इंदौर न्यूज़ (Indore News)

INDORE : पहले शहर तरसा, फिर ऐसे बरसा, शहर के कई इलाकों में भराया पानी, सडक़ें बनी तालाब

इंदौर।  कल रात हुई तेज बारिश ने निगम की व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी और कई इलाकों में ऐसा जल जमाव हुआ कि लोग रातभर परेशान होते रहे। कई स्थानों पर 10 से ज्यादा पेड़ गिरने की घटनाएं हुईं, उसमें कई दोपहिया वाहन से लेकर बड़े वाहन भी दब गए। डीआईजी आफिस, गीताभवन, गुरुनानक कालोनी, हरसिद्धि, द्वारकापुरी, टापूनगर, रामबलीनगर, कलेक्टोरेट, मोती तबेला चौराहा से लेकर कई स्थानों पर सडक़ों पर नाले के समान पानी बह रहा था। तेज बारिश के बाद निगम कमिश्नर ने अधिकारियों के साथ कंट्रोल रूम पर बैठकर मोर्चा संभाला और अधिकारियों को फटकार लगाकर जल जमाव वाले क्षेत्रों में भेजा।
करीब 80 से ज्यादा स्थानों पर जलजमाव की शिकायतें आती रहीं। शिवाजी मार्केट और रामबाग के पुल के नीचे पानी इतनी तेजी से बह रहा था कि वहां लगाए गए फव्वारे पानी के बहाव में बह गए। सबसे विकट स्थिति हाथीपाला और जूनी इंदौर, कलालकुई क्षेत्र की थी, जहां सडक़ों पर ऐसा पानी बह रहा था कि मानो नदी बह रही हो। आसपास की मल्टियों के बेसमेंट में भी पानी भरने के कारण दोपहिया वाहन डूब गए थे। कई अधिकारियों को फटकार लगाने के बाद संसाधन लेकर क्षेत्र में भेजा गया। जिन स्थानों पर पेड़ गिरे थे, वहां उद्यान विभाग की 10 से ज्यादा टीमें भेजी गईं। सुबह तक कई क्षेत्रों में पानी निकासी की मशक्कत चलती रही। द्वारकापुरी और गुरुनानक कालोनी की गली-गली में जलजमाव सुबह तक नजर आ रहा था।

फटकार लगाकर अधिकारियों को बुलाया
कल रात 10.30 के बाद हुई तेज बारिश ने कई इलाकों में जलजमाव कर दिया था और निगम के वायरलैस सेटों पर जब जलजमाव की सूचनाएं प्रसारित होने लगीं तो निगम के आला अधिकारी हरकत में आए और ताबड़तोड़ सारी व्यवस्थाओं के लिए झोनल अधिकारियों को फोन लगाए। कई झोनल अधिकारी घरों में आराम कर रहे थे, जिन्हें फटकार लगाकर बुलवाया गया और वार्डों में भेजा गया। रात 1 बजे निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल, अपर आयुक्त संदीप सोनी, देवेंद्रसिंह और कई आला अधिकारियों की टीमें कंट्रोल रूम पर मोर्चा संभाले बैठी थीं और वायरलैस सेट पर चल रहे संदेशों के बाद मानिटरिंग कर रहे थे।


चंद्रभागा में सडक़ पर नदी बही…
चंद्रभागा में सीतलामाता मंदिर के पास और कलालकुई की और जाने वाले मार्ग पर जलजमाव की स्थिति ऐसी बनी कि वहां पूरे क्षेत्र में नदी जैसा नजारा नजर आने लगा। कुछ दिनों पहले ही उक्त क्षेत्र में नाला टेपिंग के कार्य बड़े पैमाने पर हुए थे और उसके बाद से रहवासी लगातार वहां ड्रेनेज का पानी जमा होने की शिकायतें करते रहे हैं। कल रात वहां अचानक अत्यधिक जलजमाव के कारण लोग भी सख्ते में आ गए थे और वहां से गुजरने वाले मार्ग कलालकुई, भाट मोहल्ला, पंढरीनाथ वाले मार्ग पर भी पानी भरा हुआ था। इतना ही नहीं जलजमाव के बाद आसपास की मल्टियों के बेसमेंट में भी पानी जमा हो गया था, जिसके कारण कई वाहन वहां डूब गए थे। कुछ लोगों ने अपने स्तर पर ही पानी निकालने के लिए मोटर लगाकर काम शुरू किया। बाद में निगम की टीमें वहां पहुंचीं और बड़े मोटरपंप लगाकर पानी निकालने की मशक्कत चलती रही।


इन स्थानों पर गिरे पेड़
कल रात हुई तेज बारिश के बाद डीआरपी लाइन के समीप, गणगौर घाट, सीएलएल अपोलो हास्पिटल के पीछे, सांवेर रोड के मेन सेक्टर, गीताभवन रसगुल्ला गली के पास और कुछ अन्य स्थानों पर पेड़ गिरने की घटनाएं हुईं। अन्नपूर्णा क्षेत्र के कुछ उद्यान में पेड़ों की टहनियां गिर गई थीं, जिन्हें हटाने का काम चलता रहा। पेड़ गिरने की घटनाओं के चलते उद्यान विभाग के कंट्रोल रूम पर टीमों को ताबड़तोड़ बुलवाया गया और पेड़ गिरने वाले स्थानों पर भेजे जाना का काम शुरू किया गया। कई जगह पेड़ वाहनों पर गिरे जिसके चलते सर्वाधिक दो पहिया वाहन क्षतिग्रस्त हुए, वहीं 3 से 4 बड़े वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।

बरसते पानी में चेम्बर फोड़े, पानी निकाला
कल रात तेज बारिश के बाद कुलकर्णी भट्टा और जनता क्वार्टर में भी जल जमाव के कारण लोगों की भारी फजीहत हुई। देर रात तक लोग सडक़ों से लेकर मोहल्लों तक में भराए पानी के कारण अफसरों को फोन लगाकर मामले की शिकायत कर रहे। कुछ दिनों पहले रहवासियों ने ड्रेनेज के आधे अधुरे चैंबरों को लेकर शिकायतें की थी और कल रात उसी के कारण जल जमाव की नौबत आई, बाद में निगम अफसरों ने जेसीबी और संसाधन बुलाकर वहां करीब 10 से ज्यादा बड़े चैंबर फोडक़र पानी निकासी कराई तब जाकर पानी का बहाव हो सका। कुलकर्णी भट्टा में भी पुल के आसपास चल रहे कामों और सकरी गलियों के कारण कई जगह जल जमाव के कारण लोग खुद मोटर लगाकर पानी निकाल रहे थे।
पेड़़ गिरा, पानी का बहाव रुका
गणगौर घाट क्षेत्र में निगम ने नया पुल तो बनाया है, लेकिन वर्षों पुराना छोटा पुल वहां बना हुआ है और उस पर पेड़ का हिस्सा गिरने के कारण वहां से पानी निकासी अवरुद्ध हो गई, जिसके कारण जल जमाव आसापास के क्षेत्रों में होने लगा। निगम की टीमों ने वहां पहुंचकर झाड़ को निकालने की कार्रवाई शुरू कर दी।


इन इलाकों में हुआ जलजमाव
नगर निगम कंट्रोल रूम के मुताबिक बीती रात कई स्थानों पर जलजमाव की शिकायतें आती रहीं। रेवेन्यू कालोनी, कबीटखेड़ी, टापू नगर, पाटनीपुरा, नवलखा, पीडब्ल्यूडी क्वार्टर, चिडिय़ाघर के समीप, गोमा की फेल, जूनी इंदौर, जीवन की फेल, गुरुनानक कालोनी, द्वारकापुरी, रामबाग, मल्हारगंज, कलेक्टोरेट चौराहा, अन्नपूर्णा मंदिर, सुदामा नगर रोड, विदुर नगर, हवा बंगला क्षेत्र और शांतिनाथपुरी कालोनी में तो सबसे ज्यादा स्थिति विकट इसलिए हुई, क्योंकि वहां ढलान पर कई मकान बने हुए हैं, जिनके निचले हिस्सों में पानी भर गया था।
डीआईजी आफिस भी हुआ पानी पानी
डीआईजी कार्यालय के बाहरी परिसर में पानी जमा होने के कारण वहां कई कर्मचारियों के खड़े किए गए वाहन भी पानी में डूब गए थे और पूरा परिसर के साथ-साथ मुख्य मार्ग की सडक़ पर भी पानी जमा हो गया था। रात में वहां निगम की टीमें पानी निकासी के लिए कुछ वाहन और संसाधन लेकर पहुंची थीं, लेकिन पानी निकालने की मशक्कत सुबह तक जारी रही।


हरसिद्धि-मोती तबेला चौराहे भी डूबे
रात साढ़े 12 बजे के लगभग हरसिद्धि-मोती तबेला चौराहे पर जबर्दस्त जलजमाव हो गया था। कुछ दिनों पहले ही मोती तबेला चौराहे पर ड्रेनेज की लाइनों के कार्य हुए थे और वहां कुछ स्टापेज बनाए गए थे और उन्हीं स्टापेज में गड़बड़ी होने के चलते जलजमाव की स्थिति बनी। रहवासियों का हुजूम वहां आसपास जमा हो गया था और मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां से हटाया। वहां से निकलने का प्रयास कर रहे कुछ दोपहिया वाहन चालक गाडिय़ां बंद होने के कारण वहीं गाड़ी खड़ी कर बमुश्किल जैसे-तैसे निकले। हरसिद्धि क्षेत्र में भी कई जगह जलजमाव के कारण यही स्थिति देखी गई।


परदेशीपुरा थाने में घुसा पानी
परदेशीपुरा थाने के ठीक सामने मुख्य मार्ग की सडक़ पर ड्रेनेज के कार्य के लिए बड़े पैमाने पर खुदाई के बाद आधे अधूरे कार्य छोड़ दिए गए थे, जिसका खामियाजा रहवासियों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों को भी भुगतना पड़ा। कल रात वहां ड्रेनेज के चेम्बर और स्टार्म वाटर लाइन चौक होने के कारण मुख्य मार्ग की सडक़ पर पानी जमा हो गया था और एक-दो घंटे के अंतराल में ही पूरा पानी थाना परिसर के आसपास जमा हो गया तो पुलिसकर्मियों ने निगम अफसरों को पूरा मामला बताया। वहां भी सुभाषनगर झोन से निगम कर्मचारियों की टीमें भेजी गईं।

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