नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी देश चीन की आर्मी (China’s Army) को अपने ही नागरिकों पर अब ज्यादा भरोसा नहीं रहा है. यही वजह है कि वो चीनी नागरिकों की जगह सेना में नॉर्थ-कोरिया के रिटायर्ड फौजियों (Retired soldiers of North Korea) की भर्ती करना चाहता है. ऐसा दावा हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि चीन आर्मी की खुफिया रिपोर्ट (Army intelligence report) में इस बात का खुलासा हुआ है. चीन उत्तरी कोरिया के रिटायर्ड या निकाले गए सैनिकों की मदद से पाकिस्तान अफगानिस्तान में जारी अपने प्रोजेक्ट की सुरक्षा करवाना चाहता है.
चीन की खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के बाद चीन की निजी सुरक्षा कंपनियों ने पूर्व कोरिया सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू भी कर दी है. रूस की तरफ से यूक्रेन युद्ध में भाग ले रहे उत्तर कोरिया के सैनिकों को लेकर चीन की खुफिया एजेंसी ने अपने आला कमान को एक रिपोर्ट दी है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर कोरिया के सैनिक वफादारी में बहुत आगे हैं. जिस जगह की सुरक्षा का काम उन्हें सौंप जाता है वे मरकर भी उसकी रक्षा करते हैं.
बेहद वफादार हैं नॉर्थ-कोरियाई सैनिक
यहां तक कि यदि कोई दूसरी एजेंसी उन्हें पकड़ ले तो वह खुद को उड़ा लेते हैं. चीनी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अफगानिस्तान में उनके प्रोजेक्ट्स और चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए उन्हें ऐसे ही लोग चाहिए. चीनी खुफिया एजेंसी का मानना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जो सुरक्षा दी जा रही है वह पूरी तरह से फूलप्रूफ नहीं है. क्योंकि उसमें स्थानीय लोगो को भर्ती किया गया है जो सुरक्षा देने में पूरी तरह से खरे नहीं उतर रहे हैं.
पाकिस्तान पर चीन को नहीं भरोसा
एजेंसी का मानना है कि यही कारण है कि आए दिन अफगानिस्तान और पाकिस्तान में उनके लोग बड़ी आसानी से निशाना बन रहे हैं. साथ ही पाकिस्तान में तो उनके प्रोजेक्ट्स को ही सीधे तौर पर निशाना बना दिया जाता है जिससे लाखों डॉलर का नुकसान हो चुका है. खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर अब चीन ने अपनी निजी सुरक्षा कंपनियों को कहां है कि वे कोरिया सी से निकल गए सैनिकों और वहां से रिटायर्ड फौजी को बड़े पैमाने पर भरती करें. माना जा रहा है कि आनेवाले दिनों में चीन पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अपने प्रोजेक्ट की सुरक्षा का कार्यभार इन सैनिकों को सौंप सकता है.
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