भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

3 हजार करोड़ के ई टेंडर घोटाले मे शामिल है कारम डैम प्रोजेक्ट भी

इंदौर, राजेश ज्वेल। धार जिले के धरमपुरी स्थित गांव कोठीदा में जो कारम नदी पर निर्माणाधीन डैम है, जिसमें रिसाव के चलते कल दिनभर दहशत रही और रात में भी पूरी सरकारी मशीनरी डटी रही। अग्निबाण द्वारा की गई जांच-पड़ताल से यह बड़ा तथ्य उजागर हुआ कि कुछ समय पूर्व मध्यप्रदेश में जो तीन हजार करोड़ का ई-टेंडर घोटाला उजागर हुआ था उसमें अन्य प्रोजेक्टों के साथ-साथ कारम डैम प्रोजेक्ट भी शामिल रहा है। अभी जो ईडी विपक्षियों पर धड़ाधड़ छापे मार रही है उसने इस ई-टेंडर महाघोटाले के चलते 18 स्थानों पर छापे मारे थे, जिसमें मंत्री, अफसरों पर उंगलियां भी उठाई और यहां तक कि एक कम्पनी द्वारा ही 93 करोड़ रुपए की रिश्वत बांटी जाने का भी खुलासा अपनी रिपोर्ट में किया। इतना ही नहीं, विभागीय मंत्री ने विधानसभा में यह भी स्वीकारा कि कारम प्रोजेक्ट का प्रकरण भी राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में पंजीबद्ध है।
अभी भारी बारिश के चलते कारम नदी पर बने बांध के फूटने की स्थिति भी कल निर्मित हो गई, जिसके चलते धार जिले के एक दर्जन तथा खरगोन के आधा दर्जन गांवों को पुलिस-प्रशासन ने मुनादी करते हुए ताबड़तोड़ खाली करवाया और पूरी शिवराज सरकार इस ऑपरेशन में जुट गई। इंदौर से भी संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा और आईजी ग्रामीण राकेश गुप्ता भी कल मौके पर पहुंचे, तो खरगोन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी धर्मवीर सिंह के अलावा धार कलेक्टर डॉ. पंकज जैन भी डटे रहे, तो जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और राजवर्धनसिंह दत्तीगांव भी कल दोपहर से ही बांध स्थल पर मौजूद हैं। राहत शिविरों की व्यवस्था भी ग्रामीणों को ठहराने के लिए की गई। बांध हालांकि फिलहाल फूटा नहीं और रिसाव को रोकने के लगातार प्रबंध किए जा रहे हैं।


सेना के जवानों के साथ दो हेलीकॉप्टर भी कल रात पहुंच गए थे। दूसरी तरफ अब कारम डैम घोटाले की चर्चा शुरू हो गई है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष केके मिश्रा ने 304 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और यह भी कहा कि शिवराज मंत्रिमंडल के एक ताकतवर मंत्री का वरदह घटिया निर्माण करने वाली ब्लैकलिस्टेड कम्पनी को प्राप्त है। दरअसल, कांग्रेस सरकार ने ही तीन हजार करोड़ रुपए का जो ई-टेंडर महाघोटाला पकड़ा था उसमें यह कारम डैम प्रोजेक्ट भी शामिल रहा है। इस घोटाले की जांच के लिए ईडी की टीम ने भोपाल के अलावा हैदराबाद, बैंगलुरु में 18 स्थानों पर छापे मारे थे और एक आला अफसर के बंगले पर भी जांच की। इस ई-टेंडर घोटाले में हैदराबाद की दो कम्पनियां मैक्स मेंटाना और माइक्रो जीवीपीआर इंजीनियर्स लि. भी शामिल रही, जिसके प्रमोटरों के नाम घोटाले में ना सिर्फ उजागर किए, बल्कि ईडी ने जो अपना अधिकृत दो पेज का प्रेस नोट जारी किया था उसमें एक ही कम्पनी मेंटाना कंस्ट्रक्शन द्वारा 93 करोड़ रुपए की दी गई रिश्वत का भी खुलासा किया। दूसरी तरफ जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने विधानसभा में ही यह स्वीकार किया कि ई-घोटाले की जो एफआईआर ईओडब्ल्यू ने दर्ज की है उसमें कारम सिंचाई परियोजना भी शामिल है।

जांच समिति भी गठित – घंटों बंद रहा इंदौर-खलघाट हाईवे भी
कल दोपहर इंदौर-खलघाट हाईवे को भी बंद करना पड़ा, जिसके कारण दोनों तरफ हजारों वाहनों की कतार लग गई। इंदौर-मुंबई के बीच चलने वाला यातायात घंटों प्रभावित हुआ। दूसरी तरफ जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट तुलसी सिलावट ने बताया कि डैम लीकेज के संबंध में विशेषज्ञों की जांच समिति गठित कर दी है जो शीघ्र ही जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।

इंदौर आए मुख्यमंत्री रहे चिंतित

  • अफसरों से लेते रहे फिडबैक: कल जैसे ही कारम डैम में रिसाव की खबरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैली, उसके साथ ही राष्ट्रीय न्यूज चैनलों पर भी इसका प्रसारण होने लगा। वहीं दूसरी तरफ इंदौर आए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी इस घटना को लेकर चिंतित नजर आए और लगातार अफसरों से फीडबैक लेते रहे। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने हर बार की तरह मोर्चा संभाला और वे पल-पल अपडेट मुख्यमंत्री और मीडिया को देते रहे।
  • दिल्ली की कंस्ट्रक्शन कम्पनी एएनएस को सौंपा है बांध निर्माण का ठेका : कारम मध्यम सिंचाई परियोजना का भूमिपूजन 4 साल पहले किया था और डैम निर्माण का ठेका दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. कम्पनी को सौंपा, जो शर्मा बंधुओं की बताई जाती है। 36 महीने में इस डैम का निर्माण कार्य पूरा होना था, लेकिन कोरोना के चलते दो साल काम लगभग ठप रहा।
  • 18 गांवों में पसरी दहशत – रातभर सामान समेटते रहे लोग : बांध डैम फूटने की दहशत के चलते 18 गांवों के नागरिक जहां दहशत में रहे, वहीं प्रशासन ने ताबड़तोड़ ये गांव खाली करवाए। कल रातभर ग्रामीण अपना सामान समेटते रहे। ग्रामीणों को चिंता अपने घर-गृहस्थी के सामान की भी थी। हालांकि पुलिस प्रशासन ने सभी को वाहनों में बैठाकर राहत शिविरों तक पहुंचाया। हालांकि रात में किसी तरह की अनहोनी नहीं घटी। और सुबह से पूरी मशीनरी जुटी है।
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