ब्‍लॉगर

खरगौन हिंसा, गरीबों के जले घर और शिवराज सरकार

– डॉ. मयंक चतुर्वेदी

‘मेरी उम्र भर की कमाई ले भागे, क्या करूंगी अब जी के, मुझे पुलिस के हाथ गोली मरवा दो, आराम से सो जाऊंगी’ खरगोन हिंसा में शिकार हुईं 80 साल की अम्मा की यह जुबानी है। दुर्गेश पवार अब संजय नगर इलाके में अपने घर को छोड़कर जाना चाहते हैं। इतनी त्रासदी सहने के बाद अब उन्होंने अपने घर पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिख दिया है। उन्होंने कहा, ”अब इस डर के माहौल में हम रह नहीं सकते। मैं नहीं चाहता कि हमारे बच्चों को भी इस तरह से जीना पड़े।” इस उपद्रव में छह साल की बच्ची को भी नहीं छोड़ा है।

हिंसा में खरगोन के तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ चौधरी भी जख्मी हुए हैं। उन्हें जैसे ही हिंसा और आगजनी की सूचना मिली, वे संजय नगर इलाके में पहुंचे तो तलवार लिए एक युवक ने उन्हें दौड़ा लिया, लेकिन जब उन्होंने उसका पीछा किया और उससे तलवार छीनने की कोशिश की, तब उसके साथी ने उनपर गोली चला दी। मामला शांत कराने पहुंची पुलिस के करीब 20 पुलिसकर्मी बुरी तरह से इस्लामिक चरमपंथियों की हिंसा के शिकार हुए हैं। यहां असामाजिक तत्वों ने किस तरह उत्पात मचाया, यह लोगों के बनाए गए वीडियो और सीसीटीवी फुटेज से उजागर हो रहा है। भीड़ ने आनंद नगर, संजय नगर मोतीपुरा में कई घर जला दिए। इस दौरान कई मकानों में लूटपाट की गई, इस्लामिक दंगाई जो सामान ले जा नहीं सके, उसे आग के हवाले कर गए। कहानियां इतनी हैं कि कहना शुरू कर दिया जाए तो समय कम पड़ जाएगा, दर्दे दास्तां समाप्त नहीं होंगी।

खरगौन में जो हुआ वह पहली बार नहीं है, 1992 के दंगों से लेकर यहां अब तक चार बार ऐसे बड़े उपद्रव हो चुके हैं और हर बार निशाना बहुसंख्यक हिन्दुओं को बनाया गया। हर बार एक ही पैटर्न घर लूटो, दुकानें लूटो और जिसे ले जाया नहीं जा सकता उसे जला दिया जाए- का फार्मूला अपनाया गया । वस्तुत: मध्य प्रदेश के खरगौन की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिस प्रकार से दंगाइयों ने अपनी योजना बनाकर इस हिंसा को अंजाम दिया है, उससे यही लगता है कि यह सभी कुछ पहले से सुनियोजित था और गुपचुप तरीके से इसकी तैयारी पूर्व से चल रही थी।

सबसे बड़ी चौकाने वाली बात यह है कि देश में रामनवमी के दिन अकेला मध्य प्रदेश नहीं दहला है, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति देशभर में राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में देखने को मिली है, जिसमें एक जैसी अराजकता, आगजनी और हिंसा का तरीका अपनाया गया, जो एक सबक भी है, समझने, जानने और सचेत होने के लिए कि अब भी यदि सरकारें और बहुसंख्यक समाज नहीं चेता तो ऐसी आगजनी और हिंसा होती रहेंगी और जम्मू-कश्मीर की तरह बहुसंख्यक हिन्दू देश के अन्य राज्यों में भी पलायन के लिए मजबूर होता रहेगा।

ऊपर से इस प्रकार की ऐंठ भी सामने आती रहेगी जिसमें कि जिन लोगों ने हिंसा को अंजाम दिया, उनकी शिवराज जैसी सरकारें पहचान कर जब कार्रवाई करने के लिए आगे आती हैं, तब जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी जैसे लोग गृहमंत्री अमित शाह तक को पत्र लिखने और हायतौबा मचाने में पीछे नहीं रहते। यहां मौलाना मदनी का शिवराज सरकार पर आरोप है कि वह खरगोन में तोड़फोड़ एक वर्ग विशेष मुसलमान को बनाकर कर रही है। स्थानीय प्रशासन खरगोन में अल्पसंख्यकों को परेशान कर रहा है, लिहाजा मुसलमानों की संपत्तियों को टारगेट कर नष्ट किया जा रहा है। लेकिन ऐसे लोग यह भूल जाते हैं कि प्रशासन वीडियो फुटेज के आधार पर पहचान कर ही कार्रवाई करने के लिए मजबूर हुआ है। कोई भी केंद्र या राज्य सरकार खासकर तब ही भारत जैसे सेक्युलर देश में कठोर कार्रवाई करती है, जब उसके पास आरोपितों को लेकर पुख्ता सबूत होते हैं। यहां शिवराज सरकार भी इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर अपना काम कर रही है, लेकिन देखिए रोड़ा अटकाने का खेल शुरू हो चुका है।

वस्तुत: इसमें कहना यही होगा कि जो हुआ बहुत ही दुभाग्यपूर्ण और दुखद है लेकिन जिस प्रकार से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरगौन में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर बड़ी घोषणा की है, उसके लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाएगी वह कम ही होगी, क्योंकि ऐसे में प्रभावितों के साथ न्याय तभी माना जा सकता है, जबकि अपराधियों के खिलाफ प्रशासन सख्त नजर आए, जैसा कि अभी खरगौन में दिखाई दे रहा है। जिन्होंने दंगा फैलाया है, उन्हें शिवराज सरकार छोड़ने वाली नहीं है, एक-एक की पहचान की जाकर उसके विरुद्ध कार्रवाई जारी है।

यह भी भाजपा की शिवराज सरकार का निर्णय सही है कि दंगाइयों ने खरगौन में जिस भी गरीब का घर जलाया है, उसके घर का निर्माण पुन: कराया जाएगा और जैसा कि स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा है कि ”जिनके घर जले हैं, वो चिंता नहीं करें। मामा फिर से घर बनाएगा। हम फिर से घर खड़ा करेंगे। जिन्होंने घर जलाए हैं, बाद में उनसे ही वसूल करूंगा। छोडूंगा नहीं।” वैसे देखा जाए तो इस बार मध्य प्रदेश में अपराधियों को लेकर सरकार पहले की तुलना में अधिक सख्त नजर आ रही है। 21 हजार एकड़ जमीन हाल के दिनों में गुंडों, बदमाशों, माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराई गई है। इस भूमि पर गरीबों के लिए मकान बनेंगे। दंगा करने वालों के अवैध निर्माण के घरों को जमींदोज किया जा रहा है।

सरकार किस तरह प्रत्येक कमजोर व्यक्ति की चिंता एवं उसकी सुविधाओं के लिए काम कर रही है, इसके कई उदाहरण आज हमारे सामने हैं, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना में एक लाख रुपये तक का लोन देने की व्यवस्था करना, जिसमें कि ब्याज की भरपाई प्रदेश सरकार करेगी। इसी साल शुरू हुई मध्य प्रदेश युवा उद्यमी योजना में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के युवाओं के लिए उन्हें 50 लाख रुपये तक की मदद बैंक से दिलाना। सामान्य वर्ग, पिछड़े, अति पिछड़ों से लेकर अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए शिक्षा, रोजगार से जुड़ी तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं यह बता रही हैं कि मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करती है, लेकिन जब कोई गुण्डागर्दी पर उतर आए और खरगौन का माहौल पैदा करे तब उसके साथ वही होना चाहिए जोकि इस वक्त हमें इस्लामिक कट्टपंथियों खासकर दंगे के आरोपितों के प्रति होता दिखाई दे रहा है।

इस सबके बीच मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के प्रयास भी बहुत श्रेष्ठतम नजर आ रहे हैं, वह तो खुले तौर पर कह भी रहे हैं कि सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले और अशांति फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, सीधे जेल भेजा जाएगा। ऐसे तत्व जेल जाने के लिए तैयार रहें। पुलिस सोशल मीडिया पर सतत कड़ी निगरानी रख रही है। खरगोन व सेंधवा में हुए दंगों के बाद पुलिस ऐसे तत्वों पर नजर रख रही है जो अशांति फैलाने का प्रयास कर सकते हैं। यहां गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की सक्रियता बता रही है कि वह पूरी तरह से सचेत हैं और मध्य प्रदेश को कभी भी अशान्ति का राज्य नहीं बनने दिया जाएगा।

(लेखक हिन्दुस्थान समाचार से जुड़े हैं।)

Share:

Next Post

मप्रः हनुमान जन्मोत्सव को लेकर अलर्ट जारी, डीजीपी रखेंगे नजर

Sat Apr 16 , 2022
भोपाल। रामनवमी (Ram Navami) पर शोभायात्रा के दौरान खरगौन और बड़वानी (Khargone and Barwani) में हुई सांप्रदायिक हिंसा (sectarian violence) के बाद आगामी त्यौहारों को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। शनिवार को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के मौके पर प्रदेशभर में जुलूस निकालेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजन होगा। इसको लेकर पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) सुधीर […]