जीवनशैली धर्म-ज्‍योतिष मध्‍यप्रदेश

भगवान जगन्‍नाथ 15 दिन के quarantine पर, पिलाया जा रहा काढ़ा


उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन प्रत्येक त्योहार पूरे विधि-विधान और परंपरा से मनाए जाने के लिए जानी जाती है. फिलहाल धार्मिक नगरी उज्जैन में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाले जाने की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं. बता दें कि 12 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल पर भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी. फिलहाल भगवान जगन्नाथ अभी 15 दिन के लिए क्वारंटाइन हैं और 12 जुलाई को रथ यात्रा के दिन ही भक्तों को दर्शन देंगे.

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए दिया जा रहा काढ़ा
मान्यताओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) अपने भाई बालभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी गुंदेचा के यहां पहुंचते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां पहुंचने के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाते हैं और 15 दिन के लिए एक सुरक्षित कमरे में आराम करते हैं. जिसे आज हम क्वारंटाइन पीरियड के तौर पर जानते हैं. इस दौरान भगवान जगन्नाथ को ठीक करने और उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए विशेष औषधियों से बने काढ़े का सेवन कराया जाता है. साथ ही उन्हें खाने के लिए पनीर और बेल का शरबत भी दिया जाता है.

भगवान के लिए तैयार हो रहे लाखों रुपए के वस्त्र
मान्यता है कि रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भाई बालभद्र और बहन सुभद्रा के साथ कीमती वस्त्र धारण करते हैं. इसके लिए बंगाल के 11 कलाकार मिलकर 4.5 लाख कीमत के वस्त्र तैयार कर रहे हैं.



इस्कॉन मंदिर के पीआरओ राघव पंडित दास का कहना है कि इनमें से डेढ़ लाख के वस्त्र भगवान जगन्नाथ, भाई बालभद्र और बहन सुभद्रा के लिए होंगे. साथ ही अन्य मंदिर में विराजमान भगवान कृष्ण (Lord Krishna), बलराम, ललिता देवी, विशाखा देवी, गौरनेताई जी, नरसिंह देव, प्रभुपाद जी के वस्त्रों को मिलाकर यह खर्च 4.5 लाख होगा. इन वस्त्रों में जापानी मोती, धागे का इस्तेमाल किया जाता है और दिल्ली से शुद्ध सिल्क के कपड़े मंगाए जाते हैं. ये वस्त्र उज्जैन (Ujjain) के इस्कॉन मंदिर में ही कारीगरों द्वारा तैयार किए जाते हैं. साथ ही रथ भी तैयार है और उस पर रंगाई-पुताई का काम हो चुका है.

प्रशासन की अनुमति का इंतजार
हर साल रथ यात्रा के दौरान भारी भीड़ उमड़ती है और श्रद्धालु भगवान का रथ खींचकर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं. हालांकि इस बार कोरोना महामारी (corona pandemic) के चलते गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य होगा. रथ यात्रा के लिए आवेदन कर दिया गया है, ऐसे में प्रशासन द्वारा रथ यात्रा की इजाजत दी जाती है या नहीं, ये देखने वाली बात होगी. कोरोना को देखते हुए माना जा रहा है कि इस बार रथ यात्रा के दौरान अलग ही नजारा देखने को मिलेगा.

श्रद्धालु पंकज खंडेलवाल का कहना है कि हर साल भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाता है. उनके मनमोहक डिजाइन व भगवान की मनमोहक रथ यात्रा(Chariot Festival) के दर्शन करने आता हूं. रथ यात्रा का आयोजन 12 जुलाई को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए किया जाएगा.

Share:

Next Post

फिलीपींस में बड़ा हादसा, सेना का विमान C-130 क्रैश, अबतक 17 जवानों की मौत

Sun Jul 4 , 2021
कोटाबेटो. फिलीपींस (Philippines) में रविवार सुबह एक बड़ा विमान हादसा (Plane Crash) हुआ है. यहां पर एक सैन्‍य हवाई जहाज क्रैश (Military Plane Crash) होने की जानकारी मिली है. बताया जाता है कि जिस समय ये हादसा हुआ उस वक्‍त विमान में 85 लोग सवार थे. फिलीपींस के सैन्य प्रमुख सिरिलिटो सोबेजना ने जानकारी देते […]