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महाराष्ट्रः 12 बागी विधायकों पर दलबदल कानून के तहत कार्रवाई शुरू, शरद पवार बोले-अघाड़ी सरकार साबित करेगी बहुमत

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) में गुरुवार को उपाध्यक्ष नरहरि झिजवल (Narahari Jhijwal) ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सहित 12 बागी विधायकों (against 12 rebel MLAs) के विरुद्ध दलबदल कानून के तहत कार्रवाई (Action under anti-defection law) शुरु कर दी है। इनमें एकनाथ शिंदे, तानाजी सावंत, संदीपन भुमरे, संजय शिरसाट, अब्दुल सत्तार, भरत गोगावले, प्रकाश सुर्वे, अनिल बाबर, बालाजी किनीकर, यामिनी जाधव, लता सोनावने और महेश शिंदे शामिल हैं।


शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने विधानभवन में गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि उन्होंने आज विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिजवल के पास पार्टी के 12 विधायकों पर दलबदल कानून के तहत कार्रवाई के लिए 12 याचिका दाखिल की है। उन्होंने कहा कि शिवसेना विधायक दल ने पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी। इनमें से कई विधायकों ने कारण देते हुए बैठक में अनुपस्थित रहने की अनुमति मांगी थी। लेकिन 12 विधायकों ने इसका सही कारण नहीं दिया था। बैठक में बिना कारण बताए अनुपस्थित रहने वाले 12 विधायकों को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया गया था। उसका जवाब नहीं मिलने पर इन सभी के विरुद्ध विधानसभा उपाध्यक्ष के पास 12 याचिका दाखिल की गई है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि समय आने पर महाविकास आघाड़ी सरकार अपना बहुमत साबित करेगी।

इसी के साथ शरद पवार ने महाराष्ट्र में आए राजनीतिक संकट के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि बिना भाजपा के सहयोग से शिवसेना के विधायक असम नहीं पहुंच सकते थे। पवार ने कहा कि नाराज विधायक अब हिंदुत्व तथा बालासाहेब ठाकरे के नाम का सहारा ले रहे हैं, जबकि ढाई साल तक महाविकास आघाड़ी सरकार की ही सत्ता में यह थे, तब इन्हें हिंदुत्व तथा बालासाहेब ठाकरे याद नहीं आए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब भाजपा के इशारे पर सत्ता परिवर्तन के लिए किया जा रहा है।

शरद पवार ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि इस तरह का प्रयास कई बार किया जा चुका है। विधायक नाराज होते हैं, बगावत करते हैं, लेकिन बहुमत का फैसला राज्यपाल तथा विधानसभा में ही होता है। इसलिए बागी विधायकों को कभी न कभी तो मुंबई में लौटना ही पड़ेगा। पवार ने कहा कि छगन भुजबल के साथ 23 विधायकों ने शिवसेना छोड़ी थी। उसके बाद हुए चुनाव में सिर्फ छगन भुजबल ही चुनाव जीतने में सफल रहे, बाकी सभी का राजनीतिक करियर खत्म हो गया था।

शरद पवार ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेता असम में शिवसेना के बागी विधायकों को हर तरह की मदद उपलब्ध करवा रहे हैं। इन सभी विधायकों को केंद्रीय एजेंसियों का डर दिखाया जा रहा है। केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग से सभी वाकिफ हैं। पवार ने कहा कि कुछ भी हो बागियों को यहां आना होगा और यहां असम के भाजपा नेता उनका सहयोग नहीं करेंगे। उन्हें खुद विधानसभा में अपनी बात रखनी होगी। (एजेंसी, हि.स.)

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