भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

मार्च का माह… महंगाई से निकल रही आह!

  • आटा, तेल, दूध, घी, गैस और पेट्रोल-डीजल ने बढ़ाई महंगाई
  • 7 दिन में छठवी बार बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम
  • पेट्रोल पर 50 पैसे और डीजल पर 55 पैसे बढ़े, पांच दिन में 3.70 रुपए महंगे हुए

भोपाल। तेल कंपनियों ने इस हफ्ते 5वीं बार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने की घोषणा की है। रविवार को पेट्रोल 50 पैसे और डीजल 55 पैसे प्रति लीटर महंगे हुए। अब पेट्रोल 3.80 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका है। भोपाल में पेट्रोल की कीमत 111.15 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह डीजल के दाम 94.70 रुपये प्रति लीटर हुई है। इससे आम जनता को अतिरिक्त आर्थिक भार पहुंचा है। वहीं पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी के साथ अन्य चीजों के दामों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढऩे से सबसे पहले ट्रांसपोर्ट पर असर पड़ता है। इसकी के साथ अन्य जिंसो पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। उधर, रोजमर्रा की सामग्री महंगी होने से लोगों का बजट गड़बड़ा रहा है। सिर्फ आटा, तेल, दूध, घी, गैस और पेट्रोल-डीजल ही मार्च में इतने महंगे हो गए हैं कि सालाना 8 हजार रुपए का बोझ लोगों पर आएगा। जरूरत की इन छह सामग्री के भावों का ही आकलन करें तो चार सदस्यीय परिवार पर 15 रुपए प्रतिदिन का बोझ बढ़ चुका है। बच्चों की फीस में 2 से 30 हजार तक की बढ़ोतरी है तो जमीनों की गाइड लाइन भी बढ़ चुकी है और बिजली के दाम अभी बढऩा हैं। मसालों के थोक दाम भी बढ़े हैं तो दवाइयों के दाम भी बढऩे जा रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में ही आटे के दाम पांच रुपए बढ़ चुके हैं। तेल पर 20 रुपए तो दूध पर 2 से 4 रुपए अलग-अलग कैटेगरी में बढ़ चुके हैं।


मकान बनाना भी एक माह में 75 से 80 रुपए वर्गफीट महंगा
महंगाई रियल एस्टेट सेक्टर में भी बढ़ी है। क्रेडाई के संदीप श्रीवास्तव के मुताबिक फरवरी की तुलना में मार्च में मकान निर्माण में 75 से 80 रुपए प्रति वर्गफीट तक महंगाई बढ़ गई है। सरिया फरवरी में 57.20 रुपए किलो था, वह अब 77 रुपए किलो पर पहुंच गया है। सीमेंट भी 300 से 325 रुपए प्रति 50 किलो हो गई है। ईंट अच्छी क्वालिटी की 7.50 से 8.50 रुपए प्रति नग हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती महंगाई का कारण रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमतों और वैश्विक जिंस बाजार में वस्तुओं की आपूर्ति का बाधित होना है। कच्चे तेल की जो कीमतें 4 नवंबर 2021 को करीब 73 डॉलर प्रति बैरल थीं, वह इस समय 115 डॉलर प्रति बैरल से भी अधिक हो गई हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढऩे से महंगाई दिखाई दे रही है। यातायात लागत बढ़ रही है। चीन और विभिन्न देशों से आने वाली वस्तुओं के आयात से भी महंगाई का ग्राफ बढ़ता दिखाई दे रहा है।

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