नई दिल्ली। अमेरिका के बाद भारत कोविड-19 महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। लेकिन स्वास्थ्य खर्च पर भारत की हिस्सेदारी अफगानिस्तान के बराबर है। यानी दोनों देश अपने कुल बजट का केवल 4 फीसदी हिस्सा ही स्वास्थ्य पर खर्च करते हैं जबकि यह 15 फीसदी होना चाहिए। दुनिया का दूसरा सबसे गरीब देश बुरुंडी स्वास्थ्य पर इससे तीन गुना ज्यादा खर्च करता है। इंटरनैशनल चैरिटी संस्था Oxfam के ताजा सूचकांक में यह बात सामने आई है।
दुनियाभर में 158 देशों में यह सर्वे किया गया था और उनमें से केवल 26 देश ही स्वास्थ्य पर कुल बजट का 15 फीसदी खर्च करते हैं। इसमें कहा गया है कि भारत ने स्वास्थ्य पर अपने कुल बजट का 4 फीसदी के कम हिस्सा खर्च किया और वह हेल्थ स्पेंडिंग इंडेक्स में 158 देशों में 155वें नंबर पर है। भारत का स्वास्थ्य बजट दुनिया में चौथा सबसे कम है। यहां तक कि सबसे जरूरी सेवाएं भी देश की केवल आधी आबादी को ही नसीब है।
विश्व बैंक के डेटाबेस के मुताबिक 2017 में कुल सरकारी खर्च में से स्वास्थ्य पर हुए खर्च के मामले में 206 देशों की सूची में नीचे से 13वें स्थान पर था। भारत ने इस दौरान स्वास्थ्य पर कुल बजट का 3.4 हिस्सा खर्च किया। उसी साल दुनिया के दूसरे सबसे गरीब देश बुरुंडी का स्वास्थ्य पर खर्च 8.5 फीसदी था।
अमीर देशों ने स्वास्थ्य पर अपने बजट खर्च का औसतन 18.6 फीसदी खर्च किया जबकि निचली मध्य आय वर्ग देशों (भारत इसमें आता है) में यह 18.6 फीसदी रहा। जापान ने अपने कुल बजट का 23.6 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च किया। दक्षिण एशियाई देशों में पाकिस्तान ने स्वास्थ्य पर 4 फीसदी से अधिक खर्च किया। नेपाल और बांग्लादेश में अपने कुल बजट का 5 फीसदी से अधिक स्वास्थ्य पर खर्च किया।
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