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मप्रः मुख्यमंत्री ने की सीएम कॉन्क्लेव के निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा

– सीएम कॉन्क्लेव के निर्णयों पर अमल के लिए मप्र में हो रहा तेजी से काम
– डिजिटल लेन-देन में भी आगे है मध्यप्रदेश

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ()Chief Minister Shivraj Singh Chouhan ने बुधवार को मंत्रालय में विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों (senior officers) के साथ सीएम कॉन्क्लेव (CM Conclave) के निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा की। मध्यप्रदेश, सीएम कॉन्क्लेव के निर्णयों के क्रियान्वयन के लिए तेजी से कार्य कर रहा है। यह कॉन्क्लेव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 13 और 14 दिसंबर, 2021 को वाराणसी में हुई थी।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश, कॉन्क्लेव में लिए गए निर्णयों को बेहतर ढंग से जमीन पर उतारने का कार्य करेगा। संबंधित विभाग आम जनता के कल्याण के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, फ्लेगशिप योजनाओं और हितग्राहियों के खातों में राशि जमा करने से जुड़े कार्यों को नियमित रूप से पूरा करते रहें। जिन योजनाओं में अभी हितग्राही के बैंक खाते में सीधे राशि के अंतरण की सुविधा विकसित नहीं की गई है, उन योजनाओं में भी यह सुविधा प्रारंभ की जाए। उन्होंने विभागवार कॉन्क्लेव के निर्णयों की जानकारी प्राप्त की।

आवास योजना में प्रतिमाह 40 से 50 हजार आवास बनाने का लक्ष्य
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र परिवारों में से 30 लाख से अधिक की स्वीकृति दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में करीब 4 लाख आवासों की मंजूरी दी गई है। प्रतिमाह 40 से 50 हजार आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

बताया गया कि प्रदेश में विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियों सहित 21 विभागों की 134 योजनाओं में डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) लागू है। अब तक 17 हजार 867 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की जा चुकी है। प्रधानमंत्री किसान-कल्याण योजना, मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना और जनजातीय छात्रवृत्ति वितरण के लिए आधार इनेबिल्ड पेमेंट सिस्टम की व्यवस्था है। भारतीय अर्थ-व्यवस्था को 05 ट्रिलियन डॉलर बनाने के कॉन्क्लेव के निर्णय पर अमल की दिशा में राज्य के योगदान स्वरूप मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि और कृषि आधारित गतिविधियों के लिए वर्ष 2022-23 में 40 हजार 916 करोड़ और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के 2850 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

चालू वित्त वर्ष में पूँजीगत व्यय गत वित्त वर्ष के पुनरीक्षित अनुमान से 20 प्रतिशत वृद्धि के साथ 48 हजार 800 करोड़ रुपये किया गया है। प्रदेश में व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों को अधिक सुगम बनाने के लिए ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के भी प्रयास हो रहे हैं। जेम पोर्टल से खरीद के कार्य को दोगुना किए जाने का लक्ष्य है। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दिया गया है। उच्च स्तर पर 23 प्रमुख विभागों की परियोजनाओं की नियमित समीक्षा की जाती है।

स्वच्छ भारत मिशन
स्वच्छ भारत मिशन में गत वित्त वर्ष में प्रदेश में शौचालय विहीन 2 लाख 66 हजार 338 पात्र परिवारों की पहचान कर 2 लाख 50 हजार 526 पारिवारिक शौचालय निर्मित किए गए हैं। भू-आवासीय अधिकार योजना भी प्रारंभ की गई है, जिसमें भूमिहीन व्यक्तियों को आवासीय भू-खण्ड उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में 66 लाख लक्षित परिवारों में से 41 लाख से अधिक परिवार स्व-सहायता समूहों से जोड़े गए हैं।

गौरव दिवस
प्रदेश के सभी गाँव में वर्ष में एक दिवस ग्राम गौरव दिवस मनाने की कार्यवाही की गई है। प्रदेश के 48 हजार 14 ग्रामों में ग्राम सभाओं का आयोजन कर गौरव दिवस की तिथि तय की गई है। प्रदेश के 403 निकायों से नगर गौरव दिवस की तिथि निर्धारित हो गई है। प्रदेश के अनेक नगरों में गौरव दिवस के गरिमामय कार्यक्रम भी सम्पन्न हो चुके हैं। आमजन की भागीदारी भी कार्यक्रमों में देखी जा रही है और वे अपने नगर और ग्राम के विकास के लिए सक्रिय हुए हैं।

भारतीय ज्ञान प्रणाली का पाठ्यक्रम में समावेश
मुख्यमंत्री कॉन्क्लेव में भारतीय ज्ञान प्रणाली का पाठ्यक्रम में समावेश करने के संबंध में राज्यों को प्रयास करने को कहा गया था। इस दिशा में मध्यप्रदेश ने स्नातक स्तर पर प्रथम वर्ष के लिए तैयार पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा को शामिल किया है। ओपन इलेक्टिव समूह में समृद्ध भारतीय परम्परा और स्थानीय विरासत से जुड़े पाठ्यक्रम विकल्प के रूप में शामिल किए गए हैं। इनमें राम चरित मानस का दार्शनिक चिंतन, प्रदेश के लोक नृत्यों का सामान्य परिचय, भगवत गीता का वर्तमान संदर्भ भी शामिल है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में कक्षा 6वीं से विद्यालयों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं से जोड़कर व्यवसायिक प्रशिक्षण के प्रयास किए गए हैं। इंदौर और बैतूल की आईटीआई को 5-5 विद्यालयों से जोड़ने की कार्यवाही की गई है।

स्वास्थ्य, पोषण, कृषि क्षेत्र में प्रयास
बैठक में वाणिज्यिक कर के अंतर्गत राज्य स्तर पर जीएसटी संग्रह प्रणाली को सशक्त बनाने, राजस्व में स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन और स्वास्थ्य में आयुष्मान भारत हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर प्रारंभ करने पर भी चर्चा हुई। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने जानकारी दी कि प्रदेश में 11 हजार से अधिक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर वर्षान्त तक विकसित हो जाएंगे। वर्तमान में 9 हजार से अधिक केन्द्र क्रियाशील हैं। आँगनवाड़ी एडॉप्ट करने का अभियान प्रदेश में सफल हो रहा है। स्थानीय समुदाय ने आँगनवाड़ी केन्द्र के लिए अलग-अलग अनाज के मटके दान में देने का कार्य प्रारंभ किया है। प्राकृतिक कृषि के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रदेश में 605 एफपीओ बीज, कृषि आदान, दुग्ध और अन्य कृषि संबंधी गतिविधियों में संलग्न हैं। विशिष्ट एफपीओ भी बनाए जा रहे हैं, जो तिलहन, शहद, बाँस, सुगंधित धान जैसे उत्पादों का चयन कर गतिविधियाँ संचालित करेंगे। सौ करोड़ रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं की मुख्यमंत्री स्तर पर नियमित समीक्षा भी हो रही है। उज्ज्वला योजना 2.0 में सवा आठ लाख हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। निर्यात वृद्धि के प्रयास भी सफल हो रहे हैं। उचित मूल्य दुकानों पर “वन नेशन-वन राशन कार्ड” की सुविधा उपभोक्ताओं को दी गई है, जिसके फलस्वरूप उपभोक्ता अन्य स्थानों से भी राशन सामग्री प्राप्त करने के हकदार हैं।

लोक सेवा प्रबंधन में समय-सीमा में चिन्हित सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। समाधान एक दिन की व्यवस्था में 35 प्रमुख सेवाएँ दी जा रही हैं। प्रदेश में 1 करोड़ 67 लाख से अधिक नागरिक इन सेवाओं से लाभान्वित हुए हैं।

औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए इंदौर और भोपाल में मेगा इन्वेस्टमेंट समिट की पहल की गई है। इंदौर में नवम्बर माह में इनवेस्ट मध्यप्रदेश इन्वेस्टर्स समिट-2022 के लिए निर्णय लिया गया है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग ने समिट के पूर्व रोड शो की रूपरेखा भी बनाई है। मुख्यमंत्री प्रति सप्ताह निवेशकों से भेंट भी करते हैं। “एक जिला-एक उत्पाद” में सभी जिलों में उत्पाद चिन्हित कर उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। (एजेंसी, हि.स.)

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