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मप्रः किसी भी पद के कार्यकाल की लम्बी अवधि नहीं, उसकी सार्थकता ज्यादा महत्वपूर्ण : शिवराज

– रविन्द्र सभागम में मुख्यमंत्री का हुआ नागरिक अभिनंदन, मुख्यमंत्री ने की अनेक नए कल्याणकारी कार्यक्रम की घोषणा

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के मुख्यमंत्रित्व की चौथी पारी के दो वर्ष पूर्ण होने पर गुरुवार शाम को स्थानीय रविंद्र सभागम में उनका नागरिक अभिनंदन (Citizen Greetings) किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य शासन द्वारा गत दो वर्ष में विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का सेक्टरवार विवरण दिया। उन्होंने कई नवीन कल्याणकारी कार्यक्रम प्रारंभ करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के किसी पद पर कार्यकाल को कितने वर्ष हो गए उससे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि ये कार्यकाल कितना सार्थक रहा। उन्होंने कहा कि मैंने कुशाभाऊ ठाकरे जैसे लोक कल्याणकारी सोच के जन नेता के मार्गदर्शन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जन-सहयोग से जन-कल्याण के कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी पूरी की है।


मजबूत कानून-व्यवस्था
उन्होंने बताया कि उनके प्रथम बार मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश में डकैतों का आतंक और असामाजिक तत्व का बोलबाला समाप्त करने की थी। पूर्व में राजनीतिक संरक्षण की वजह से असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही नहीं होती थी। आज प्रदेश में कोई बड़ा सूचीबद्ध गिरोह नहीं है। अनेक डकैतों के खात्मे के बाद सिमी का नेटवर्क समाप्त करने और अन्य असामाजिक तत्वों को नियंत्रित करने का कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि निर्धन व्यक्ति की जमीन पर कब्जा करने वालों और अनैतिक गतिविधियों में लिप्त तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई है। जिस बुलडोजर मामा की उन्हें पदवी दी जा रही है वह कार्य तो वर्ष 2005 से चल रहा है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति काबू में रखने पर निरंतर ध्यान दिया गया है।

किसानों के कल्याण और गेहूँ के निर्यात के प्रयास
चौहान ने कहा कि वे आज ही नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ निर्यातकों की बैठक में मध्यप्रदेश के सोने जैसे दाने वाले गेहूँ के निर्यात बढ़ाने के संबंध में बैठक कर चुके हैं। यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे किसानों को गेहूँ के निर्यात के लिए सभी सुविधाएँ दी जाएंगी। मंडी टैक्स भी नहीं लगेगा। राज्य शासन द्वारा इसकी प्रतिपूर्ति की जाएगी। विभिन्न एक्सपोर्टर्स ने भी मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के अधिक से अधिक निर्यात के लिए आश्वस्त किया है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अब प्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने सहकारी बैंकों को बदहाल कर दिया था। ऋण व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई थी। मध्यप्रदेश में गत 2 वर्ष में 1 लाख 72 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खातों में जमा की जा चुकी है। इसके अलावा 2200 करोड़ रुपये का फसल बीमा योजना का प्रीमियम भी पूर्व सरकार ने जमा नहीं किया था। गत 2 वर्ष में किसानों को फसल बीमा राशि के 17 हजार करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। किसान सम्मान निधि में केंद्र सरकार से मिलने वाली 6 हजार रुपये वार्षिक की राशि में मध्यप्रदेश सरकार ने 4 हजार रुपये शामिल कर किसान को मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 10 हजार रुपये तक कर दिया है। इससे छोटे और सीमांत किसान बड़ी संख्या में लाभान्वित हुए हैं।

कोरोना नियंत्रण
मुख्यमंत्री ने कहा कोरोना जैसी महामारी पर नियंत्रण के लिए प्रधानमंत्री ने अभूतपूर्व प्रयास किए। भारत में पहली बार वैक्सीन का निर्माण हुआ। पूर्व में अन्य देशों पर इस तरह की वैक्सीन के लिए निर्भर रहना होता था। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई गई। टेंकर एयर फोर्स के माध्यम से भेजे गए। रेमडीसिविर जैसे जिंदगी बचाने वाले इंजेक्शन तुरंत भेज कर लाखों जिंदगियों को बचाया गया। मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर को निष्प्रभावी बनाने के लिए प्रयास किए। इसमें वैक्सीन का भी बड़ा योगदान है। प्रदेश के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोरोना के कारण नहीं रहे, उन्हें 5 हजार रूपये महीना पेंशन, शिक्षा की व्यवस्था और राशन की व्यवस्था की जा रही है। रोजगार प्राप्ति तक उन्हें ये सुविधाएँ दी जाएंगी। प्रदेश में ऐसे प्रकरणों में परिवार के सदस्यों को अनुकंपा नियुक्तियाँ भी दी गई हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से दिवंगत अभिभावकों के बच्चों के साथ ही शासन द्वारा अन्य बेसहारा बच्चों को भी सहारा दिया जा रहा है।

मध्य प्रदेश की बढ़ी विकास दर
चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की विकास दर 19.7 प्रतिशत हो गई है, जो भारत में सबसे ज्यादा है। फसल उत्पादन सहित समस्त आर्थिक गतिविधियों और उद्योग क्षेत्र के आकलन के बाद यह निर्णय लिया जाता है। मध्यप्रदेश में विकास की रफ्तार तेज है। प्रति व्यक्ति आय कुछ वर्ष पूर्व मात्र 13 या 14 हजार होती थी, जो अब 1 लाख 24 हजार रुपये अर्थात करीब सवा लाख सालाना हो चुकी है। यह भारत सरकार के आंकड़ों में दर्ज है। भारत की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश के योगदान में भी वृद्धि हुई है। इसे 3. 6 से 4.6 प्रतिशत तक लाने में सफलता मिली है।

3 साल में मिलेगा सबको अपना पक्का मकान
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने आवास योजना के हितग्राहियों के साथ छलावा किया। हमारी सरकार ने इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान कर राज्य अंश प्रदान किया। एक वर्ष में एक लाख मकान बने। दूसरे वर्ष में भी 10 लाख बने। वर्तमान में 2 लाख 40 हजार आवास गृह बन चुके हैं। आगामी 29 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश के 5 लाख से अधिक हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ प्रदान करेंगे। आने वाले 3 वर्ष में कोई भी कच्चे मकान में नहीं रहेगा, सबको जमीन और पक्के मकान बनाकर दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि भू- आवासीय अधिकार योजना का क्रियान्वयन भी तेजी से किया जा रहा है। परिवारों का विस्तार होने से एक परिवार में अनेक सदस्य नहीं रह पाते, ऐसे प्रत्येक परिवार का एक अपना भूखंड होना चाहिए। इसके लिए रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। प्रदेश में 21 हजार एकड़ भूमि माफिया से मुक्त करवाई गई है, जिस पर गरीबों के मकान बनाए जाएंगे। आयुष्मान कार्ड के माध्यम से वार्षिक 5 लाख तक की राशि उपचार के लिए दी जा रही है। मध्यप्रदेश में गरीबों की जिंदगी बदलने का अभियान चल रहा है। जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के अलावा सामान्य निर्धन वर्ग के कल्याण के कार्य भी किए जा रहे हैं।

बहनों और बेटियों के कल्याण को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की बहनों और बेटियों की जिंदगी बदलने का कार्य किया जा रहा है। बेटी के जन्म के पहले से लेकर उसकी उच्च शिक्षा और विवाह तक सहायता का प्रावधान है। आगामी 2 मई को लाड़ली लक्ष्मी दिवस मनाया जाएगा। प्रदेश में लगभग 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी बेटियाँ हैं। करीब 15-16 वर्ष पूर्व जिन बेटियों को गोद में खिलाया था, वे अब कॉलेज पहुँचने जाने लगी हैं। राज्य सरकार कन्याओं के लिए उच्च शिक्षा को नि:शुल्क बना रही है। कॉलेज जाने वाली बच्चियों की फीस सरकार भरेगी। बहनों के लिए निकायों में 50% स्थान आरक्षित कर मध्यप्रदेश ने उनके हित में बड़ा कार्य किया है। निर्वाचित बहनों ने भी चमत्कार किया है। महापौर, सरपंच और पार्षद जैसे पदों के दायित्व को निभाते हुए उन्होंने श्रेष्ठ कार्य कर दिखाया है।

उन्होंने कहा कि पुलिस में बेटियों की भर्ती से उन्हें इस क्षेत्र में कार्य का अवसर मिल रहा है और वे अपने कर्त्तव्य निर्वहन को भलीभांति निभा रही हैं। इंदौर और भोपाल में महिला उद्यमी क्लस्टर बनाए जाएंगे। संपत्ति में महिलाओं के नाम से पंजीयन कराने पर स्टांप शुल्क में छूट की व्यवस्था की गई। महिलाओं को प्रत्येक स्तर पर सशक्तिकरण का लाभ दिलवाया जा रहा है। स्व-सहायता समूह नई ताकत बनकर उभरे हैं, रेडी-टू-ईट का कार्य अब बहनों के पास है।

गरीब कल्याण
चौहान ने कहा कि प्रदेश में 88 लाख गरीबों के कोरोना अवधि के 6 हजार 400 करोड़ के बिजली बिल स्थगित किए गए हैं। संबल योजना को अप्रैल माह से पुनः नए स्वरूप में लागू किया जा रहा है। किसी भी जाति समाज के व्यक्तियों को लाभान्वित करने का काम इस योजना में किया जाएगा। उन्होंने मध्यप्रदेश में चिकित्सा शिक्षा हिंदी माध्यम से प्रदान किए जाने की पहल की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय सभी उपस्थित लोगों ने हाथ उठाकर समर्थन और स्वागत किया। चौहान ने कहा कि सीएम राइज़ स्कूल, शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों के हित में एक नया महत्वपूर्ण कदम है।

रोजगार वृद्धि के लिए व्यापक योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल माह में उद्यम क्रांति योजना नए स्वरूप में लाँच की जाएगी। प्रत्येक माह रोजगार दिवस का आयोजन किया जा रहा है। स्वामी विवेकानंद जी की जयंती 12 जनवरी को सवा 5 लाख लोगों को रोजगार दिया गया। फरवरी में भी इतनी ही संख्या में युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया। आगामी 31 मार्च को रोजगार दिवस का आयोजन है। उद्यम क्रांति योजना में 5 वर्ष तक ब्याज की छूट और सब्सिडी मध्यप्रदेश शासन द्वारा दी जाएगी। एक लाख से लेकर 50 लाख तक की राशि उद्योग और रोजगार की स्थापना के लिए प्रदान की जाएगी। प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स योजना से छोटे-छोटे व्यावसायिक कार्य करने वाले लोगों को बड़ी संख्या में लाभान्वित किया गया है। मध्यप्रदेश ने पूरे देश में इस योजना के क्रियान्वयन में सबसे अच्छा कार्य किया है। प्रदेश में ग्रामीण पथ विक्रेता योजना भी लागू की गई है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिंचाई का क्षेत्र भी निरंतर बढ़ रहा है। सुशासन क्षेत्र में भी अच्छा कार्य हुआ है। इसी तरह स्वच्छता में मध्यप्रदेश तीसरे क्रम पर है। प्रधानमंत्री मोदी के आत्म-निर्भर भारत के अंतर्गत आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक कार्य किया गया है।

गौरव दिवस
चौहान ने कहा कि आगामी 1 जून को भोपाल का गौरव दिवस होगा। उन्होंने आहवान किया कि प्रत्येक व्यक्ति अपने ग्राम और नगर के लिए कुछ योगदान दें। उन्होंने कहा कि गौरव दिवस के माध्यम से जन-सहभागिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पूर्व सरकार और कोरोना अवधि में रूकी हुई तीर्थ-दर्शन योजना के क्रियान्वयन को अप्रैल माह से पुन: प्रारंभ किया जाएगा। पिछले 2 वर्ष में 8,276 करोड़ रुपए की लागत से 5322 कि.मी. लंबाई की सड़कों का निर्माण किया गया है। कन्या विवाह योजना में भी पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने का कार्य अभियान के रूप में चलेगा। केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अव्वल है। प्रयास किया जा रहा है कि देश में प्रथम रहने के साथ ही दुनिया में भी मध्यप्रदेश अलग स्थान बनाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 29 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी आवास योजना के हितग्राहियों को गृह प्रवेश करवाएंगे। इससे आमजन जुड़े और कार्यक्रम को सफल बनाएं। उन्होंने नागरिकों से पौधा लगाने का आग्रह भी किया। उन्होंने स्वयं के प्रतिदिन पौधारोपण की भी जानकारी दी। (एजेंसी, हि.स.)

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