मध्‍यप्रदेश राजनीति

मध्यप्रदेश की 100 सीटों पर जयस ने खुलकर चुनाव लड़ने का किया ऐलान

भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) में भले की अभी एक साल का समय बचा हो लेकिन इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है. बीजेपी-कांग्रेस के अलावा छोटे दलों ने भी कमर कस ली है. कौन किसे मात देगा ये तो चुनाव के परिणाम (election results) आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन इस बार का चुनाव बेहद रोचक होने वाला है. इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते है कि जयस (jays) ने ओबीसी, समता पार्टी, आईएमआईएम का समर्थन के साथ 100 से ज्यादा विधानसभा सीट पर चुनाव इंडिपेंडेंट लड़ने का दावा ठोक दिया है.

जयस ने खुलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. जयस संरक्षक हीरालाल अलावा (Jayas Patron Hiralal Alava) ने कहा जयस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के साथ 2023 में चुनाव में उतरेगा. जयस को ओबीसी महासभा का समर्थन मिल गया है. ओवैसी के लिए काम करने वाले एआईएमआईएम नेता जयस के समर्थन में उतर आए हैं. हीरालाल अलावा ने कहा कि 100 के आसपास विधानसभा सीट पर जयस अलग-अलग वर्गों के समर्थन के साथ चुनाव लड़ेगी. हीरालाल अलावा ने दावा ठोका कि बिना जयस के समर्थन के 2023 में किसी की सरकार नहीं बनेगी.


गौरतलब है कि एमपी की 230 विधानसभा सीटों में 47 आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है. वहीं हीरा अलावा फिलहाल कांग्रेस से विधायक है. अलावा का दावा है कि प्रदेश की अन्य 35 सीटें ऐसी हैं जहां हार-जीत आदिवासी वोटर्स से तय होती है. इन सीटों को मिलाकर 100 सीटों पर जयस के प्रत्याशी उतारने की प्लानिंग पर अलावा काम कर रहे हैं, इधर हीरा अलावा बीजेपी के बागी नेता प्रीतम लोधी को साथ लाने की तैयारी में हैं. वहीं जयस सामाजिक परिचर्चा और संगोष्ठी 10 दिसंबर को राजधानी भोपाल में करेगी. इसमें समता पार्टी, ओबीसी महासभा और एआईएमआईएम के नेता शामिल होगी. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के लिए मुसीबतें बढ़ सकतीं हैं.

इधर जयस के 100 सीटों पर लड़ने का दावा करने के बाद पंधाना से बीजेपी आदिवासी विधायक राम दांगोरे ने ने कहा कि पहले कांग्रेस से मिले अब ओवैसी की पार्टी से मिल रहे है. जिसे वंदे मातरम बोलने से नफरत है, जिसने सिर्फ नफरत फैलाने का काम किया. बीजेपी विधायक बोले हमें लगता है कि जयस पाकिस्तान के किसी पार्टी से हाथ ना मिला लें. विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस और जयस ने आदिवासी समाज को छलने का काम किया है. जहां फायदा दिख रहा है जयस उधर जा रही है.

वहीं कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी आदिवासियों को भड़काने का काम कर रही है. कांग्रेस का दावा है कि जयस और आदिवासी दोनों कांग्रेस के साथ है. कांग्रेस नेता ने कहा कि जयस के साथ कांग्रेस पार्टी मिलकर बात करेगी. जिस तरीके से 2018 में जयस ने कांग्रेस का साथ दिया था उसी तरीके से वक्त आने पर जयस कांग्रेस का साथ देगी.

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