जीवनशैली धर्म-ज्‍योतिष

ज्येष्ठ माह आज से शुरू, शनि जयंती से लेकर वट सावित्री व्रत तक….आएंगे ये व्रत और धार्मिक त्‍यौहार

नई दिल्ली (New Delhi) । हिंदू पंचांग (hindu almanac) के अनुसार, ज्येष्ठ का महीना (Jyeshtha month) वैशाख मास के समाप्त होते ही शुरू हो जाता है. यह हिंदू कैलेंडर (hindu calendar) का तीसरा महीना है. इस महीने में सूर्य अत्यंत ताकतवार हो जाता है और गर्मी भयंकर पड़ती है. सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस महीने को ज्येष्ठ का माह कहते हैं. इस मास में सूर्य और वरुण देव (Surya and Varuna Dev) की उपासना विशेष फलदायी होती है. इस बार ज्येष्ठ 06 मई से 04 जून तक रहेगा. 05 जून से आषाढ़ के महीने की शुरुआत हो जाएगी.

ज्येष्ठ मास का वैज्ञानिक महत्व
ज्येष्ठ मास में वातावरण और जल का स्तर गिरने लगता है, इसलिए जल का सही और पर्याप्त प्रयोग करना चाहिए. हीटस्ट्रोक और खान-पान की बीमारियों से बचाव आवश्यक है. इस माह में हरी सब्जियां, सत्तू, जल वाले फलों का प्रयोग लाभदायक होता है. इस महीने में दोपहर का विश्राम करना भी लाभदायक है.


वरुण देव और सूर्य की कृपा
इस महीने रोज सुबह और संभव हो तो शाम को भी पौधों में जल दें. प्यासों को पानी पिलाएं. लोगों को जल पिलाने की व्यवस्था करें. जल की बर्बादी न करें. घड़े सहित जल और पंखों का दान करें. रोज सुबह और शाम सूर्य मंत्र का जाप करें. अगर सूर्य संबंधी समस्या है तो ज्येष्ठ के हर रविवार को उपवास रखें.

ज्येष्ठ मास की पूजन विधि
ज्येष्ठ मास के दिन स्नान, ध्यान और पुण्य कर्म का विशेष महत्व है. आज के दिन व्रत और पूजा-पाठ से विवाह में आ रही दिक्कतें भी दूर होती हैं. आज के दिन श्वेत वस्त्र धारण कर भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए. इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी वास करती हैं.

ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या न करें
1. इस महीने बाल गोपाल का अभिषेक करने का विशेष महत्व बताया गया है. इसके अलावा उन्हें माखन मिश्री का भोग लगाएं और भगवान को चंदन का लेप लगाएं.

2. पशु, पक्षियों, जीव जंतुओं के लिए पानी की व्यवस्था करें.

3. इसके अलावा आप राहगीरों के लिए भी पानी की व्यवस्था कर सकते हैं.

4. इस महीने में जरूरतमंद लोगों को छाते, अन्न, पेय वस्तुओं आदि का दान भी किया जा सकता है जिसे बेहद ही शुभ माना गया है.

5. किसी गौशाला में हरी घास का दान करें और गायों का ध्यान रखें.

6. शिवलिंग पर जल चढ़ाएं.

7. इस महीने भगवान हनुमान की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है क्योंकि कहते हैं कि ज्येष्ठ के महीने में ही हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी.

ज्येष्ठ माह की व्रत और त्योहार लिस्ट
6 मई, शनिवार- ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष प्रारंभ
7 मई, रविवार- देवर्षि नारद जयंती
9 मई, मंगलवार- अंगारकी चतुर्थी
12 मई, शुक्रवार- शीतलाष्टमी
15 मई, सोमवार- अपरा एकादशी
17 मई, बुधवार- प्रदोष व्रत
19 मई, शुक्रवार- वट सावित्री व्रत, शनि जयंती
20 मई, शनिवार- ज्येष्ठ मास शुक्लपक्ष प्रारंभ, करवीर व्रत
22 मई, सोमवार- पार्वती पूजा
23 मई, मंगलवार- वैनायकी गणेश चतुर्थी
24 मई, बुधवार- श्रुति पंचमी
30 मई, मंगलवार- गंगा दशहरा
31 मई, बुधवार- निर्जला एकादशी
1 जून, गुरुवार- चंपक द्वादशी
4 जून, रविवार- पूर्णिमा, संत कबीर जयंती

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के उद्देश्‍य से पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.

Share:

Next Post

सडक़ के लिए थाना हटाया, गुमटी वाले कायम

Sat May 6 , 2023
भंवरकुआं चौराहे पर सिर्फ एक लेफ्ट टर्न का ही काम पूरा हो पाया इंदौर।  शहर (City) का सबसे बड़ा आकर्षक चौराहा बनाने के लिए नगर निगम (Municipal Corporation) ने शुरुआत तो की थी और लेफ्ट टर्न (Left Turn) के लिए भंवरकुआं थाना (Bhanwarkuan Police Station) पूरी तरह हटा दिया गया, लेकिन लेफ्ट टर्न की अन्य […]