नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राजनीतिक विरोध के बावजूद हमारे सांसद सभी बैठकों में भाग लेते हैं। यह राजनीतिक शिष्टाचार है। विपक्षी पार्टी को 50 फीसदी समय राज्य विधानसभा में दिया जाता है। साल 2004 में मुझे 39 फीसदी वोट मिला था। फिर भी संसद में बोलने की अनुमति नहीं दी गई थी। बातचीत का मतलब सांप्रदायिक नहीं है। आप एक धर्म बेच खा रहे हैं। यह मिट्टी सभी धर्मों की है। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि वह कह रहे हैं कि हिंदू धर्म को लेकर बात करने पर उन्हें सस्पेंड किया गया है। वो कब से हिंदुओं के नेता बन गए। मैं ये कभी नहीं कहना चाहती हूं, लेकिन आज मैं बोल रही हूं। मुझे लगता है कि सरनेम न होने से अच्छा होता। मैं भी ब्राह्मण परिवार से आती हूं। मुझे ये बोलने पर मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि हर जगह, हर एक मोहल्ले में सरस्वती पूजा हुआ है। आपको सच जानना चाहिए। दोनों कॉलेजों में सरस्वती पूजा हुआ है। एक जगह गार्बेज पड़ा था, इसलिए 2 जगह पूजा करने के लिए बोला गया था। हमको ये सुनना पड़ेगा कि कश्मीर के साथ मेरा संपर्क है। मैं चैलेंज करते हुए कहना चाहती हूं, आप प्रमाण दीजिए, मैं एक दिन में मुख्यमंत्री का पद छोड़ दूंगी। मैं प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर ये सारी जानकारी बताऊंगी। आप लोग तो बॉर्डर गए थे, उकसाने के लिए। यह देश हम सबका है। हमने सीमा के बारे में कुछ नहीं कहा है। क्योंकि बॉर्डर केंद्र का मामला है। हमने इस बारे में कभी बात नहीं की। मैंने हर बार कहा है कि केंद्र जो भी फैसला लेगा उसका हम समर्थन करेंगे।
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