इंदौर। दुर्घटनाग्रस्त और बीमार लोगों की मदद से हटकर प्रदेश में जननी एक्सप्रेस चलाई जा रही है। यह विशेष वाहन नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। इससे गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने ही नहीं, बल्कि घर छोडऩे की सुविधा भी दी जा रही है। नवजात शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं को अस्पताल लाने-ले जाने व स्वास्थ्य संबंधी सभी सुविधाएं देने के लिए 790 जननी एक्सप्रेस (एंबुलेंस) चलाई जा रही हैं। इनके द्वारा चार वर्षों में 50 लाख 53 हजार 70 महिलाओं, बच्चों को मदद व इलाज दिया जा चुका है।
जिकित्जा इंटीग्रेटेड रैफरल ट्रांसपोर्ट सिस्टम के अंतर्गत अल्ट्रा मॉडर्न तकनीकों के साथ 108 एंबुलेंस, 104 कॉल सेंटर, जननी एक्सप्रेस व मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित करती है। संचालन के 4 वर्षों में कंपनी ने कई चुनौतियों को पार किया, लेकिन राज्य के लोगों को बिना रुकावट आपातकालीन सेवाएं देना सुनिश्चित किया है। कंपनी ने मप्र में अपनी सेवाओं के सफलतम चार वर्ष पूरे कर लिए हैं। इन चार सालों में राज्य के 1,75,75,910 लोगों को आपातकालीन सेवाएं दी जा चुकी हैं। सीईओ नरेश जैन के मुताबिक दुर्घटनाओं के मामले में मप्र देश में दूसरे नंबर पर है। रोज हजारों कॉल आते हैं और सैकड़ों स्थानों पर एंबुलेंस की जरूरत होती है, लेकिन हम हर शहर, हर गांव में मदद देने के लिए हर पल तैयार रहते हैं।