कोलकाता। अभी कोरोना वैक्सीन बाजार में आयी भी नहीं, लेकिन राजनीति शुरू हो गई है। बिहार के बाद अब विधानसभा चुनाव के पहले बंगाल में भी कोरोना वैक्सीन को लेकर राजनीतिक सरगर्मी शुरू हो गई है। भाजपा ने रूस के कोरोना के संभावित टीके “स्पुतनिक वी” के दूसरे चरण का क्लिनीकल परीक्षण बंगाल में नहीं होने पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
बता दें कि मंगलवार को कोरोना वैक्सीन के वितरण को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल बैठक बुलाई है। यह बैठक सुबह 11 बजे से शुरू होगी। सीएम ममता बनर्जी भी अन्य राज्यों की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम की इस बैठक में शामिल होंगी। पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के लोग वैक्सीन परीक्षण के ट्रायल से भी वंचित रह गए। राज्य सरकार की अक्षमता के कारण बंगाल के लोग रूस के कोरोना के संभावित टीके “स्पुतनिक वी” के दूसरे चरण का क्लिनीकल परीक्षण में शामिल नहीं पाए। जिस तरह से अनुष्मान भारत, कृषक सम्मान निधि जैसी केंद्रीय योजनाओं से बंगाल के लोग वंचित रह गए हैं, उसी तरह से अब वैक्सीन के परीक्षण से भी बंगाल के लोग वंचित रह गए। इसके लिए पूरी तरह से ममता सरकार जिम्मेदार है।
बता दें कि यह परीक्षण उत्तर 24 परगना के सरकारी “कॉलेज ऑफ मेडिसन एंव सागर दत्ता अस्पताल” (सीएमएसडीएच) में इस हफ्ते के अंत में होना था, लेकिन राज्य सरकार द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के कारण परीक्षण नहीं हो सका है। (एजेंसी, हि.स.)
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