में हमने अभी से काम शुरू कर दिया है।

अनुदान से स्थानीय व्यापार बढ़ता है
चुनावी घोषणा पत्र में गैस सिलेंडर और बिजली बिलों में राहत के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि इसका असर भले ही शहरी क्षेत्रों में न हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जब गृहणियों के पास पैसे बचते हैं तो उससे गांव में व्यापारिक स्थिति सुधरती है, क्योंकि बचत का पैसा घर के जरूरतों के सामान की खरीदी में होता है।

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