कोच्ची। मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार की अध्यक्षता वाली केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) की खंडपीठ ने मंगलवार को पेड़ों की कटाई (Felling of trees) के कथित घोटाले को लेकर राज्य पुलिस द्वारा की गई जांच के तरीके पर कड़ी नाराजगी जताते हुए प्रदेश सरकार (State government) को फटकार (Reprimands) लगाई।
राज्य में पेड़ों की कटाई के कथित घोटाले की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने सरकार की खिंचाई की।
इसके जवाब में सरकार ने कोर्ट को बताया कि विभिन्न प्रजातियों के 14 करोड़ रुपये के 2,000 पेड़ काटे जाने के बाद 701 मामले दर्ज किए गए हैं।
इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं होने वाली बात ने अदालत को खासतौर पर नाराज किया। पीठ ने पूछा कि यह क्या मामला है, जिसमें अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
अदालत ने इस मामले में क्या हो रहा है, उस पर एक विस्तृत नोट मांगा और आदेश दिया कि इसे अगले सोमवार से पहले प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
केरल में सत्तारूढ़ वाम सरकार की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी भाकपा पिछले महीने कथित तौर पर पेड़ काटने का मामला सामने आने के बाद से परेशानी में है।
वह तत्कालीन राजस्व मंत्री – भाकपा के ई. चंद्रशेखरन ही थे, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में वायनाड और अन्य आठ जिलों में पेड़ों की कटाई के आदेश जारी किए थे, जिसमें कहा गया था कि चंदन, शीशम, सागौन की लकड़ी और आबनूस जैसे शाही पेड़ों (रॉयल ट्रीज) की कटाई के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
इसके बाद इस साल की शुरूआत में आदेश वापस लेने तक बड़े पैमाने पर शाही पेड़ों की कटाई हुई। इसके बाद, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक उच्च स्तरीय पुलिस जांच की घोषणा की, जो वर्तमान में जारी है।
