बंगलूरू। गगनयान को लेकर इसरो ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन केंद्र बंगलूरू ने गगनयान के लिए विकास लिक्विड इंजन को चालू करने के बाद क्रू मॉड्यूल को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्री हरिकोटा भेजा है।
इसरो ने कहा कि 21 जनवरी 2025 को इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर ने लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम को पूरा करने के बाद गगनयान (जी1) के पहले मानवरहित मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल को रवाना किया। अधिकारियों ने बताया कि एलपीएससी बंगलूरू ने मॉड्यूल को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा भेज दिया है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि क्रू मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम एक द्वि-प्रणोदक आधारित प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली है। इसका उद्देश्य क्रू मॉड्यूल के पिच, यॉ और रोल नामक तीन अक्षों पर सटीक नियंत्रण करना है। इसरो ने कहा कि इस प्रणाली में 12 100एन थ्रस्टर्स, उच्च दबाव गैस बोतलों के साथ दबाव प्रणाली और संबंधित द्रव नियंत्रण घटकों के साथ प्रोपल्शन फीड सिस्टम का उपयोग किया गया है।
इसरो के अधिकारियों ने बताया कि 100 एन थ्रस्टर्स रॉकेट मोटर्स हैं, जिनका उपयोग अंतरिक्ष यान में प्रोपल्शन के लिए किया जाता है। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र द्वारा डिजाइन किया गया क्रू मॉड्यूल अपराइटिंग सिस्टम भी एलपीएससी के मॉड्यूल में जोड़ा गया।
एजेंसी ने यह भी बताया कि क्रू मॉड्यूल को ऑर्बिटल मॉड्यूल के एकीकरण के अंतिम चरण के लिए यूआर राव सैटेलाइट सेंटर बंगलूरू भेजे जाने से पहले विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में एवियोनिक्स पैकेज असेंबली, इलेक्ट्रिकल हार्नेसिंग और जांच सहित आगे के एकीकरण कार्यों से भी गुजरना होगा।
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