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लोकरंग हमारी सांस्कृतिक धरोहर को परिचित कराने का सराहनीय प्रयासः राज्यपाल

– पाँच दिवसीय 39वें लोकरंग कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

भोपाल (Bhopal)। राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) ने कहा कि लोकरंग (Lokrang) हमारे लोक मूल्यों (Our folk values), कलात्मक समृद्धता (artistic richness) को उजागर कर युवाओं और बच्चों को हमारी सांस्कृतिक धरोहर (our cultural heritage) से परिचित कराने का सराहनीय प्रयास है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि लोकरंग सबके साथ, विश्वास और प्रयासों से भारत के गौरवपूर्ण अतीत और समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करेगा।


राज्यपाल पटेल शुक्रवार देर शाम यहां रवीन्द्र भवन परिसर में आयोजित पाँच दिवसीय 39वें लोकरंग पर्व के शुभारम्भ कार्यक्रम में उपस्थित कला प्रेमियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज़ाद भारत में हम सब जो सुखी, समृद्ध और स्वतंत्र जीवन जी रहे हैं, वह हमारे पूर्वजों के अमर बलिदान की अमूल्य विरासत है। गणतंत्र दिवस का पर्व आज़ादी के सैनानियों के अदम्य शौर्य, साहस, त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेकर विकसित भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध होने का अवसर है।

राज्यपाल ने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम कला के विभिन्न स्वरूपों द्वारा नैतिक मूल्यों, मान्यताओं को संरक्षित कर हमारी सांस्कृतिक विविधताओं के भावनात्मक एकत्व को मज़बूत बनाते हैं। विविधता में एकता हमारे देश की संस्कृति है, जिसमें हजारों वर्षों की हमारी लोक संस्कृति की मान्यताएं, नैतिक मूल्यों और जीवन दर्शन की निरंतरता का विशाल खजाना छुपा है।

उन्होंने कहा कि हमारी सांस्कृतिक विविधता सही अर्थों में हमारे देश की धरोहर है, इसका निरंतर संरक्षण और विकास सुनिश्चित करना हम सभी का कर्तव्य है। राज्यपाल ने इस वर्ष समारोह में महान संत शिरोमणि रविदास का जीवन, उनकी वाणी को नृत्य-नाट्य में प्रस्तुत किये जाने, पारम्परिक बैगा समुदाय की ख्यात चित्रकार पद्मश्री जोधइया बाई के सृजित चित्रों की प्रदर्शनी ‘चित्रकथा’ के संयोजन, प्रदेश गोण्ड और भील जनजाति के पारम्परिक चित्रकारों उनकी कलात्मकता के प्रदर्शन का मंच भी प्रदान किये जाने और प्रदेश एवं अन्य राज्यों के लगभग 300 पारम्परिक शिल्पियों के लिए कार्यशाला, उत्पादों के प्रदर्शन और विक्रय का मंच उपलब्ध कराने के लिए आयोजकों की सराहना की। उन्होंने नृत्य, गायन और वादन कला रूपों की प्रस्तुतियों के साथ ही जनजातीय लोक अंचलों के व्यंजन से परिचित कराने के लिए आयोजित स्वाद मेले के आयोजन को सराहनीय बताया।

हमारी संस्कृति की विशेषता है वसुधैव कुटुंबकम: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति की विशेषता वसुधैव कुटुंबकम की है। हमारी संस्कृति पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखती है। अनेकता में एकता भारत की विशेषता है। हमारे देश में हर त्यौहार और पर्व आनंद और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। लोकरंग कार्यक्रम हमारे आनंद और उल्लास का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार प्रगति के नए सोपानों को छू रहा है। देश में विभिन्न कलाओं के संरक्षण और संवर्धन के निरंतर प्रयास हो रहे हैं। हमारे देश में विभिन्न कला और संस्कृतियों के लोग रहते हैं, जो अपनी विशिष्ट शैलियों के माध्यम से एक-दूसरे को जोड़े हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा का मतलब संपूर्ण जीवन का विकास होता है। हमारी नई शिक्षा नीति में शिक्षा को रोजगार से जोड़ने का कार्य किया गया है। हमारी संस्कृति और कला को विभिन्न पाठ्यक्रमों में शामिल कर विद्यार्थियों को भारत की प्राचीन ज्ञान पद्धति से भी अवगत कराया जा रहा है। हमारी संस्कृति का गौरवशाली इतिहास है। लोगों का प्रत्येक क्षण आनंद से गुजरे यह हमारी संस्कृति में निहित है और इसी को हम सनातन परम्परा कहते हैं। हमारे लोकतंत्र का सार इस बात में निहित है कि जनता का शासन, जनता के हित में ही क्रियान्वित हो।

इससे पहले राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर लोकरंग कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा की चित्रकार पद्मश्री जोधइया बाई के चित्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों से आए घुमन्तु जनजाति के लोगों से मिलकर उनकी कला संस्कृति की जानकारी प्राप्त की।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड, झाँकी और नृत्य के विजेताओं को पुरस्कृत और सम्मानित किया। इस अवसर पर संत रैदास नृत्य नाटक की विशेष प्रस्तुति का मंचन हुआ। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दर्शक दीर्घा में बैठकर प्रस्तुति देखी और सराहना की।

संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भारत को वर्ष 2047 तक विकसित देश की श्रेणी में लाकर खड़ा करना चाहते हैं। हमें प्रधानमंत्री के इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए संकल्पित होकर कार्य करना चाहिए। हमारा देश विश्व गुरू, शक्तिशाली और नंबर-1 देश बने, इस दिशा में हम सब मिलकर प्रयास करें। हमारे देश की संस्कृति गौरवशाली है। अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा केलिए मैं आप सभी को बधाई देता हूँ। हमारी संस्कृति पूरे विश्व में स्थापित है। स्वामी विवेकानंद ने विश्व को भारतीय संस्कृति का ज्ञान कराया।

संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि परम्परागत तरीके से इस वर्ष भी लोकरंग मनाया जा रहा है। इस बार लोकरंग का आयोजन अनूठा होने जा रहा है। इसमें देश-विदेश के विभिन्न राज्यों के कलाकार भाग ले रहे हैं। पूरे देश से 300 से अधिक शिल्पी आए हैं, जो लगातार एक सप्ताह तक यहाँ अपनी शिल्प कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। लोकरंग में देश के विभिन्न राज्यों के व्यंजनों का भी स्वाद मिलेगा। कार्यक्रम के अंत में संस्कृति संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी ने आभार व्यक्त किया।

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