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‘मामा जी’ प्रेम विवाह बन गया है खतरा, धमकियां मिलने के बाद CM शिवराज को लिखा खत

उज्जैन। उज्जैन जिले के ऋषि नगर में रहने वाले मनोचिकित्सक (अभी रतलाम निवासी हैं) डॉक्टर भरत शर्मा ने प्रदेश की मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, पुलिस अधीक्षक से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर गुहार लगाई है। इसके लिए उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेशों का हवाला भी दिया है। उज्जैन के डॉक्टर भरत शर्मा ने 2019 में साथ पढ़ने वाली मुस्लिम समाज से ताल्लुक रखने वाली एक महिला सहपाठी से वैदिक रीति-रिवाज से विवाह किया था।

डॉक्टर को विशेष वर्ग की सहपाठी युवती से विवाह करने के बाद धमकियां मिल रही हैं। कट्टरपंथी जिहादी तत्व लगातार परिवार को परेशान कर रहे हैं और धमकी दे रहे हैं। पुलिस से निराश होने का बाद डॉक्टर दम्पत्ति ने उच्च न्यायालय से गुहार लगाई। उच्च न्यायालय जबलपुर ने पुलिस को सुरक्षा देने के निर्देश भी जारी कर दिए, लेकिन पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश को भी अनदेखा कर दिया। इसके बाद डॉक्टर से स्वयं के खर्च पर गार्ड रखने को कह दिया। डॉक्टर ने अब हिन्दूवादी संगठनों से भी सुरक्षा की मांग की है।

सीएम शिवराज सिंह चौहान को लिखा खत
डॉक्टर की पत्नी डॉ. तबस्सुम शेख ने अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खत लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि मामा जी प्रेम विवाह हमारे परिवार के लिए खतरा बन गया है। कट्टरपंथी तत्वों से लगातार धमकियों के चलते कई बार अपने घर बदलना पड़ रहा है। कुछ ही महीनों पहले चिकित्सक दंपति सुरक्षित ठिकाने की तलाश में रतलाम आए थे।


रतलाम में आए उन्हे अभी कुछ ही दिन गुजरे थे कि कट्टरपंथी तत्वों ने यहां भी जीना मुश्किल कर दिया है। उनका कहना है कि दो बार उनकी और उनके पति की जान लेने की कोशिश के साथ अपहरण की भी कोशिश हो चुकी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी हमें कोई सुरक्षा नहीं मिल रही है। 3 वर्ष निरंतर पलायन व भय में जीवन जीने की वजह से हमारी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि हम प्राइवेट सुरक्षा का खर्च वहन कर सकें।

सुरक्षा के लिए पुलिस से गुहार
डॉक्टर शर्मा का कहना है की सुरक्षा के लिए कई बार पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई है। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन तो दिया, लेकिन सुरक्षा के ठोस उपाय नहीं किए। हाईकोर्ट द्वारा जारी निर्देश को एक सप्ताह गुजर चुका है लेकिन रतलाम के पुलिस अधीक्षक ने अब तक डॉ. शर्मा और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई है। डॉ. शर्मा ने बताया कि जब उन्होंने इस संबंध में रतलाम एसपी अभिषेक तिवारी से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि वे पैसा खर्च करके एक सुरक्षा एजेंसी से स्वयं के खर्च पर गार्ड रख लें। दूसरी ओर डॉ. शर्मा का कहना है कि लगातार जगह बदलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे सुरक्षाकर्मी का वेतन दे सकें।

न्यायालय की अवमानना के खिलाफ रिपीटेशन दायर
डॉक्टर भरत शर्मा ने इंदौर उच्च न्यायालय में सोमवार को न्यायालय की अवमानना के खिलाफ रिपीटेशन दायर की है। जिसमें निशुल्क सुरक्षा गार्ड पुलिस बंदोबस्त की अपील की गई है। उन्होंने कहा की 7 दिन पहले जबलपुर उच्च न्यायालय ने सुरक्षा देने के आदेश के बाद भी सुरक्षा नहीं मिल पा रही है।

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