इंदौर। कोरोना काल (Corona era) में सबसे ज्यादा चांदी मेडिकल व्यवसाय ( medical business) से जुड़े लोग ही काट रहे हैं, जिनमें अस्पतालों (hospitals) से लेकर चिकित्सक तो हैं ही, वहीं पैथोलॉजी लैब, इंजेक्शन, दवाई बेचने-बनाने वाली कम्पनियां भी शामिल हैं। अभी सीबीडीटी ने 2 लाख रुपए तक नकद जमा करवाने की अनुमति अस्पतालों को दी है, ताकि मरीजों को परेशानी न हो।
आयकर विभाग (income tax department) अब इंदौर सहित देशभर के निजी अस्पतालों (private hospitals) पर विशेष निगाह रखे हुए है, क्योंकि करोड़ों रुपए की कमाई ये अस्पताल रोजाना कर रहे हैं। इंदौर के ही छोटे-बड़े अस्पतालों (hospitals) में कोरोना मरीज भरे पड़े हैं और लाखों रुपए के बिल अलग बन रहे हैं। अस्पतालों की लूट के रोजाना समाचार भी आ रहे हैं और सोशल मीडिया पर परिजन वीडियो के साथ भारी-भरकम बिलों की जानकारी दे रहे हैं। हालांकि शासन-प्रशासन ने निजी अस्पतालों को लूट न करने की सलाह देने के साथ उपचार की दरें भी निर्धारित की हैं। बावजूद इसके मरीज और उनके परिजन लुटा ही रहे हैं। अब वित्त मंत्रालय ने आयकर विभाग को कहा है कि सभी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम पर निगाह रखी जाए, जहां नकद भुगतान पर मरीजों का इलाज चल रहा है। इन दिनों निजी अस्पतालों द्वारा रोजाना लाखों रुपए की कमाई की जा रही है और संभव है कि अब कोरोना संक्रमण घटने के बाद आयकर विभाग अपनी अन्वेषण शाखा द्वारा की गई पड़ताल के आधार पर निजी अस्पतालों और उनके कर्ताधर्ताओं पर कार्रवाई शुरू करेगा।
धारा 148 के 4 हजार से अधिक नोटिस भी
अभी आयकर विभाग (income tax department) धारा 148 के तहत पुन:करनिर्धारण के नोटिस भी भेज रहा है। चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि 6-7 साल पुराने प्रकरणों के भी नोटिस अब जारी किए जा रहे हैं। आयकर विभाग संभावित कर चोरी की आशंका के चलते ये नोटिस जारी कर रहा है। पिछले दिनों देशभर में 2 लाख से ज्यादा तो इंदौर में ही 4 हजार से ज्यादा इस तरह के नोटिस जारी किए जाने की जानकारी सामने आ रही है, जिसके चलते लॉकडाउन में कई करदाता परेशान भी हो रहे हैं।