बड़ी खबर मध्‍यप्रदेश राजनीति

बागेश्वर बाबा की राम कथा से कमलनाथ ने चला ‘हनुमान बाण’, कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश में ‘बजरंगबली’

भोपाल: कमलनाथ 2015 में सांसद थे. तब उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा के सिमरिया में भगवान हनुमान की एक विशाल प्रतिमा बनवाई. 101 फीट 8 इंच की ये प्रतिमा मध्य प्रदेश में हनुमान की सबसे ऊंची मूर्ति है. सिमरिया वाले इसी हनुमान मंदिर के पास कमलनाथ राम कथा करवा रहे हैं. कथा करने के लिए उन्होंने बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री को बुलाया है. तीन दिन की इस राम कथा को यूं तो पूरी तरह धार्मिक बताया जा रहा है, लेकिन चुनावी माहौल में इसके राजनीतिक कारण छिपाए नहीं छिप रहे हैं.

कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में हिंदुत्व के पोस्टर बॉय बन रहे पंडित धीरेंद्र शास्त्री 4 से 7 अगस्त तक राम कथा करेंगे. सिमरिया वाले हनुमान मंदिर के पास इस कार्यक्रम के लिए तीन विशाल डोम बनाए गए हैं. यहां शनिवार को राम कथा का आयोजन हुआ तो कमलनाथ पूरे परिवार के साथ पहुंचे और वहां आए लोगों को संबोधित भी किया. कमलनाथ ने कहा, ‘भारत कोई आर्थिक शक्ति नहीं है. भारत कोई सैन्य शक्ति नहीं हैं. भारत की सबसे बड़ी शक्ति उसकी आध्यात्मिक शक्ति है.”

अपने संबोधन में कमलनाथ ने धीरेंद्र शास्त्री को महाराज कह कर पुकारा और उन्हें भारत की आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक तक बता डाला. इस प्रकरण से कांग्रेस की राजनीति को देखने समझने वालों की भौं जरूर चढ़ गई होंगी. धर्मनिर्पेक्षता की बात करने वाली कांग्रेस पार्टी का नेता हिंदू राष्ट्र की खुली वकालत करने वाले शख्स को भारत की आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक बता रहा है.

दरअसल ये एक बयान नहीं है, बल्कि देश की सबसे पुरानी पार्टी की बदलती रणनीति है. इस नीति के तहत पार्टी हिंदुत्व के मुद्दे पर अपना रुख नरम कर रही है ताकि कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का सपना देखने वाले बीजेपी के स्वभाविक से बन रहे हिंदू वोट बैंक में सेंध लगाई जा सके. साथ ही कमलनाथ ने इस बयान के जरिए शास्त्री के प्रशंसकों को अपनी ओर खींचने का प्रयास किया है. बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री मध्य प्रदेश के ही हैं और सूबे में उनकी लोकप्रियता काफी बढ़ी है.


ऐसे में कमलनाथ इस कार्यक्रम के जरिए बागेश्वर बाबा की लोकप्रियता को भी भुनाना चाहते हैं. अब तक ये काम बीजेपी के नेता ही कर रहे थे, वो ही बागेश्वर बाबा की कथाएं करा रहे थे, लेकिन अब इस लिस्ट में कांग्रेस पार्टी के नेता का नाम भी जुड़ गया है. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भी इस कथा के दौरान कमलनाथ को अपना आशीर्वाद दिया. इसी दौरान उन्होंने एक ऐसा बयान भी दे दिया, जिससे सूबे की आदिवासी जनता को साधा जा सके.

शास्त्री ने कहा कि छिंदवाड़ा में वो कमलनाथ के आग्रह पर आए हैं और ये कथा आदिवासियों के सम्मान में की जा रही है. यहां बता दें कि छिंदवाड़ा आदिवासी बहुल इलाका है. सूबे की सियासत में 82 सीटों पर जनजाति समाज का सीधा दखल है. ऐसे में कोई पार्टी इस वोट बैंक को हाथ से छिटकने नहीं देना चाहती. पिछले काफी समय से इस वर्ग को हिंदू धर्म से जोड़ते हुए दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. अब कांग्रेस भी इस प्रयास में बाधा बनने की जगह इस अवसर का फायदा उठाने की कोशिश में लग गई है.

आदिवासी समाज को लुभाने के लिए एक तरफ कमलनाथ ने उनके इलाके में रामकथा कराई है तो कांग्रेस पार्टी के नेता पिछले कुछ समय से उन्हें शिव और हनुमान से जोड़ रहे हैं. पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने हनुमान को आदिवासी बताया था. उन्होंने कहा कि भगवान राम को लंका ले जाने वाली बंदरों की सेना नहीं बल्कि आदिवासी लोग थे. उनसे पहले वरिष्ठ विधायक अर्जुन सिंह काकोडिया भी हनुमान को आदिवासी बता चुके थे.

Share:

Next Post

दो धर्म स्थलों को बनाया निशाना, एक पर पेट्रोल बम फेंका

Sun Aug 6 , 2023
उत्पातियों की करतूत इंदौर (Indore)। उत्पादियों ने दो धर्म स्थलों पर निशाना बनाते हुए घटिया हरकत की। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है। मल्हारगंज क्षेत्र में एक धार्मिक स्थल की दीवार के पास ज्वलनशील पदार्थ से भरी बोटल जो फूटी हुई थी, वहीं कुछ ही दूरी पर एक अन्य ज्वलशील पदार्थ से भरी […]