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महाराष्‍ट्र के मंत्री बोले- Parambir Singh दिल्ली में क्‍यों गए, किससे मिले, हम समय आने पर बताएंगे

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रवक्ता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख(Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) का बचाव किया है. नवाब मलिक (Nawab Malik) ने कोरोना क्वारनटीन(Corona quarantine) के दौरान अनिल देशमुख(Anil Deshmukh) के पुलिस अफसरों(Police Officers) से मिलने और प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बीजेपी (BJP) के दावे को खारिज (Dismiss the claim) कर दिया.



नवाब मलिक ने कहा, “जिस तरह से देवेंद्र फडणवीस और मुनगंटीवार दावा कर रहे हैं कि अनिल देशमुख ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी, वो पूरी तरह झूठ है. जब अनिल देशमुख को 15 फरवरी को अस्पताल से छुट्टी मिली थी, उस समय अस्पताल के बाहर कुछ पत्रकार थे. पत्रकार अनिल देशमुख से बात करना चाहते थे जबकि वह कमजोरी महसूस कर रहे थे. इसलिए देशमुख ने एक कुर्सी ली और बैठ गए और फिर पत्रकारों ने उनसे कुछ सवाल पूछे थे.”

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Former Mumbai Police Commissioner Parambir Singh) ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया कि उन्होंने फरवरी में कुछ पुलिस अफसरों को वसूली का टारगेट दिया था. तभी से बीजेपी गृह मंत्री अनिल देशमुख से इस्तीफे की मांग कर रही है.

नवाब मलिक ने कहा कि अनिल देशमुख जब क्वारनटीन में थे, उस दौरान वह किसी अफसर से मिले नहीं थे. अल्पसंख्यक विकास और कौशल विकास और महाराष्ट्र के उद्यमिता मंत्री नवाब मलिक ने कहा, ‘कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं बुलाई गई थी. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद अनिल देशमुख चार्टर्ड प्लेन से तुरंत मुंबई आ गए थे और अपने घर पर क्वारनटीन हो गए थे. वह 27 फरवरी तक क्वारनटीन थे. वह 27 फरवरी तक किसी से मिले नहीं.’

परमबीर सिंह के आरोपों और सीबीआई जांच की मांग पर नवाब मलिक ने कहा, ‘जब से उनका तबादला हुआ है, तब से वो अलग-अलग तरह की बातें कर रहे हैं और वह ऐसा क्यों कर रहे हैं, यह हम सभी जानते हैं. वह दिल्ली गए थे. वह वहां किससे मिले थे, उन्हें क्या कहा गया था, हम इसके बारे में सब कुछ जानते हैं. और हम आपको सही समय पर यह सब बताएंगे. हर चीज का एक समय होता है और सही समय पर, सब कुछ बताया जाएगा.’

बता दें कि परमबीर सिंह ने अपने तबादले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. नवाब मलिक ने हालिया घटनाक्रमों पर कहा, “एक अधिकारी का तबादला मुख्यमंत्री और गृह मंत्री का प्रशासनिक निर्णय है. हम समझते हैं कि सभी को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने और न्याय पाने का अधिकार है. हम देखते हैं कि उन्हें वहां क्या न्याय मिलता है.”

एंटीलिया और मुनसुख हिरेन की मौत मामले के बारे में बात करते हुए नवाब मलिक ने कहा कि ये गंभीर मामले हैं. दो जांच एजेंसियां एनआईए और एटीएस इनकी जांच कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘यह एक बहुत गंभीर अपराध है. कुछ लोगों ने धोखाधड़ी (बम से डराने) की है. इसे छिपाने के लिए एक शख्स को मार दिया गया. हम देखेंगे कि कौन इसमें शामिल हैं. ये सभी आरोप केवल इस महत्वपूर्ण धोखाधड़ी मामले से ध्यान भटकाने के लिए हैं. महत्वपूर्ण सवाल यह है कि यह धोखाधड़ी किसके आदेश पर की गई. क्यों किया गया था? इस मामले को छिपाने के लिए मनसुख हिरेन की हत्या क्यों की गई? इस सबके पीछे कौन है? यह इस मामले का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है. एनआईए और एटीएस की जांच जारी है. यदि मुंबई पुलिस ने कुछ गलतियां की हैं और उसके लिए यदि कुछ तबादले किए गए हैं यह एक प्रशासनिक निर्णय है. इन जांचों में सब कुछ सामने आ जाएगा.’

नवाब मलिक ने जोर देकर कहा कि अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा नहीं देंगे और बीजेपी के पास ऐसी मांग करने के लिए कोई नैतिक आधार नहीं है. एनसीपी नेता ने कहा, ‘एक IPS अधिकारी ने गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री और मुख्यमंत्री पर कुछ गंभीर आरोप लगाए थे. क्या उन्होंने उस समय इस्तीफा दे दिया था? बीजेपी के पास इस तरह की बातें कहने का कोई नैतिक आधार नहीं है. बीजेपी को पहले अपना अतीत देखना चाहिए. झूठे आरोपों पर कोई भी इस्तीफा नहीं देता है.’

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